नई दिल्ली : भारतीय सेना ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसके सभी रैंक नस्ल, जाति, पंथ और लिंग न्यूट्रल है. यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर कथित गलत सूचना के आलोक में आया है. सोशल मीडिया पोस्ट में हिंसा प्रभावित मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा कार्यों को करने के लिए एक निश्चित समुदाय के अधिकारियों को बदनाम किया गया.
भारतीय सेना के सभी रैंक जाति, पंथ और लिंग न्यूट्रल
बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना के सभी रैंक जाति, पंथ और लिंग न्यूट्रल हैं. रैंक और पद के मामले में कभी भी जाति, पंथ और लिंग कोई पैमाना नहीं रहा है. सेना ने अपने बयान में कहा कि भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों को देश के सभी हिस्सों में संगठन की आवश्यकता के अनुसार तैनात किया जाता है. बयान में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर और फेसबुक और मैसेजिंग ऐप पर प्रसारित एक संदेश मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों का पालन करने वाले एक विशेष समुदाय के सैन्य अधिकारियों का विवरण दे रहा था.
जवानों और अधिकारियों के मनोबल पर पड़ेगा बुरा असर
मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा कार्यों को अंजाम देने वाले एक विशेष समूह के अधिकारियों के संबंध में फेसबुक और ट्विटर पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए सेना ने कहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल संदेश सेना के जवानों के विश्वास और लोकाचार के मूलभूत आधार को कमजोर कर रहा है. बयान में कहा गया है कि राष्ट्र के प्रति उनकी वफादारी और अखंडता पर आक्षेप लगाने के साथ, संदेश का उद्देश्य भारतीय सेना के अधिकारियों के विश्वास और लोकाचार की नींव को खराब करना है.
अधिकारियों ने भूखे-प्यासे रह कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
सेना ने कहा है कि जिन अधिकारियों को बदनाम किया जा रहा है उन्होंने रातों की नींद हराम कर बिना भोजन और पानी के हजारों लोगों को बचाया. मणिपुर में धर्म, जाति या पंथ से परे जाकर लोगों को सुरक्षित जगह ले जाने में मदद की. सेना ने कहा कि यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सूची में दर्शाई गई संख्या वर्तमान में मणिपुर में सभी संरचनाओं और इकाइयों में तैनात अधिकारियों की कुल संख्या के एक छोटे से अंश का प्रतिनिधित्व करती है. इसने आगे बयान में कहा गया कि सेना कभी भी क्षेत्रीय पूर्वाग्रहों को अपने काम में आड़े नहीं आने देती है. सेना ने कहा कि भारतीय सेना इस घृणित संदेश का दृढ़ता से खंडन करती है.
(एएनआई)