अल्मोड़ा : उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमेश्वर निवासी रमेश सिंह मेहरा ने बेटे के फौज में भर्ती होने के बाद अपने बीपीएल राशन कार्ड को सस्ता गल्ला विक्रेता के पास जमा कर दिया है. मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे डॉनी गांव के रमेश सिंह मेहरा ने सरकारी आदेश का पालन किया है. रमेश सिंह मेहरा ने अपना बीपीएल राशन कार्ड सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता पूरन सिंह दोसाद को सौंप दिया.
उन्होंने बताया कि उनका बेटा भारतीय सेना में भर्ती हो गया है. इसलिए वह अपना बीपीएल राशन कार्ड जमा कर रहे हैं, ताकि गांव के किसी अन्य गरीब परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके और गरीब परिवार को बीपीएल राशन कार्ड निर्गत किया जा सके. रमेश सिंह मेहरा के इस कदम का अनेक लोगों ने स्वागत किया है. सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता पूरन सिंह दोसाद का कहना है कि सरकार ने आदेश दिए हैं कि जो भी परिवार बीपीएल के मानकों के अंतर्गत नहीं आते हैं, वह अपना राशन कार्ड स्वयं जमा कर दें. इसी परिप्रेक्ष्य में रमेश सिंह मेहरा ने अपना राशन कार्ड जमा कर अन्य लोगों को प्रेरित करने का सराहनीय कार्य किया है.
गौरतलब है कि बीपीएल और अंत्योदय श्रेणी के राशन कार्ड अपात्र लोगों को निर्गत करने की शिकायतें प्रत्येक ग्राम पंचायत से मिलती हैं. आरोप लगाए जाते हैं कि सेवानिवृत्त लोगों और पूर्व सैनिकों के बीपीएल राशन कार्ड सरकारी तंत्र की मिलीभगत से बना दिए जाते हैं. ऐसे में के डॉनी गांव के रमेश सिंह मेहरा ने बेटे के फौज में भर्ती होने के बाद अपना बीपीएल राशन कार्ड को सस्ता गल्ला विक्रेता के पास जमा कर एक मिसाल पेश की है.
क्या होता है बीपीएल राशन कार्ड : बीपीएल (Below Proverty Line) का मतलब है गरीबी रेखा से नीचे. ऐसे परिवार जो सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं, उन्हें बीपीएल राशन कार्ड जारी किया जाता है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को बीपीएल कार्ड जारी किये हैं.