ETV Bharat / bharat

Alleges of fake encounter in Bijapur: बीजापुर एसपी का दावा, नक्सलियों के इशारे पर परिजन लगा रहे आरोप

छत्तीसगढ़ के बीजापुर के नैमेड़ में हुई मुठभेड़ को मारे गए नक्सली के परिजनों ने फर्जी बताया है. उनका कहना है कि जवानों ने नक्सल संगठन छोड़ चुके ग्रामीण की हत्या की है. वहीं एसपी ने ग्रामीणों पर नक्सलियों के इशारे पर आरोप लगाने और मनगढ़ंत कहानी रचने की बात कही है.

allegation of fake encounter in bijapur
बीजापुर में फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप
author img

By

Published : Mar 13, 2022, 3:12 PM IST

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ पर एक बार फिर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा है. मारे गए 3 लाख के इनामी नक्सलियों के परिजनों ने जवानों पर हत्या का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि मृतक पहले नक्सली था लेकिन काफी समय पहले से ही उसने नक्सल संगठन छोड़ दिया था. परिजनों ने पूर्व नक्सली को घर से उठाकर ले जाने और कैका के जंगल में गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया है. (alleges of fake encounter in Naimed of Bijapur)

11 मार्च को बीजापुर जिले के नैमेड़ में हुई मुठभेड़ (Police Naxalite encounter in Naimed police station area) में पुलिस जवानों ने सैंड्रा इलाके के नक्सल संगठन के एसीएम और इनामी नक्सली रीतेश पुनेम को मार गिराया (Naxalite Ritesh Punem killed in Bijapur) था. लेकिन घटना के कुछ देर बाद ही ग्रामीण और परिजनों ने मीडिया को बताया कि मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी थी.

मोसला गांव के ग्रामीणों अवलम बुधरी, सन्नु कोरसा और मंगु कोरसा ने कहा कि 'सुबह करीब पांच बजे जवानों की टीम गांव पहुंची थी और पूरे मोसला गांव की घेराबंदी कर ली. इसी दौरान रीतेश पुनेम के साथ तीन अन्य लोगों को जवानों ने पकड़ लिया. कुछ देर बाद जवानों ने सन्नू, बुधरी और मंगु को छोड़कर रीतेश पुनेम को अपने साथ कैका के जंगल की ओर ले गए. लगभग 7 बजे गांव वालों को फायरिंग की आवाज सुनाई दी. बाद में पता चला कि मुठभेड़ का नाम देकर जवानों ने रीतेश पुनेम की गोली मारकर हत्या कर दी है.

नक्सली संगठन छोड़ चुका था रीतेश पुनेम

मुठभेड़ में मारे गए रीतेश पुनेम के भाई बिज्जा पुनेम ने बताया कि 'मृतक रीतेश पुनेम 2007 में नक्सलियों के साथ चला गया था. तकरीबन 13 सालों तक नक्सल संगठन में रहकर काम कर रहा था. लेकिन परिवार के दबाव के चलते साल 2021 में उसने संगठन छोड़ दिया और घर वापसी कर ली. छोटा-मोटा काम कर वो अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था.'

ये भी पढ़ें - छत्तीसगढ़ में अब बैनर पोस्टर के साथ IED लगा रहे नक्सली, ब्लास्ट में जवान घायल

परिजनों का कहना है कि 'जवानों ने अगर उसे गिरफ्तार किया था तो नियमानुसार जेल भेजा चाहिए था. लेकिन जवानों ने उसकी हत्या कर बुजुर्गों का सहारा छीन लिया. हम पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं'.

'नक्सलियों के इशारे पर आरोप लगा रहे ग्रामीण'

ग्रामीणों और परिजनों के आरोपों पर एसपी कमलोचन कश्यप (Bijapur SP Kamlochan Kashyap) का कहना है कि नक्सलियों के इशारे पर ग्रामीण जवानों की कार्रवाई पर आरोप लगा रहे हैं. मारा गया नक्सली अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जवानों पर हमला, लूट, आगजनी और हत्या के मामले में शामिल था. जिसका रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद है. वह तीन लाख का इनामी नक्सली था. जवानों ने उसे समर्पण करने को कहा था लेकिन उसकी तरफ से फायरिंग के बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई में नक्सली को मार गिराया. इस मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ था.

