नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि आजादी के बाद से एक खास विचारक की सेवा के लिए शिक्षा, इतिहास के जरिए हम पर एक खास नैरेटिव थोपा गया है और 1947 से हमारे इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया है, लेकिन अब वह समय बदल गया है.
भारत के प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल द्वारा 'रेवोल्यूशनरीज़, द अदर स्टोरी ऑफ़ हाउ इंडिया विन्ड इट्स फ़्रीडम' पुस्तक के विमोचन (Amit Shah Released The Book) के अवसर पर नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी, नई दिल्ली में श्रोताओं को संबोधित करते हुए , अमित शाह ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की भूमिका को स्वीकार किया.
उन्होंने आगे कहा कि जब से भारत ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की है, एक विशेष कथा स्थापित की गई है और हम पर थोपी गई है, जिसके अनुसार किसी अन्य ने योगदान नहीं दिया है और आगे कहा कि यह विकृत इतिहास का प्रकटीकरण है. पुस्तक के शीर्षक में 'द अदर स्टोरी' शब्द इस पुस्तक का सारांश है. इतिहास में अन्य दृष्टिकोण भी हैं और केवल एक परिप्रेक्ष्य/कथा को उलटने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं कहता कि अहिंसक संघर्ष की स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं है, या यह इतिहास का हिस्सा नहीं है. यह इतिहास का हिस्सा है और इसका बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन हमेशा एक एकत्रित स्टैंड रहा है और इसके कारण ही हमें स्वतंत्रता मिली. उन्होंने सावरकर और अन्य क्रांतिकारियों के प्रयासों की भी सराहना की, जिनके नाम हमारे इतिहास में दफ़न हो गए लेकिन उन्होंने कहा कि 'इतिहास को कभी छुपाया नहीं जा सकता. यह एक न एक दिन हम पर प्रहार करेगा.'
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युवा इतिहासकारों, विद्वानों से इस तरह के अधिक सामूहिक आख्यानों के साथ आने का आग्रह करते हुए, अमित शाह ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में इतिहासकारों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी, लेकिन हमारी स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, एक बड़ा आख्यान छिपाया गया था, लेकिन वह समय चला गया है.