श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा की समाप्ति पर शुक्रवार को 'समापन पूजा' की. इसी के साथ 44 दिनों तक चलने वाली पवित्र तीर्थयात्रा संपन्न हो गई. 'छड़ी मुबारक' (भगवान शिव की पवित्र गदा) गुरुवार को अमरनाथ में गुफा मंदिर में पहुंची, जब श्रावण पूर्णिमा रक्षा बंधन के साथ हुई. इस वर्ष की यात्रा बिना किसी आतंकवाद संबंधी घटनाओं के संपन्न हुई, क्योंकि यात्रा मार्ग, पारगमन शिविरों, आधार शिविरों और गुफा मंदिर को किसी भी हमले से सुरक्षित रखते हुए, 44 दिनों तक कई सुरक्षा बलों ने दिन-रात कड़ी मेहनत की.
सिन्हा ने कहा, 'मैं तीर्थयात्रियों के लिए इस कठिन यात्रा को बाधा मुक्त बनाने के मकसद से सभी हितधारकों और नागरिकों के निस्वार्थ योगदान की वास्तव में सराहना करता हूं.' राजभवन में आयोजित समारोह में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों- मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितीश्वर कुमार और बोर्ड के सदस्य डी. सी. रैना शामिल हुए. श्राइन बोर्ड और जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पवित्र गुफा में पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान के लिए सभी प्रबंध किए थे.
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि इस साल कुल 3.65 लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ के गुफा मंदिर में दर्शन किए. यह आंकड़ा पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि बादल फटने के कारण यात्रा तीन दिनों तक स्थगित रही और सुरक्षा बलों के प्रयासों से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने तीर्थयात्रा को जल्द से जल्द बहाल करना सुनिश्चित किया.
सिन्हा ने कहा कि 44 दिनों की यात्रा अवधि के दौरान 22 दिनों तक मौसम खराब रहा, जिससे तीर्थयात्रा प्रभावित हुई. उन्होंने कहा कि इस वर्ष यात्रा निवास सुविधाओं में यात्रियों को समायोजित करने की क्षमता 70,000 से बढ़ाकर 1,25,000 कर दी गई है. उन्होंने कहा, 'आरएफआईडी चिप्स ने तीर्थयात्रियों पर नजर रखने में एक बड़ी भूमिका निभाई. यात्रा मार्गों की निगरानी के लिए 3500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे.'
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उन्होंने कहा कि यात्रा शांतिपूर्ण रही और सोनमर्ग के बालटाल और पहलगाम के चंदनवाड़ी दोनों आधार शिविरों में तीर्थयात्रियों ने प्रशासन द्वारा किए गए विभिन्न सर्वेक्षणों के माध्यम से व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया. उपराज्यपाल ने तीर्थयात्रियों को पूरे दिल से समर्थन देने के लिए पुलिस, सेना, सीआरपीएफ तथा अन्य केंद्रीय बलों के साथ पहलगाम व बालटाल के स्थानीय लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, 'मैं खुले दिन से तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए पूरे कश्मीर के लोगों का शुक्रगुजार हूं.' उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की और शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा सुनिश्चित की.
बता दें, गत आठ जुलाई को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. इस साल की यात्रा के दौरान कुल 71 लोगों की मौत हुई, जिसमें बादल फटने से हुई मौतें भी शामिल हैं.