ये भी पढ़ें - गर्मी में नक्सल ऑपरेशन कठिन, घने जंगलों में पीने के पानी के लिए जूझते हैं जवान

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ पर एक बार फिर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा है. मारे गए 3 लाख के इनामी नक्सलियों के परिजनों ने जवानों पर हत्या का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि मृतक पहले नक्सली था लेकिन काफी समय पहले से ही उसने नक्सल संगठन छोड़ दिया था. परिजनों ने पूर्व नक्सली को घर से उठाकर ले जाने और कैका के जंगल में गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया है. (alleges of fake encounter in Naimed of Bijapur)

11 मार्च को बीजापुर जिले के नैमेड़ में हुई मुठभेड़ (Police Naxalite encounter in Naimed police station area) में पुलिस जवानों ने सैंड्रा इलाके के नक्सल संगठन के एसीएम और इनामी नक्सली रीतेश पुनेम को मार गिराया (Naxalite Ritesh Punem killed in Bijapur) था. लेकिन घटना के कुछ देर बाद ही ग्रामीण और परिजनों ने मीडिया को बताया कि मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी थी.

मोसला गांव के ग्रामीणों अवलम बुधरी, सन्नु कोरसा और मंगु कोरसा ने कहा कि 'सुबह करीब पांच बजे जवानों की टीम गांव पहुंची थी और पूरे मोसला गांव की घेराबंदी कर ली. इसी दौरान रीतेश पुनेम के साथ तीन अन्य लोगों को जवानों ने पकड़ लिया. कुछ देर बाद जवानों ने सन्नू, बुधरी और मंगु को छोड़कर रीतेश पुनेम को अपने साथ कैका के जंगल की ओर ले गए. लगभग 7 बजे गांव वालों को फायरिंग की आवाज सुनाई दी. बाद में पता चला कि मुठभेड़ का नाम देकर जवानों ने रीतेश पुनेम की गोली मारकर हत्या कर दी है.

नक्सली संगठन छोड़ चुका था रीतेश पुनेम

मुठभेड़ में मारे गए रीतेश पुनेम के भाई बिज्जा पुनेम ने बताया कि 'मृतक रीतेश पुनेम 2007 में नक्सलियों के साथ चला गया था. तकरीबन 13 सालों तक नक्सल संगठन में रहकर काम कर रहा था. लेकिन परिवार के दबाव के चलते साल 2021 में उसने संगठन छोड़ दिया और घर वापसी कर ली. छोटा-मोटा काम कर वो अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था.'

ये भी पढ़ें - छत्तीसगढ़ में अब बैनर पोस्टर के साथ IED लगा रहे नक्सली, ब्लास्ट में जवान घायल

परिजनों का कहना है कि 'जवानों ने अगर उसे गिरफ्तार किया था तो नियमानुसार जेल भेजा चाहिए था. लेकिन जवानों ने उसकी हत्या कर बुजुर्गों का सहारा छीन लिया. हम पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं'.

'नक्सलियों के इशारे पर आरोप लगा रहे ग्रामीण'

ग्रामीणों और परिजनों के आरोपों पर एसपी कमलोचन कश्यप (Bijapur SP Kamlochan Kashyap) का कहना है कि नक्सलियों के इशारे पर ग्रामीण जवानों की कार्रवाई पर आरोप लगा रहे हैं. मारा गया नक्सली अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जवानों पर हमला, लूट, आगजनी और हत्या के मामले में शामिल था. जिसका रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद है. वह तीन लाख का इनामी नक्सली था. जवानों ने उसे समर्पण करने को कहा था लेकिन उसकी तरफ से फायरिंग के बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई में नक्सली को मार गिराया. इस मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ था.

ये भी पढ़ें - गर्मी में नक्सल ऑपरेशन कठिन, घने जंगलों में पीने के पानी के लिए जूझते हैं जवान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.