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उद्धव ठाकरे को भी छुट्टी मनाने के लिए असम आना चाहिए: सीएम सरमा

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Published : Jun 24, 2022, 6:02 PM IST

Updated : Jun 24, 2022, 11:08 PM IST

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार से बगावत कर शिवसेना के 38 विधायक गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं. असम की भाजपा सरकार पर शिवसेना के बागी विधायकों को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि असम में सभी 'पर्यटकों' का स्वागत है. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को भी छुट्टी मनाने के लिए असम आना चाहिए.

हिमंत बिस्व सरमा
हिमंत बिस्व सरमा

नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुवाहाटी में महाराष्ट्र के विधायकों के डेरा डाले जाने को तवज्जो न देते हुए कहा कि राज्य में सभी 'पर्यटकों' का स्वागत है. सरमा ने यह भी कहा कि उनका महाराष्ट्र की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. बता दें कि शिवसेना के 38 बागी विधायक गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले हुए हैं जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है. महाराष्ट्र के विधायक विमानों से गुवाहाटी पहुंचे हैं.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का संसद भवन परिसर में नामांकन दाखिल कराने के बाद सरमा ने संवाददाताओं से कहा, 'कुछ लोग असम आए हुए हैं. उन्होंने होटल की बुकिंग की है. मैं इससे खुश हूं. आप भी आएं, यह असम की अर्थव्यवस्था की मदद करेगा. इसके जरिये असम का पर्यटन भी आगे बढ़ेगा.'

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि वह बड़ा राज्य है. सरमा ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र पर टिप्पणी कैसे कर सकता हूं. वह बड़ा राज्य है. मुझे खुशी है कि लोग असम का चयन प्राथमिकता वाले स्थान के तौर पर कर रहे हैं.' भाजपा नीत असम सरकार पर बाढ़ राहत कार्य को कथित तौर पर नजर अंदाज करने और महाराष्ट्र के विधायकों की मेजबानी करने में व्यस्त होने के लग रहे आरोपों पर सरमा ने कहा कि वह असम की राजधानी में मौजूद होटलों को इसलिए बंद करने का आदेश नहीं दे सकते क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है.

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि इन लोगों की किस तरह की मानसिकता है. क्या मुझे गुवाहाटी के होटलों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ आई है. हम बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं. कैसे मैं गुवाहाटी के होटलों को बंद कर सकता हूं. अगर कल, आप 10 दिनों के लिए गुवाहाटी आकर रहने का फैसला करें तो क्या मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर कहना चाहिए कि आप को नहीं आना चाहिए.'

सरमा ने कहा, 'हमने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत पैसा खर्च किया है. हम कहते हैं कि कामाख्या आएं, काजीरंगा आएं. अब क्या हमें उन लोगों को असम आने से रोकना चाहिए.' जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवसेना के विधायकों को असम में 'बंधक' बनाकर रखा गया है तो सरमा ने कहा, 'किस तरह का बंधक? वे होटल में हैं. वे खुश हैं. वे हमारे मेहमान हैं. आम तौर पर हम देखते हैं कि जो भी असम आ रहा है वह आराम महसूस करे.'

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र : राजनीतिक अस्थिरता के बीच उद्धव सरकार ने फैसलों की लगाई झड़ी, भाजपा ने की शिकायत

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र के विधायकों को उनके राज्य में आने की पेशकश की है. इस बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि बनर्जी असम आई 'लक्ष्मी' को अपने यहां ले जाना चाहती हैं. उन्होंने कहा, 'बंगाल और असम में पर्यटन को लेकर हमेशा से प्रतिस्पर्धा रही है. ममता दी 'लक्ष्मी' को अपने यहां ले जाना चाहती हैं जो मेरे यहां आई हैं. अगर वे बंगाल गए तो बंगाल को जीएसटी मिलेगा. मैं ममता दी से कहना चाहता हूं कि जो असम आना चाहते हैं कम से कम उनको बख्श दें. उन्हें हमसे न छीनें. आपका राज्य बड़ा है.'

