नई दिल्ली : जम्मू से दिल्ली जाने वाले चार यात्रियों से केबिन क्रू और पायलटों ने बार-बार मास्क पहनने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मास्क पहनने से इनकार कर दिया. इसके बाद दिल्ली हवाईअड्डे पर फ्लाइट के लैंड होने के तुरंत बाद चारों यात्रियों को सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया गया.
उल्लेखनीय रूप से विमानन नियामक महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइंस को 13 मार्च को जारी किए गए अपने परिपत्र की डिजिटाइज्ड कॉपी प्रदान करने का निर्देश दिया है. जिसमें कहा गया है कि जो यात्री बार-बार चेतावनी के बाद भी मास्क ठीक से नहीं पहनते हैं, उन्हें प्रस्थान से पहले उतारा जा सकता है. विमान में कोई भी यात्री मास्क पहनने से इनकार करता है या यात्रियों के लिए बने कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है तो उड़ान के दौरान ऐसे यात्री को अनियंत्रित यात्री माना जाएगा.
क्या कहते हैं नियम
डीजीसीए ने एएआई, सीआईएसएफ और एयरलाइन ऑपरेटरों को लिखे पत्र में कहा है कि सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (सीएआर) के अनुसार अनियंत्रित व्यवहार की तीन श्रेणियां हैं. स्तर-1, अनियंत्रित व्यवहार जिसके तहत दोषी पाए गए यात्री को तीन महीने तक उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. स्तर-2, वह अपराध जो शारीरिक व्यवहार से संबंधित है, ऐसे यात्री को छह महीने तक के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है. स्तर-3, यदि किसी यात्री के व्यवहार को जीवन के लिए खतरा माना जाता है तो उसे दो साल या उससे अधिक समय तक प्रतिबंधित किया जा सकता है.
एयरलाइन ने रखा पक्ष
ईटीवी भारत को दिए एक बयान में एलायंस एयर ने कहा कि पैसेंजर्स सेफ्टी उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है. यह पालन उनके अपने और साथी यात्रियों व उनके परिवार की सुरक्षा के लिए किया जाता है. एलायंस एयर हर बिंदु पर यात्रियों को ब्रीफ करता है और नियमित उड़ान घोषणाएं करता है.
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हालांकि निरंतर अनुरोध पर जब यात्री निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते और अन्य साथी यात्रियों को खतरे में डालते हैं तो हमने संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया.