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Amarnath Yatra 2023 : एक जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, सरकार ने की ऐसी व्यवस्था

62 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 2023 (Amarnath Yatra 2023) की सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं. 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होगी. इस बार कई लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इस खबर में यात्रा के बारे में विस्तार से जानिए.

Amarnath Yatra 2023
अमरनाथ यात्रा
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Published : Jun 27, 2023, 5:14 PM IST

Updated : Jun 27, 2023, 5:21 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2023 (Amarnath Yatra 2023) एक जुलाई से शुरू होने वाली है, इसके लिए 30 जून को जम्मू आधार शिविर भगवती नगर से पहला जत्था कश्मीर के लिए रवाना होगा. यात्रा को लेकर कई लेयर की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है. 2022 में 3.45 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे, इस बार यह आंकड़ा पांच लाख तक जा सकता है.

बाबा अमरनाथ पवित्र गुफा
बाबा अमरनाथ पवित्र गुफा

62 दिवसीय यात्रा : दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर अमरनाथ मंदिर स्थित है. पवित्र गुफा मंदिर के लिए 62 दिवसीय लंबी यात्रा की निर्धारित शुरुआत से एक दिन पहले 30 जून को जम्मू आधार शिविर भगवती नगर से कश्मीर के लिए रवाना होगा. वहीं, वार्षिक तीर्थयात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त तक जारी रहेगी.

वाहनों की निगरानी
वाहनों की निगरानी

दो मार्ग से की जा सकती है यात्रा : अमरनाथ यात्रा के दो मार्ग हैं, एक लंबा और एक छोटा. कोई भी अपनी सुविधा और कठिनाई के स्तर के आधार पर अमरनाथ मंदिर के लिए मार्ग चुन सकता है.

अमरनाथ यात्रा रूट पर पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं (फाइल फोटो)
अमरनाथ यात्रा रूट पर पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं (फाइल फोटो)

बालटाल रूट : बालटाल से अमरनाथ यात्रा करने वालों के लिए रूट बालटाल से डोमाली, बरारी, संगम होते हुए अमरनाथ गुफा है. इस रूट से बालटाल से शुरू होकर पहला पड़ाव डोमाली में समाप्त होता है. दूरी लगभग 2 किलोमीटर है. यहां से बरारी 6 किमी और फिर संगम 4 किमी दूर है. इसके बाद अमरनाथ गुफा सिर्फ 2 किलोमीटर दूरी पर रह जाती है.

यह सबसे छोटा मार्ग है, जिसमें केवल 1 से 2 दिन (राउंड ट्रिप) लगते हैं. बालटाल से अमरनाथ गुफा तक का रास्ता लगभग 14 किलोमीटर लंबा है. हालांकि यह मार्ग थोड़ा कठिन है. इस मार्ग पर कोई टट्टू नहीं है.

अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा

पहलगाम रूट : दूसरा रूट पहलगाम से है, जिसकी अमरनाथ गुफा तक की दूरी करीब 36 से 48 किलोमीटर है. इसे पूरा करने में (एकतरफा) 3 से 5 दिन लगते हैं. पहलगाम से अमरनाथ यात्रा पहलगाम के आधार शिविर से शुरू होती है और चंदनवारी में समाप्त होती है. अधिकांश तीर्थयात्री इस मार्ग को पसंद करते हैं क्योंकि यह न केवल बालटाल मार्ग से आसान है बल्कि अधिक सुंदर भी है. यात्रा पहलगाम से चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, ज़ोजी बल, नागा कोटि, शेषनाग, वारबल, महागुनास टॉप, पाबीबल, पंचतरणी, संगम होते हुए चंदनवारी में समाप्त होती है.

चंदनवारी से 13 किलोमीटर का ट्रेक आपको शेषनाग तक ले जाता है, उसके बाद 4.6 किलोमीटर का ट्रेक पंचतरणी तक जाता है. यहां से 2 किमी की पैदल दूरी आपको भगवान शिव के निवास, अमरनाथ गुफा तक ले जाएगी.