सरमा ने मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाए जाने के राजग के फैसले की प्रशंसा की. उन्होंने मुर्मू को 'सक्षम प्रशासक तथा सामाजिक कार्यकर्ता' करार दिया जिन्हें मंत्री, राज्यपाल और शिक्षक के तौर पर अनुभव प्राप्त है.

नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुवाहाटी में महाराष्ट्र के विधायकों के डेरा डाले जाने को तवज्जो न देते हुए कहा कि राज्य में सभी 'पर्यटकों' का स्वागत है. सरमा ने यह भी कहा कि उनका महाराष्ट्र की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. बता दें कि शिवसेना के 38 बागी विधायक गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले हुए हैं जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है. महाराष्ट्र के विधायक विमानों से गुवाहाटी पहुंचे हैं.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का संसद भवन परिसर में नामांकन दाखिल कराने के बाद सरमा ने संवाददाताओं से कहा, 'कुछ लोग असम आए हुए हैं. उन्होंने होटल की बुकिंग की है. मैं इससे खुश हूं. आप भी आएं, यह असम की अर्थव्यवस्था की मदद करेगा. इसके जरिये असम का पर्यटन भी आगे बढ़ेगा.'

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि वह बड़ा राज्य है. सरमा ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र पर टिप्पणी कैसे कर सकता हूं. वह बड़ा राज्य है. मुझे खुशी है कि लोग असम का चयन प्राथमिकता वाले स्थान के तौर पर कर रहे हैं.' भाजपा नीत असम सरकार पर बाढ़ राहत कार्य को कथित तौर पर नजर अंदाज करने और महाराष्ट्र के विधायकों की मेजबानी करने में व्यस्त होने के लग रहे आरोपों पर सरमा ने कहा कि वह असम की राजधानी में मौजूद होटलों को इसलिए बंद करने का आदेश नहीं दे सकते क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है.

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि इन लोगों की किस तरह की मानसिकता है. क्या मुझे गुवाहाटी के होटलों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ आई है. हम बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं. कैसे मैं गुवाहाटी के होटलों को बंद कर सकता हूं. अगर कल, आप 10 दिनों के लिए गुवाहाटी आकर रहने का फैसला करें तो क्या मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर कहना चाहिए कि आप को नहीं आना चाहिए.'

सरमा ने कहा, 'हमने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत पैसा खर्च किया है. हम कहते हैं कि कामाख्या आएं, काजीरंगा आएं. अब क्या हमें उन लोगों को असम आने से रोकना चाहिए.' जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवसेना के विधायकों को असम में 'बंधक' बनाकर रखा गया है तो सरमा ने कहा, 'किस तरह का बंधक? वे होटल में हैं. वे खुश हैं. वे हमारे मेहमान हैं. आम तौर पर हम देखते हैं कि जो भी असम आ रहा है वह आराम महसूस करे.'

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र के विधायकों को उनके राज्य में आने की पेशकश की है. इस बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि बनर्जी असम आई 'लक्ष्मी' को अपने यहां ले जाना चाहती हैं. उन्होंने कहा, 'बंगाल और असम में पर्यटन को लेकर हमेशा से प्रतिस्पर्धा रही है. ममता दी 'लक्ष्मी' को अपने यहां ले जाना चाहती हैं जो मेरे यहां आई हैं. अगर वे बंगाल गए तो बंगाल को जीएसटी मिलेगा. मैं ममता दी से कहना चाहता हूं कि जो असम आना चाहते हैं कम से कम उनको बख्श दें. उन्हें हमसे न छीनें. आपका राज्य बड़ा है.'

सरमा ने मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाए जाने के राजग के फैसले की प्रशंसा की. उन्होंने मुर्मू को 'सक्षम प्रशासक तथा सामाजिक कार्यकर्ता' करार दिया जिन्हें मंत्री, राज्यपाल और शिक्षक के तौर पर अनुभव प्राप्त है.

Last Updated : Jun 24, 2022, 11:08 PM IST
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