जगदलपुर: अमित शाह ने CRPF के 84वें स्थापना दिवस की बधाई दी. उन्होंने कहा कि "CRPF के स्वर्णिम इतिहास को लिखते हुए 2249 जवान वीर गति को प्राप्त हुए. मैं सभी 2249 जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं". अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए ड्यूटी करते हुए शहीद हुए 36 हजार वीर जवानों को नमन किया.
अमित शाह ने कहा कि "सीआरपीएफ की स्थापना के बाद पहली बार बस्तर में इस बल का फाउंडेशन डे मना रहे हैं. वामपंथी उग्रवाद के बढ़ते अभियान को समाप्त करते हुए CRPF के 763 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. मैं उन सभी वीर जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं. आज हम वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ सफलता प्राप्त कर रहे हैं, इसमें इन जवानों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है. जम्मू-कश्मीर से लेकर सुदूर के जनजातीय इलाकों तक, शांति एवं विकास के कार्यों को स्थापित करने में CRPF के जवानों की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता.''
नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई आखिरी पड़ाव पर: शाह ने कहा कि "वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई विजय के अंतिम पड़ाव पर दिखाई पड़ती है, इसकी नींव में आपके परिजनों के सर्वोच्च बलिदान का अहम योगदान है. पल पल सजग रहकर जवानों ने जान जोखिम में डालकर आदिवासियों तक विकास पहुंचाया है. सीआरपीएफ जवानों ने देश दुनिया के सामने अपनी वीरता का परिचय दिया है. देश की आंतरिक सुरक्षा के इतिहास में सीआरपीएफ का अहम योगदान है. यह सीआरपीएफ जवानों के साहस, शौर्य और बलिदान की वजह से संभव हुआ है.''
अमित शाह ने यह भी कहा कि '' सीआरपीएफ के तीन अलग अलग प्रोजेक्ट के करीब 174 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ है. हलबी भाषा में साप्ताहिक समाचार बुलेटिन शुरू हुआ है. इसके लिए आकाशवाणी और दूरदर्शन को बधाई देता हूं. इस कोशिश से स्थानीय भाषाएं मजबूत होंगी. अपनी भाषा में आदिवासियों को समाचार मिलेगा. देश दुनिया से उनका संपर्क बढ़ेगा, जानकारी मिलेगी.''
महिला बाइकर्स की तारीफ: अमित शाह ने सीआरपीएफ की महिला विंग को भी बधाई दी. सीआरपीएफ ने कहा कि ''75 महिला जवानों ने 9 मार्च से 1848 किलोमीटर की यात्रा पूरी की है. मैं नारी शक्ति को नमन करता हूं. उनके शौर्य से महिला सशक्तिकरण का संदेश मिला है. इस टीम ने सीआरपीएफ की नारी शक्ति का परिचय पूरे देश को दिया है. 27 जुलाई 1939 को सीआरपीएफ की स्थापना हुई. 28 दिसंबर 1949 को सरदार पटेल ने इसका नाम बदलकर सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स रखा. एक बटालियन से शुरू हुई सीआरपीएफ आज समृद्ध हो चुकी है. आज 246 बटालियन, 4 जोनल मुख्यालय, 21 सेक्टर मुख्यालय हैं. 17 परिचालन रेंज हैं. सवा 3 लाख से ज्यादा जवान हैं. हम सभी को इसका गर्व है.''
नक्सलियों को चेतावनदी देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि" नक्सलियों के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम पड़ाव पर है. देश की आंतरिक सुरक्षा के इतिहास में सीआरपीएफ का अहम योगदान है. सीआरपीएफ की वजह से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास हो रहा है.बिहार और झारखंड में सुरक्षा का वैक्यूम समाप्ति की ओर है. वामपंथी उग्रवाद की फंडिंग रोकने के लिए एनआईए और ED भी कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं."
अमित शाह ने कहा कि "सीआरपीएफ की वजह से ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के काम हो रहे हैं. 'हमारे सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ी है. हर मोर्चे पर हमने विजय हासिल की है. नक्सली आदिवासियों के विकास में रोड़ा हैं. अस्पताल, स्कूल, रोड समेत सभी विकास कार्य के आगे से रूकावट हटाने का काम सीआरपीएफ ने किया है. मैं सीआरपीएफ के बहादुर जवानों को इसका श्रेय देता हूं. सीआरपीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अपने संगठन कौशल का परिचय दिया है. हम आज शान से खड़े होकर 84वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.''
पिछले कुछ सालों में नक्सली हिंसा में भी कमी आई है. अमित शाह ने बताया कि ''नक्सली हिंसा में साल 2010 के मुकाबले 76 फीसदी की कटौती आई है. 2010 के मुकाबले नक्सल घटनाओं में कमी आई है. ज्वाइंट टास्क फोर्स भी बनाई गई है. जवाइंट कैंप भी बनाए गए हैं. बूढ़ापहाड़, चक्रबंधा, पारसनाथ ट्राई जंक्शन पूरी तरह नक्सल मुक्त हो चुका है. बिहार और झारखंड में सुरक्षा का वैक्यूम समाप्ति की ओर है. वामपंथी उग्रवाद की फंडिंग को रोकने के लिए एनआईए और ED भी केस दर्ज कर कठोर कार्रवाई कर रहे हैं.
नक्सल इलाकों में पहुंच रहा विकास: शाह ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास पहुंच रहा है. 2343 मोबाइल टावर लग चुके हैं. इन मोबाइल टावर को 4 जी में कंवर्ट किया जा रहा है. लगातार एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं. 1348 एटीएम खोले गए हैं. 47 आईटीआई खोले गए हैं. लगातार स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जा रहे हैं. ट्राइबल यूथ एक्शन प्रोग्राम के तहत 4 हजार ट्राइबल बच्चों को देश के अन्य हिस्सों में ले जाया जा रहा है, ताकि वे देश को बेहतर ढंग से समझ सकें.''