गुवाहाटी: असम के कामाख्या मंदिर में 22 जून से शुरू होने वाले चार दिवसीय वार्षिक अंबुबाची मेले से पहले देश के विभिन्न हिस्सों से भक्तों का गुवाहाटी पहुंचना शुरू हो गया है. अंबुबाची मेला ऐतिहासिक कामाख्या मंदिर में आयोजित होने वाला एक वार्षिक हिंदू मेला है और यह देवी मां कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म के उत्सव का प्रतीक है. आपको बता दें कामाख्या मंदिर असम में नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर स्थित है और 51 शक्तिपीठों में से एक है.
असम सरकार और कामाख्या मंदिर प्रबंधन समिति ने इस साल के अंबुबाची मेले के लिए सभी इंतजाम कर लिए हैं. राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के भोजन, पीने के पानी और शौचालय की सभी व्यवस्था की है और कई टेंट हाउस भी बनाए हैं. देशभर से और यहां तक कि इसके बाहर से भी भक्त आए हैं. उन्होंने बताया कि असम में मौजूदा बारिश की स्थिति के कारण पिछले वर्षों की तुलना में मतदान कम हो सकता है, उत्तर पूर्व में मानसून की शुरुआत के साथ भारी बारिश हो रही है.
कामाख्या मंदिर के पुजारी हिमाद्रि सरमा ने कहा कि इस साल अंबुबाची मेले की प्रवृत्ति (पूजा शुरू) 22 जून को दोपहर 2:30 बजे होगी. 22 जून से 25 जून तक तीन दिन और तीन रातों बाद निवृत्ति (पूजा संपन्न) की जाएगी. 26 जून की सुबह सूर्योदय के बाद निवृत्ति (पूजा) का समापन होगा. पूजा शुरू होने से पहले मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया जाएगा और पूजा संपन्न होने के बाद फिर से खोल दिया जाएगा.
26 व 27 जून को विशेष वीआईपी दर्शन बंद रहेंगे और आम श्रद्धालुओं को वरीयता दी जाएगी. लोग पूजा कर सकते हैं और सामान्य क्रम में देवी कामाख्या के दर्शन कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि अंबुबाची मेले की अवधि के दौरान सुरक्षा तैनाती बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा, 'हम अंबुबाची मेले के लिए एनसीसी, स्काउट और गाइड के लगभग 900 कैडेट और 100 अस्थायी सुरक्षा कर्मियों को तैनात करेंगे. हमने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए 400 और सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. प्रशासन अन्य स्थानों पर और सीसीटीवी कैमरे भी लगाएगा.
(एजेंसी)