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Power Crisis India: बिजली संकट के बीच आरके सिंह ने अमित शाह से की मुलाकात - Power Crisis India

देश में चल रहे बिजली संकट के बीच आरके सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की है. बिजली मंत्री व गृह मंत्री की यह महत्वपूर्ण मुलाकात तब हुई है, जब देश के ज्यादातर राज्य बिजली की समस्या से ग्रस्त हैं.

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Published : May 2, 2022, 6:21 PM IST

नई दिल्ली: देश भर से आ रही बिजली की बढ़ती मांग के बीच बिजली मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. हालांकि बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैठक विशेष रूप से बिजली के मुद्दे से संबंधित नहीं थी.

अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि बिजली मंत्री आम तौर पर गृह मंत्री से मिलते हैं. ऐसा कोई एजेंडा नहीं था कि बैठक बिजली के मुद्दों पर होगी. हालांकि सोमवार की बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत भर के राज्य कोयले की कमी के कारण गंभीर बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. सिंह ने दिन के दौरान राज्य सरकारों के कुछ प्रतिनिधियों, परियोजना डेवलपर्स के साथ-साथ ऋणदाताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की है. जिसमें 7150 मेगावाट के दबाव वाले या परिसमापन कोयला आधारित परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के उपायों पर चर्चा की गई.

यह भी पढ़ें- कई राज्यों में दो बार गहराया बिजली संकट, श्वेत पत्र जारी करें केंद्रीय ऊर्जा मंत्री: अवधेश कुमार

गौरतलब है कि अप्रैल में बिजली की जरूरत 14 फीसदी बढ़कर 134 अरब यूनिट तक पहुंच गई. हालांकि बिजली मंत्रालय को उम्मीद है कि अप्रैल में लगभग 215-GW की तुलना में मई में पीक डिमांड बढ़कर 220-GW हो सकती है. अप्रैल में अधिकतम मांग 207 गीगावॉट पूरी हुई. पिछली साल बिजली की आवश्यकता अगस्त में 130 बिलियन यूनिट थी. गौरतलब है कि भारत में बिजली पारंपरिक (थर्मल, न्यूक्लियर और हाइड्रो) और नवीकरणीय स्रोतों (पवन, सौर, बायोमास आदि) से उत्पन्न होती है. हालांकि बिजली का प्रमुख उत्पादन कोयले के माध्यम से प्राप्त किया जाता है.

नई दिल्ली: देश भर से आ रही बिजली की बढ़ती मांग के बीच बिजली मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. हालांकि बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैठक विशेष रूप से बिजली के मुद्दे से संबंधित नहीं थी.

अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि बिजली मंत्री आम तौर पर गृह मंत्री से मिलते हैं. ऐसा कोई एजेंडा नहीं था कि बैठक बिजली के मुद्दों पर होगी. हालांकि सोमवार की बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत भर के राज्य कोयले की कमी के कारण गंभीर बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. सिंह ने दिन के दौरान राज्य सरकारों के कुछ प्रतिनिधियों, परियोजना डेवलपर्स के साथ-साथ ऋणदाताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की है. जिसमें 7150 मेगावाट के दबाव वाले या परिसमापन कोयला आधारित परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के उपायों पर चर्चा की गई.

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गौरतलब है कि अप्रैल में बिजली की जरूरत 14 फीसदी बढ़कर 134 अरब यूनिट तक पहुंच गई. हालांकि बिजली मंत्रालय को उम्मीद है कि अप्रैल में लगभग 215-GW की तुलना में मई में पीक डिमांड बढ़कर 220-GW हो सकती है. अप्रैल में अधिकतम मांग 207 गीगावॉट पूरी हुई. पिछली साल बिजली की आवश्यकता अगस्त में 130 बिलियन यूनिट थी. गौरतलब है कि भारत में बिजली पारंपरिक (थर्मल, न्यूक्लियर और हाइड्रो) और नवीकरणीय स्रोतों (पवन, सौर, बायोमास आदि) से उत्पन्न होती है. हालांकि बिजली का प्रमुख उत्पादन कोयले के माध्यम से प्राप्त किया जाता है.

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