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कर्नाटक : दिव्यांग भाई-बहन की कला को देख हर कोई हैरान

कर्नाटक के उडुपी में एक ऐसे भाई-बहन है, जो जन्म से ही दिव्यांग हैं, लेकिन उनके इरादे बेमिसाल हैं, आज दोनों भाई-बहनों के हुनर को देख हर कोई हैरान है. इस सफर में उनके माता-पिता उनके सारथी बन उनके सपनों को पंख दे रहे हैं.

Amazing Art
हुनरबाजों की प्रतिभा
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Published : Dec 16, 2020, 8:51 PM IST

उडुपी (कर्नाटक) : इंसान अगर कुछ करने की ठान ले तो वह बड़े से बड़ा पहाड़ भी काट सकता है. इसके लिये जरूरी है, दृढ़ संकल्प और लक्ष्य है, जो हमें आगे बढ़ने में सहायता करते हैं. कर्नाटक के उडुपी में एक ऐसे ही दिव्यांग भाई-बहन हैं, जिन्होंने अपने सपनों को सकार करने के लिए अपने हुनर को नई पहचान दी है.

कहते हैं, खोजेंगे अगर तो ही रास्ते मिलेंगे, मंजिलो की फितरत है, खुद चलकर नहीं आते, हमें अपनी मंजिल के तरफ कदम उठाना ही पड़ता है. ऐसा ही एक निश्चय कर दोनों भाई-बहनों ने अपने जीवन को नई दिशा दी है.

बता दें कि, गणेश और सुमंगला जन्म से ही एक विशेष बीमारी से ग्रसित हैं. यहां तक की ये ठीक से खड़े होने में भी असमर्थ हैं. यह एक अजीब बीमारी है, जिसमें शरीर को थोड़ा सा भी हिलाने पर हड्डियां टूटने का खतरा बना रहता है, लेकिन इन सब के बावजूद गणेश और सुमंगला के हौसलों ने उनके सपनों को एक नई उड़ान दी है.

भाई-बहन की कला को देख हर कोई हैरान

गणेश और सुमंगला की इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत ने उन्हें आज एक कलाकार बना दिया है. आज वे अपने क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. गणेश, जो एक स्नातक छात्र हैं, ने सोशल नेटवर्किंग साइटों द्वारा चित्र बनाना सीखा. कई प्रतिष्ठित लोगों द्वारा उन्हें लगातार सम्मानित किया गया है. गणेश की बहन सुमंगला भी अपने भाई की तरह एक मुकाम हासिल करना चाहती हैं.

पढ़ें: विजय दिवस : जब पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने, बांग्लादेश का निर्माण

वहीं, दिव्यांग हुनरबाजों की प्रतिभा को सबके सामने लाने के लिए शहर में ऐसे कलाकारों के लिए कला प्रदर्शनी योग के माध्यम से विश्व रिकॉर्ड धारक तनुश्री पितरोडी के माता-पिता द्वारा स्पूर्ति 2020 कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां कार्यक्रम में भाग लेने के बाद गणेश और सुमंगला की प्रतिभा की सराहना हुई.

उडुपी (कर्नाटक) : इंसान अगर कुछ करने की ठान ले तो वह बड़े से बड़ा पहाड़ भी काट सकता है. इसके लिये जरूरी है, दृढ़ संकल्प और लक्ष्य है, जो हमें आगे बढ़ने में सहायता करते हैं. कर्नाटक के उडुपी में एक ऐसे ही दिव्यांग भाई-बहन हैं, जिन्होंने अपने सपनों को सकार करने के लिए अपने हुनर को नई पहचान दी है.

कहते हैं, खोजेंगे अगर तो ही रास्ते मिलेंगे, मंजिलो की फितरत है, खुद चलकर नहीं आते, हमें अपनी मंजिल के तरफ कदम उठाना ही पड़ता है. ऐसा ही एक निश्चय कर दोनों भाई-बहनों ने अपने जीवन को नई दिशा दी है.

बता दें कि, गणेश और सुमंगला जन्म से ही एक विशेष बीमारी से ग्रसित हैं. यहां तक की ये ठीक से खड़े होने में भी असमर्थ हैं. यह एक अजीब बीमारी है, जिसमें शरीर को थोड़ा सा भी हिलाने पर हड्डियां टूटने का खतरा बना रहता है, लेकिन इन सब के बावजूद गणेश और सुमंगला के हौसलों ने उनके सपनों को एक नई उड़ान दी है.

भाई-बहन की कला को देख हर कोई हैरान

गणेश और सुमंगला की इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत ने उन्हें आज एक कलाकार बना दिया है. आज वे अपने क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. गणेश, जो एक स्नातक छात्र हैं, ने सोशल नेटवर्किंग साइटों द्वारा चित्र बनाना सीखा. कई प्रतिष्ठित लोगों द्वारा उन्हें लगातार सम्मानित किया गया है. गणेश की बहन सुमंगला भी अपने भाई की तरह एक मुकाम हासिल करना चाहती हैं.

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वहीं, दिव्यांग हुनरबाजों की प्रतिभा को सबके सामने लाने के लिए शहर में ऐसे कलाकारों के लिए कला प्रदर्शनी योग के माध्यम से विश्व रिकॉर्ड धारक तनुश्री पितरोडी के माता-पिता द्वारा स्पूर्ति 2020 कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां कार्यक्रम में भाग लेने के बाद गणेश और सुमंगला की प्रतिभा की सराहना हुई.

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