हेलीकॉप्टर रूट : जो लोग अमरनाथ यात्रा पर चलने में असहज हैं, वे अमरनाथ हेलीकॉप्टर सेवाओं का विकल्प चुन सकते हैं. बालटाल और पहलगाम में हेलीपैड से अमरनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की व्यवस्था है.

  • बालटाल - पंचतरणी - बालटाल मार्ग (पंचतरणी से पवित्र गुफा तक 2 किमी का सफर)
  • पहलगाम - पंचतरणी - पहलगाम मार्ग (पंचतरणी से पवित्र गुफा तक 6 किमी का सफर)

अमरनाथ गुफा तक पालकी किराए पर लेने के विकल्प भी उपलब्ध हैं. लेकिन वे आपको गुफा तक पहुंचने से 2 किमी पहले ही छोड़ देंगे. बालटाल मार्ग पर यह विकल्प उपलब्ध नहीं है.

Lieutenant General Upendra Dwivedi had reviewed the route
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लिया था रूट का जायजा

सुरक्षा व्यवस्था : उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीतें दिनों सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था. सूत्रों ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को इस बार गुफा मंदिर की सुरक्षा का काम सौंपा गया है और सीढ़ियों के ठीक नीचे सीआरपीएफ को तैनात किया जाएगा. आईटीबीपी और बीएसएफ जवानों को मार्ग में छह अन्य स्थानों पर भी तैनात किया जाएगा, यह कार्य आमतौर पर सीआरपीएफ द्वारा किया जाता है.

हिंसा प्रभावित मणिपुर में और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए बड़ी संख्या में सीआरपीएफ इकाइयां तैनात की गई हैं, इसलिए देश के प्रमुख आंतरिक सुरक्षा बल को कश्मीर घाटी में यात्रा मार्ग को सुरक्षित करने के लिए कहा गया है.

डीजीपी ने दिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश : जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सभी सुरक्षा अधिकारियों से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए बहुत करीबी समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया. डीजीपी ने पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में अधिकारियों को बहुत करीबी समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया. डीजीपी ने संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लंगरों, भोजनालयों और पेट्रोल पंपों सहित सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया.

  • तीर्थयात्रियों की सुरक्षा की निगरानी के लिए ड्रोन और अन्य आवश्यक उपकरणों के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं.
  • डीजीपी ने यात्रा मार्ग पर पुलिस सहायता फोन नंबरों के साथ होर्डिंग्स लगाने का निर्देश दिया है.
  • रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती का निर्देश.
  • वाहनों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए जा रहे हैं.
  • अनावश्यक जाम से बचने के लिए लेन अनुशासन सुनिश्चित करने को कहा गया है.
  • यातायात प्रबंधन के लिए तैनात प्रत्येक यातायात पुलिस कर्मी को वायरलेस कवरेज दिया जाएगा.

ट्रैफिक पुलिस जम्मू के एसएसपी फैसल कुरैशी के मुताबिक लखनपुर, नगरोटा और कुंजवानी तीन स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी. राजमार्ग की स्थिति स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाएगी. ये स्क्रीन पहली बार लगाई जा रही हैं. इन पर पवित्र गुफा के रूट की स्थिति दिखेगी. सड़क की स्थिति और मौसम की जानकारी 24 घंटे स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाएगी.

सीआरपीएफ के डीजी ने की समीक्षा : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एसएल थाओसेन ने बालटाल आधार शिविर और पवित्र गुफा मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले कई पड़ाव स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. डीजी सीआरपीएफ ने अमरनाथ यात्रा 2023 के लिए तैनात सीआरपीएफ की परिचालन और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बालटाल, डोमेल, सरबल और नीलग्रथ स्थित शिविरों का दौरा किया.

बीएसएफ जवान भी तैयार : यात्रा को सफल बनाने के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवान भी तैयार हैं. बीएसएफ के उप महानिरीक्षक चितेर पाल ने कहा, 'हमारी सबसे बड़ी चुनौती अमरनाथ यात्रा है जो 1 जुलाई से शुरू हो रही है. हमने उसके लिए पूरी तैयारी कर ली है. हमारे जवान पूरी तरह से तैयार और सतर्क हैं.'

