जम्मू : अमरनाथ यात्रा के लिए 8,700 से अधिक तीर्थयात्रियों का पांचवां जत्था रविवार को यहां आधार शिविर से दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ तीर्थस्थल के लिए रवाना हो गया. अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्री 326 वाहनों के काफिले में यहां भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुए. उन्होंने कहा कि बालटाल जाने वाले 2,618 तीर्थयात्री सबसे पहले भगवती नगर शिविर से 121 वाहनों में तड़के साढ़े तीन बजे रवाना हुए, इसके बाद 205 वाहनों से 6,155 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला पहलगाम के लिए रवाना हुआ.
काफिले के दौरान यातायात की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पंथा चौक यात्री शिविर (Pantha Chowk Yatri camp) का निरीक्षण किया. यात्रा के काफिले के दौरान यातायात पर प्रतिबंध को लेकर फल व्यापारियों के विरोध पर सिन्हा ने कहा, 'फलों और सब्जियों जैसी खराब होने वाली वस्तुओं के साथ परिवहन की आवाजाही को सुगम बनाया जाएगा लेकिन यात्रियों के काफिले के दौरान यातायात की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी.'
सिन्हा ने कहा कि 'सुरक्षा बलों ने अब तक बहुत तालमेल से काम किया है और अमरनाथ यात्रा में अब तक के सबसे अच्छे सुरक्षा बंदोबस्त हैं. अब तक श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार के पार पहुंच गई है और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है.' हाईवे पर तैनात सुरक्षा बलों ने यात्रा के काफिले के दौरान दो घंटे के लिए सभी तरह के यातायात को रोक दिया है. यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने यात्रियों के काफिले के दौरान जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नागरिक यातायात पर प्रतिबंध लगाने के लिए एलजी प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं.
गौरतलब है कि वार्षिक 43-दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को दोनों आधार शिविरों - दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में 48 किलोमीटर के नुनवान-पहलगाम मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से शुरू हुई. अधिकारियों ने बताया कि सुबह नौ बजे तक 39,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ के शिवलिंग की पूजा अर्चना की.
अधिकारियों ने कहा कि पहलगाम के लिए रवाना हुए 6,155 तीर्थयात्रियों में 1,924 महिलाएं, 12 बच्चे और दो ट्रांसजेंडर हैं, जबकि बालटाल जाने वाले समूह में 709 महिलाएं शामिल हैं. इसके साथ, 29 जून से घाटी के लिए भगवती नगर आधार शिविर से कुल 31,987 तीर्थयात्री रवाना हुए हैं. इसी दिन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी. यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी.
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