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High level review meeting in MHA : गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने एक उच्चस्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा की. बैठक एनएसए अजीत डोभाल और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में हुई.

Union Home Minister Amit Shah
गृह मंत्री अमित शाह
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Published : Apr 13, 2023, 5:38 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने गुरुवार को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा सहित जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. शाह को केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जम्मू-कश्मीर में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई.

  • #WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah chairs a high-level review meeting in the Ministry of Home Affairs at the North Block on the security situation in Jammu and Kashmir

    NSA Ajit Doval, Jammu and Kashmir LG Manoj Sinha, Home Secretary Ajay Bhalla, DGP Jammu and… pic.twitter.com/KdOKbJRdFj

    — ANI (@ANI) April 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval), जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha), केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया.

उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति, सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को जिस तरह से निशाना बनाया जा रहा है, उसको लेकर यहां बैठक में चर्चा की गई.

6 अप्रैल को डीजीपी सिंह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन यह कम हो रहा है क्योंकि आतंकियों की संख्या अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की ओर धकेले जाने वाले स्थानीय युवक उस रास्ते को छोड़कर अब मुख्यधारा में लौट आए हैं.

30 मार्च को एक संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट ने जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले में एक सीमावर्ती गांव को हिला दिया था, जिससे जमीन में एक बड़ा गड्ढा बन गया था. पिछले वर्षों में जम्मू और कश्मीर में कई टारगेट किलिंग हुई हैं.

सरकार ने संसद को सूचित किया था कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जुलाई 2022 तक जम्मू-कश्मीर में पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य हिंदुओं और सिखों सहित 118 नागरिक मारे गए.

गौरतलब है कि गृह मंत्री ने पिछले साल अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की थी. शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और विकास पहलुओं पर 28 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली में एक समीक्षा बैठक भी की थी.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर सरकार अमित शाह के साथ बैठक में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का खाका पेश करेगी

(PTI)

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने गुरुवार को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा सहित जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. शाह को केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जम्मू-कश्मीर में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई.

  • #WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah chairs a high-level review meeting in the Ministry of Home Affairs at the North Block on the security situation in Jammu and Kashmir

    NSA Ajit Doval, Jammu and Kashmir LG Manoj Sinha, Home Secretary Ajay Bhalla, DGP Jammu and… pic.twitter.com/KdOKbJRdFj

    — ANI (@ANI) April 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval), जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha), केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया.

उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति, सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को जिस तरह से निशाना बनाया जा रहा है, उसको लेकर यहां बैठक में चर्चा की गई.

6 अप्रैल को डीजीपी सिंह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन यह कम हो रहा है क्योंकि आतंकियों की संख्या अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की ओर धकेले जाने वाले स्थानीय युवक उस रास्ते को छोड़कर अब मुख्यधारा में लौट आए हैं.

30 मार्च को एक संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट ने जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले में एक सीमावर्ती गांव को हिला दिया था, जिससे जमीन में एक बड़ा गड्ढा बन गया था. पिछले वर्षों में जम्मू और कश्मीर में कई टारगेट किलिंग हुई हैं.

सरकार ने संसद को सूचित किया था कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जुलाई 2022 तक जम्मू-कश्मीर में पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य हिंदुओं और सिखों सहित 118 नागरिक मारे गए.

गौरतलब है कि गृह मंत्री ने पिछले साल अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की थी. शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और विकास पहलुओं पर 28 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली में एक समीक्षा बैठक भी की थी.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर सरकार अमित शाह के साथ बैठक में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का खाका पेश करेगी

(PTI)

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