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पंजाब के CM अमरिंदर सिंह का शहीदों को नमन, मेमोरियल पार्क का किया उद्घाटन

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Published : Aug 15, 2021, 9:52 AM IST

13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन सैकड़ों सालों से लगने वाला एक मेला लगा था. इस दौरान मेले में हजारों की भीड़ इकट्ठी हुई थी. कई दिग्गज नेता इस दिन भाषण देने वाले थे. जब नेता मंच पर खड़े होकर भाषण देने लगे, तो ब्रिगेडियर जनरल डायर 90 सैनिकों के साथ वहां आ धमका. सैनिकों को देख कर नेताओं ने लोगों से कहा कि वह शांत बैठें, लेकिन तभी अंग्रेजों की तरफ से गोलियां चला दी गईं.

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह

अमृतसर : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को यहां जलियांवाला बाग शताब्दी स्मारक पार्क का उद्घाटन किया. यह स्मारक 13 अप्रैल, 1919 के नरसंहार में मारे गए सभी लोगों की याद में स्थापित किया गया है.

मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों को स्मारक समर्पित करते हुए कहा कि गोरी नरसंहार स्थल पर यह दूसरा स्मारक उन सभी अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी.

सिंह ने कहा कि मारे गए लोगों की सही संख्या कोई नहीं जानता, हालांकि डीसी कार्यालय में केवल 488 के नाम हैं जो जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजों की गोलियों के शिकार हुए। ये गोलियां पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ओ' डायर के आदेश पर चलाई गई थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दिन 1,250 गोलियां चलाई गईं, वास्तव में यह संख्या हजारों में रही होगी. अमृत आनंद पार्क, रंजीत एवेन्यू में 3.5 करोड़ रुपये की लागत से 1.5 एकड़ में स्मारक बनाया गया है.

ये भी पढे़ं : 75वां स्वतंत्रता दिवस : लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी बोले- उठो तिरंगा लहरा दो, यही समय है

जलियांवाला बाग हत्याकांड

बता दें, 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन सैकड़ों सालों से लगने वाला एक मेला लगा था. इस दौरान मेले में हजारों की भीड़ इकट्ठी हुई थी. कई दिग्गज नेता इस दिन भाषण देने वाले थे. यहां तक कि शहर में कर्फ्यू लगाया गया था, लेकिन फिर भी लोग मेला देखने के लिए आए थे. जब नेता मंच पर खड़े होकर भाषण देने लगे, तो ब्रिगेडियर जनरल डायर 90 सैनिकों के साथ वहां आ धमका. उन सभी सैनिकों के हाथों में बंदूकें थे. सैनिकों को देख कर नेताओं ने लोगों से कहा कि वह शांत बैठें, लेकिन तभी अंग्रेजों की तरफ से गोलियां चला दी गईं.

(भाषा)

अमृतसर : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को यहां जलियांवाला बाग शताब्दी स्मारक पार्क का उद्घाटन किया. यह स्मारक 13 अप्रैल, 1919 के नरसंहार में मारे गए सभी लोगों की याद में स्थापित किया गया है.

मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों को स्मारक समर्पित करते हुए कहा कि गोरी नरसंहार स्थल पर यह दूसरा स्मारक उन सभी अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी.

सिंह ने कहा कि मारे गए लोगों की सही संख्या कोई नहीं जानता, हालांकि डीसी कार्यालय में केवल 488 के नाम हैं जो जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजों की गोलियों के शिकार हुए। ये गोलियां पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ओ' डायर के आदेश पर चलाई गई थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दिन 1,250 गोलियां चलाई गईं, वास्तव में यह संख्या हजारों में रही होगी. अमृत आनंद पार्क, रंजीत एवेन्यू में 3.5 करोड़ रुपये की लागत से 1.5 एकड़ में स्मारक बनाया गया है.

ये भी पढे़ं : 75वां स्वतंत्रता दिवस : लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी बोले- उठो तिरंगा लहरा दो, यही समय है

जलियांवाला बाग हत्याकांड

बता दें, 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन सैकड़ों सालों से लगने वाला एक मेला लगा था. इस दौरान मेले में हजारों की भीड़ इकट्ठी हुई थी. कई दिग्गज नेता इस दिन भाषण देने वाले थे. यहां तक कि शहर में कर्फ्यू लगाया गया था, लेकिन फिर भी लोग मेला देखने के लिए आए थे. जब नेता मंच पर खड़े होकर भाषण देने लगे, तो ब्रिगेडियर जनरल डायर 90 सैनिकों के साथ वहां आ धमका. उन सभी सैनिकों के हाथों में बंदूकें थे. सैनिकों को देख कर नेताओं ने लोगों से कहा कि वह शांत बैठें, लेकिन तभी अंग्रेजों की तरफ से गोलियां चला दी गईं.

(भाषा)

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