शिलांग : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर दौरे के दूसरे दिन रविवार को मेघायल की राजधानी शिलांग में असम राइफल्स के ग्रीन सोहरा प्लांटेशन ड्राइव (Green Sohra Plantation Drive) का शुभारंभ किया. पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी कार्यक्रम में भाग लिया.
इस मौके पर शाह ने कहा कि केवल 25-30 वर्षों में चेरापूंजी ने अपना हरा-भरा दर्जा खो दिया है. इसका मुख्य कारण विकास के लिए पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई है. हमने चेरापूंजी को फिर से हरा-भरा बनाने का संकल्प लिया है.
बता दें कि पूर्वोत्तर दौरे के पहले दिन शनिवार को अमित शाह ने शिलांग के मावियोंग में अंतर-राज्यीय बस टर्मिनस (आईएसबीटी) सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था. उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) द्वारा वित्त पोषित, आईएसबीटी को 48.31 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था. गृह मंत्री ने शिलांग से 20 किलोमीटर दूर उमियाम में पूर्वोत्तर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) की समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की थी.
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र देश का विकास स्थल होगा और क्षेत्र के आठ राज्यों की सभी राज्यों की राजधानियों को 2023-24 तक हवाईसेवा और रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा.
शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले घोषणा की थी कि 2022 से पहले, आठ पूर्वोत्तर राज्यों की सभी राजधानी शहरों को हवाई और रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण परियोजनाओं में थोड़ी देरी हुई है, हालांकि परियोजनाएं पाइपलाइन पर हैं. 2023-24 तक क्षेत्र के आठ राज्यों की सभी राज्यों की राजधानियों को हवाई और रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, हालांकि कुछ राज्यों की राजधानियां पहले से ही जुड़ी हुई हैं.
पूर्वोत्तर राज्यों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की कनेक्टिविटी में सुधार करना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि कनेक्टिविटी के बिना विकास संभव नहीं होगा. सभी पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए सड़क, रेल, हवाई और जलमार्ग नेटवर्क को विकसित करने और आगे बढ़ाने के लिए कार्यो को अत्यंत प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है.
शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास और आठ राज्यों के लोगों की आर्थिक समृद्धि के लिए सभी क्षेत्रों में बहुत सारे विकास और कल्याण कार्य किए हैं.
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गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के पास इस क्षेत्र के लिए तीन महत्वपूर्ण फोकस बिंदु हैं- क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा का संरक्षण और विकास, पूर्वोत्तर राज्यों के बीच आंतरिक विवादों का समाधान करना और इस क्षेत्र को भारत के लिए एक विकास केंद्र और विकास का गंतव्य बनाना.