आपदा राहत टीम अलर्ट पर : पिछले साल 8 जुलाई, 2022 को बादल फटने जैसी घटना सामने आई थी. बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी. इसे देखते हुए इस बार किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बल की समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है.

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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2023 (Amarnath Yatra 2023) एक जुलाई से शुरू होने वाली है, इसके लिए 30 जून को जम्मू आधार शिविर भगवती नगर से पहला जत्था कश्मीर के लिए रवाना होगा. यात्रा को लेकर कई लेयर की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है. 2022 में 3.45 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे, इस बार यह आंकड़ा पांच लाख तक जा सकता है.

बाबा अमरनाथ पवित्र गुफा
बाबा अमरनाथ पवित्र गुफा

62 दिवसीय यात्रा : दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर अमरनाथ मंदिर स्थित है. पवित्र गुफा मंदिर के लिए 62 दिवसीय लंबी यात्रा की निर्धारित शुरुआत से एक दिन पहले 30 जून को जम्मू आधार शिविर भगवती नगर से कश्मीर के लिए रवाना होगा. वहीं, वार्षिक तीर्थयात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त तक जारी रहेगी.

वाहनों की निगरानी
वाहनों की निगरानी

दो मार्ग से की जा सकती है यात्रा : अमरनाथ यात्रा के दो मार्ग हैं, एक लंबा और एक छोटा. कोई भी अपनी सुविधा और कठिनाई के स्तर के आधार पर अमरनाथ मंदिर के लिए मार्ग चुन सकता है.

अमरनाथ यात्रा रूट पर पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं (फाइल फोटो)
अमरनाथ यात्रा रूट पर पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं (फाइल फोटो)

बालटाल रूट : बालटाल से अमरनाथ यात्रा करने वालों के लिए रूट बालटाल से डोमाली, बरारी, संगम होते हुए अमरनाथ गुफा है. इस रूट से बालटाल से शुरू होकर पहला पड़ाव डोमाली में समाप्त होता है. दूरी लगभग 2 किलोमीटर है. यहां से बरारी 6 किमी और फिर संगम 4 किमी दूर है. इसके बाद अमरनाथ गुफा सिर्फ 2 किलोमीटर दूरी पर रह जाती है.

यह सबसे छोटा मार्ग है, जिसमें केवल 1 से 2 दिन (राउंड ट्रिप) लगते हैं. बालटाल से अमरनाथ गुफा तक का रास्ता लगभग 14 किलोमीटर लंबा है. हालांकि यह मार्ग थोड़ा कठिन है. इस मार्ग पर कोई टट्टू नहीं है.

अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा

पहलगाम रूट : दूसरा रूट पहलगाम से है, जिसकी अमरनाथ गुफा तक की दूरी करीब 36 से 48 किलोमीटर है. इसे पूरा करने में (एकतरफा) 3 से 5 दिन लगते हैं. पहलगाम से अमरनाथ यात्रा पहलगाम के आधार शिविर से शुरू होती है और चंदनवारी में समाप्त होती है. अधिकांश तीर्थयात्री इस मार्ग को पसंद करते हैं क्योंकि यह न केवल बालटाल मार्ग से आसान है बल्कि अधिक सुंदर भी है. यात्रा पहलगाम से चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, ज़ोजी बल, नागा कोटि, शेषनाग, वारबल, महागुनास टॉप, पाबीबल, पंचतरणी, संगम होते हुए चंदनवारी में समाप्त होती है.

चंदनवारी से 13 किलोमीटर का ट्रेक आपको शेषनाग तक ले जाता है, उसके बाद 4.6 किलोमीटर का ट्रेक पंचतरणी तक जाता है. यहां से 2 किमी की पैदल दूरी आपको भगवान शिव के निवास, अमरनाथ गुफा तक ले जाएगी.

हेलीकॉप्टर रूट : जो लोग अमरनाथ यात्रा पर चलने में असहज हैं, वे अमरनाथ हेलीकॉप्टर सेवाओं का विकल्प चुन सकते हैं. बालटाल और पहलगाम में हेलीपैड से अमरनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की व्यवस्था है.

