अलीगढ़ : 17 वर्षीय मोहम्मद शादाब ने सामुदायिक सेवा के लिए अधिकतम घंटे देने के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. कक्षा 11 का यह छात्र गरीब पृष्ठभूमि से आता है और इस पुरस्कार से उसके परिवार और संस्थान को खुशी मिली है.
उर्दू माध्यम में एएमयू के एसटीएस हाईस्कूल से कक्षा 9 तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद शादाब ने एक एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कक्षा 10 के लिए अमेरिकी स्कूल में अध्ययन किया. शादाब ने 10वीं कक्षा में टॉप किया था. अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने सामुदायिक सेवाओं के लिए भी काम किया और अपना नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया.
माता-पिता के शुक्रगुजार
ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए शादाब ने कहा कि वह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनका नाम शामिल होने से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए ईश्वर का आभारी हूं. मैं अपने माता-पिता का भी शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने भी मेरा साथ दिया.
फोन में न व्यस्त हों युवा
शादाब ने आगे कहा कि हमारी पीढ़ी इन दिनों ज्यादातर मोबाइल फोन में व्यस्त है. लेकिन हमें भी कड़ी मेहनत और अध्ययन करना चाहिए. हमें सामुदायिक सेवा करने की भी आवश्यकता है, ताकि हम एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जान सकें. हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए और नया भारत बनाना चाहिए.
मोहम्मद शादाब ने इस साल 26 जनवरी को अपनी उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार भी जीता है. उन्हें यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने 50,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया था.
एक मोटर मैकेनिक के बेटे जमालपुर (अलीगढ़) के निवासी शादाब वर्तमान में अमेरिका में परचम लहरा रहे हैं.