जम्मू : अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए अब तक लगभग 3 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है, जबकि सैकड़ों तीर्थयात्री जम्मू पहुंच चुके हैं. सरकार इस साल तीर्थयात्रियों के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) प्रणाली शुरू कर रही है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रास्ते में उनकी आवाजाही पर नज़र रखी जा सके. जम्मू रेलवे स्टेशन पर तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड जारी किए जा रहे हैं.
श्री अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 30 जून को पहलगाम के नुनवन बेस कैंप और बाल टाल बेस कैंप (BalTal Base Camp ) से अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए पवित्र गुफा के लिए रवाना होगा. इस बार यात्रा के लिए सुरक्षा के असाधारण इंतजाम के अलावा चिकित्सा और अन्य व्यवस्थाओं को भी अंतिम रूप दे दिया गया है. पवित्र गुफा तक यात्रा मार्ग को भी सुगम बना दिया गया है. तीर्थयात्रियों का पहला जत्था यात्रा की आधिकारिक शुरुआत से एक दिन पहले भगवती नगर और जम्मू के राम मंदिर से कश्मीर के जुड़वां आधार शिविरों के लिए रवाना होगा. यात्रा परंपरागत अनुसार बंधन पर्व पर समाप्त होगी. इस बार 11 अगस्त को रक्षाबंधन है.
एसएएसबी के एक अधिकारी ने कहा, 'यात्रा के लिए अब तक करीब तीन लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है.' जम्मू से कश्मीर तक कोई भी यात्रा वाहन बिना आरओपी के चलने नहीं दिया जाएगा. सीसीटीवी और ड्रोन कैमरा सेवाओं के अलावा, एक थ्री लेयर सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य प्रमुख राजमार्गों पर असाधारण सुरक्षा व्यवस्था की गई है. यात्रियों और सेवा प्रदाताओं के परिवहन की निगरानी के लिए इस बार आरएफआईडी और जीपीएस चिप का उपयोग किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और सेना की भी सेवाएं ली गई हैं.
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