गुवाहाटी: एक बड़े घटनाक्रम में, सीएम की विशेष सतर्कता सेल ने 105 करोड़ रुपये के एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) घोटाले में 1,433 पन्नों की एक व्यापक चार्जशीट दायर की है. रिकॉर्ड 87 दिनों के भीतर दायर की गई चार्जशीट में सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों, पत्रकारों और आरटीआई कार्यकर्ताओं सहित कुल 21 व्यक्तियों के नाम हैं. यह घोटाला एससीईआरटी द्वारा संचालित डी एल एड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) पाठ्यक्रम के आसपास घूमता है.
चार्जशीट में निलंबित आईएएस अधिकारी शेवाली देवी शर्मा, एससीईआरटी की पूर्व निदेशक समेत छह सरकारी अधिकारियों को दोषी पाया गया है. अन्य दोषी अधिकारी एलएन सोनोवाल, जय चंद्र लहकर, सोनामणि नाथ, रुबुल अली और रमिज़ुद्दीन अहमद हैं. इसके अलावा, आरोपपत्र में घोटाले में शामिल पांच ठेकेदारों को भी दोषी ठहराया गया है, जिसमें अजीत पाल सिंह, बिजेता शर्मा, राजेश जोशी, सारोंग मोरेह और राहुल अमीन शामिल हैं.
उनके साथ-साथ 10 आरटीआई कार्यकर्ताओं और पत्रकारों पर भी आरोप लगाए गए हैं, जिनमें पूजामणि दास, रविजीत गोगोई, मनोज दास, केशव गोगोई, बेनिन डोले, बिद्युत कलिता, डेविड अधिकारी, राजीव काकाती और अनुप सैकिया शामिल हैं. यह घोटाला, जिसके कारण पहले 21 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, डीएलएड पाठ्यक्रमों के लिए दूरस्थ खुली शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करने के बहाने धन के दुरुपयोग पर केंद्रित था.
पूर्व निदेशक शेवाली देवी शर्मा ने कथित तौर पर एससीईआरटी से धन निकालने के लिए ठेकेदारों राजेश कुमार जोशी और अजीत पाल सिंह के साथ मिलीभगत की. मुख्यमंत्री के सतर्कता सेल की विस्तृत जांच से धोखाधड़ी की भयावहता का खुलासा हुआ. दावा किया गया कि 27,897 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के बजाय, 1,06,828 शिक्षकों का गलत हिसाब लगाया गया और धन का दुरुपयोग किया गया.
यह घोटाला 2017 से 2022 तक फैला था, जिसमें शर्मा ने कथित तौर पर 105 करोड़ रुपये के गबन का फर्जी खर्च दिखाया था. इसके अलावा, एससीईआरटी कार्यालय ने एसी, शौचालय निर्माण और कार्यालय के बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे खर्चों के लिए फर्जी बिल पेश किए. इसके अतिरिक्त, शेवाली देवी शर्मा ने कथित तौर पर उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना करोड़ों रुपये के ठेके दिए.
इस कदाचार का पता चलने के बाद विजिलेंस सेल ने त्वरित कार्रवाई की और मार्च 2023 में मामला दर्ज किया, जिससे घोटाले में शामिल 21 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. 1,433 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करना अब न्याय पाने और जिम्मेदार लोगों को उनके कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. मामले के अगले चरण में पहुंचने पर अदालती कार्यवाही आगे बढ़ने की उम्मीद है.