नई दिल्ली: तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थितियों को भारतीय जनता पार्टी के और अनुकूल बनाने के अगले प्रयासों के तहत वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेताओं से संवाद किया. दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा (BJP MP Parvesh Sahib Singh Verma) के आवास पर हुई इस बैठक को 'सामाजिक भाईचारा बैठक' का नाम दिया गया. बैठक, फिलहाल जारी है.
बैठक से पहले संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि चुनाव से पहले इस प्रकार की बैठकें होती रहती हैं और क्योंकि कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी बैठक करना संभव नहीं था, इसलिए इसे दिल्ली में आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा, 'चुनाव है तो मकसद चुनाव ही है. अमित शाह सबसे मिलेंगे. जाट नेता अपनी बात रखेंगे और फिर अमित शाह अपनी बात करेंगे. पहले भी हमें वोट मिला, उम्मीद करता हूं कि इस बार भी मिलेगा. कोई भी नहीं चाहता कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनें. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई भी अखिलेश यादव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.'
बैठक में जाट समुदाय के करीब 250 से अधिक प्रबुद्ध वर्ग के लोग और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व रखने वाले नेताओं के अलावा भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह भी शामिल हुए. प्रवेश वर्मा ने पत्रकारों से चर्चा में दावा किया कि जाट नेताओं में भाजपा के प्रति जो नाराजगी थी, वह अब नहीं है. उन्होंने कहा कि संवाद के दौरान जाट समाज अपनी बात रखेगा और फिर अमित शाह उनसे अपनी बात रखेंगे.
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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है. पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं. दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं.
पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा. पिछले चुनावों में भाजपा ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार किसान आंदोलन की वजह से क्षेत्र के किसानों और जाट समुदाय में भाजपा के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली है. ज्ञात हो कि किसानों, जाटों और दलितों के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी अच्छी है. हर चुनाव में भाजपा पर इस इलाके में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश के आरोप लगते रहे हैं.
इस बार भाजपा की ओर से 'पलायन' और '80 बनाम 20' जैसे मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है. अमित शाह ने पिछले दिनों कैराना का दौरा कर इन मुद्दों को धार देने की भी कोशिश की. शाह बृहस्पतिवार को मथुरा और गौतमबुद्धनगर नगर में घर-घर प्रचार अभियान करेंगे. इसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बागपत और गाजियाबाद में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान थामेंगे.
(पीटीआई-भाषा)