  • बालटाल - पंचतरणी - बालटाल मार्ग (पंचतरणी से पवित्र गुफा तक 2 किमी का सफर)
  • पहलगाम - पंचतरणी - पहलगाम मार्ग (पंचतरणी से पवित्र गुफा तक 6 किमी का सफर)

अमरनाथ गुफा तक पालकी किराए पर लेने के विकल्प भी उपलब्ध हैं. लेकिन वे आपको गुफा तक पहुंचने से 2 किमी पहले ही छोड़ देंगे. बालटाल मार्ग पर यह विकल्प उपलब्ध नहीं है.

Lieutenant General Upendra Dwivedi had reviewed the route
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लिया था रूट का जायजा

सुरक्षा व्यवस्था : उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीतें दिनों सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था. सूत्रों ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को इस बार गुफा मंदिर की सुरक्षा का काम सौंपा गया है और सीढ़ियों के ठीक नीचे सीआरपीएफ को तैनात किया जाएगा. आईटीबीपी और बीएसएफ जवानों को मार्ग में छह अन्य स्थानों पर भी तैनात किया जाएगा, यह कार्य आमतौर पर सीआरपीएफ द्वारा किया जाता है.

हिंसा प्रभावित मणिपुर में और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए बड़ी संख्या में सीआरपीएफ इकाइयां तैनात की गई हैं, इसलिए देश के प्रमुख आंतरिक सुरक्षा बल को कश्मीर घाटी में यात्रा मार्ग को सुरक्षित करने के लिए कहा गया है.

डीजीपी ने दिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश : जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सभी सुरक्षा अधिकारियों से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए बहुत करीबी समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया. डीजीपी ने पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में अधिकारियों को बहुत करीबी समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया. डीजीपी ने संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लंगरों, भोजनालयों और पेट्रोल पंपों सहित सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया.

  • तीर्थयात्रियों की सुरक्षा की निगरानी के लिए ड्रोन और अन्य आवश्यक उपकरणों के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं.
  • डीजीपी ने यात्रा मार्ग पर पुलिस सहायता फोन नंबरों के साथ होर्डिंग्स लगाने का निर्देश दिया है.
  • रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती का निर्देश.
  • वाहनों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए जा रहे हैं.
  • अनावश्यक जाम से बचने के लिए लेन अनुशासन सुनिश्चित करने को कहा गया है.
  • यातायात प्रबंधन के लिए तैनात प्रत्येक यातायात पुलिस कर्मी को वायरलेस कवरेज दिया जाएगा.

ट्रैफिक पुलिस जम्मू के एसएसपी फैसल कुरैशी के मुताबिक लखनपुर, नगरोटा और कुंजवानी तीन स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी. राजमार्ग की स्थिति स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाएगी. ये स्क्रीन पहली बार लगाई जा रही हैं. इन पर पवित्र गुफा के रूट की स्थिति दिखेगी. सड़क की स्थिति और मौसम की जानकारी 24 घंटे स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाएगी.

सीआरपीएफ के डीजी ने की समीक्षा : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एसएल थाओसेन ने बालटाल आधार शिविर और पवित्र गुफा मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले कई पड़ाव स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. डीजी सीआरपीएफ ने अमरनाथ यात्रा 2023 के लिए तैनात सीआरपीएफ की परिचालन और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बालटाल, डोमेल, सरबल और नीलग्रथ स्थित शिविरों का दौरा किया.

बीएसएफ जवान भी तैयार : यात्रा को सफल बनाने के लिए सीमा सुरक्षा बल के जवान भी तैयार हैं. बीएसएफ के उप महानिरीक्षक चितेर पाल ने कहा, 'हमारी सबसे बड़ी चुनौती अमरनाथ यात्रा है जो 1 जुलाई से शुरू हो रही है. हमने उसके लिए पूरी तैयारी कर ली है. हमारे जवान पूरी तरह से तैयार और सतर्क हैं.'

आपदा राहत टीम अलर्ट पर : पिछले साल 8 जुलाई, 2022 को बादल फटने जैसी घटना सामने आई थी. बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी. इसे देखते हुए इस बार किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बल की समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है.

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Last Updated : Jun 27, 2023, 5:21 PM IST
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