नई दिल्ली : रिलायंस और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के बीच हुए समझौते के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई. अमेजन ने याचिका दायर कर रिलायंस रिटेल के साथ एफआरएल के विलय सौदे पर मध्यस्थता को फिर से शुरू करने, रिलायंस द्वारा फ्यूचर रिटेल की दुकानों और संपत्तियों के मुद्दे को उठाया था. सुनवाई के दौरान फ्यूचर रिटेल के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अमेजन हमें तबाह करना चाहता था और यह सफल रहा. अमेजन को फ्यूचर रिटेल नहीं मिल सका, इसलिए उसने कंपनी को ही नष्ट कर दिया है. फ्यूचर रिटेल पर जमीन मालिकों का हजारों करोड़ रुपये बकाया है. जमीन मालिकों की कार्रवाई उसके नियंत्रण से बाहर है. वह किराये का भुगतान करने में असमर्थ है, इसलिए उसे अपना स्टोर सरेंडर करना पड़ा.
सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि जमीन मालिकों का फ्यूचर रिटेल पर 3,000 करोड़ रुपये का किराया बकाया है. अगर एक बार कंपनी पर आईबीसी की धारा-7 लागू होती है तो सब खत्म हो जाएगा. अब कोई भी फ्यूचर रिटेल के साथ कारोबार नहीं करना चाहता है, क्योंकि धारा-7 किसी भी दिन आ सकती है. साल्वे ने कहा कि साल्वे ने कहा कि अमेजन ने 1,400 करोड़ रुपये में उनके क्लाइंट की कंपनी को तबाह कर दिया. साल्वे ने कहा कि अब बिग बाजार चला गया है और उसकी सभी संपत्तियां भी चलीं गई हैं.
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने साल्वे से पूछा, आप क्या कहना चाहते हैं कि 835 स्टोर लोगों ने आपको खाली करने के लिए कहा और आपने खाली कर दिया, और इन दुकानों को मालिकों ने खुद रिलायंस को पट्टे पर दिया था?" साल्वे ने हां में इसका जवाब दिया. अमेजन के वकील अगोपाल सुब्रमण्यम ने सुनवाई के दौरान फ्यूचर रिटेल की संपत्तियों को सरेंडर करने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जब तक ट्रिब्यूनल की ओर से मध्यस्थता पर कोई फैसला नहीं आता है तब तक फ्यूचर रिटेल की संपत्तियों का ट्रांसफर नहीं होना चाहिए. फ्यूचर रिटेल के बैंक अकाउंट का हवाला देते हुए अमेजन के वकील ने दावा किया कि कंपनी के पास किराये के भुगतान के लिए पर्याप्त पैसा है. अमेजन के दूसरे वकील अस्पी चिनॉय ने कहा कि मिलीभगत के तहत फ्यूचर रिटेल के 800 रिटेल स्टोर्स की लीज एमडीए ग्रुप को सौंप दी गई.
कोर्ट के एक सवाल पर हरीश साल्वे ने इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस साल फरवरी में, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को एनपीए का समाधान नहीं मिला और उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए. आज कोई हमें कुछ भी देने को तैयार नहीं है. कंपनी किसी तरह 374 स्टोर चला रही है. अधिकांश कर्मचारी चले गए हैं.
CJI एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की पीठ ने बेंच ने साल्वे से पूछा कि अगर फैसला अमेजन के पक्ष में आता है तो आपका क्या होगा? साल्वे ने कहा, उन्हें असुरक्षित लेनदारों की कतार में लगना होगा. अमेज़न हमें नष्ट करना चाहता था और उन्होंने हमें नष्ट कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 4 अप्रैल को होगी.