नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के वरिष्ठ नेता अतुल अंजान ने कहा कि हमने पिछले लोकसभा चुनाव से बहुत कुछ सीखा है. पश्चिम बंगाल में यह राज्य स्तर की समझ से बना गठबंधन है.
अंजान ने कहा कि वाम मोर्चा विचारधारा में विश्वास करता है. सांप्रदायिकता देश के लिए एक बड़ा खतरा है. वे (कांग्रेस) इस मुद्दे को समझ गए हैं. इसलिए हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हाल ही में बंगाल चुनाव के लिए वाम मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन की घोषणा की है. 2016 के विधानसभा चुनाव में वाम और कांग्रेस एक साथ आए और 76 सीटें हासिल की थीं. अंजान ने कहा कि पार्टी (कांग्रेस) को इस बारे में आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि इसमें क्या गलत हो रहा है.
ममता पहले अपनी पार्टी देखें
अंजान ने कहा कि इससे पहले कांग्रेस ने सोचा था कि वह अकेले देश पर शासन करेगी, लेकिन 2009 से लोगों ने कांग्रेस छोड़ना शुरू कर दिया और 2014 में भाजपा सत्ता में आई. अब केंद्र में भाजपा सरकार देश को नष्ट कर रही है. वे हमेशा सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करते हैं.
अतुल अंजान ने कहा कि पहले ममता बनर्जी भाजपा के साथ थीं. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और आरएसएस द्वारा बुलाए गए कई कार्यों में भी भाग लिया. टीएमसी को अपने लिए सोचना चाहिए. उन्हें अपने मामलों को देखना चाहिए क्योंकि उनके कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं.
2019 चुनाव से मिली सीख
यहां उल्लेख किया जा सकता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टियों के बीच कोई समझौता नहीं था. वाम दलों ने अकेले चुनाव लड़ा और आम चुनाव में कांग्रेस को 42 में से केवल दो सीटें ही मिल पाईं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटें और टीएमसी 22 जीती हैं. 3 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश के साथ 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव की तारीखों की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी.
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चुनाव आयोग असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा. अतुल अंजन ने दावा किया कि हमारे समर्थन के बिना पश्चिम बंगाल में कोई सरकार नहीं होगी.