लखनऊ : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को नया अध्यक्ष बहुत जल्द मिलेगा. अगले 10 दिन में अध्यक्ष का नाम फाइनल होगा. जिस तरह की बातें भारतीय जनता पार्टी के गलियारों से निकल कर आ रही हैं. उसमें एक बात लगभग तय मानी जा रही है कि अलीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सतीश कुमार गौतम को भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
सतीश कुमार गौतम भाजपा में पश्चिम के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं. वह एक ब्राह्मण चेहरा है और कट्टर हिंदुत्ववादी चेहरे के तौर पर सतीश गौतम की पहचान है. यही नहीं, महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी अब भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश से विदाई ले सकते हैं. माना जा रहा है कि उनके लिए भी 30 अप्रैल तक की मियाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तय कर दी है. इसके बाद भाजपा और संघ के बीच में पुल का काम करने वाला नया संगठन महामंत्री उत्तर प्रदेश को मिलेगा.
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि अनेक नामों की चर्चा के बाद लगभग या बात तय हो गई है कि सतीश कुमार गौतम को ही भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा. सतीश कुमार गौतम 2014 में पहली बार अलीगढ़ से भाजपा के सांसद बने थे. 2019 में सपा बसपा गठबंधन होने के बावजूद उन्होंने इस सीट पर शानदार जीत दर्ज करते हुए दोबारा सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया.
गौतम भाजपा का ब्राह्मण चेहरा हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में समय-समय पर होने वाले विवादों में वे हिंदुत्ववादी चेहरे के तौर पर विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने खड़े नजर आते रहे. ऐसे में उनकी स्वीकार्यता अलीगढ़ के बहुसंख्यक ओ के बीच बढ़ी है. भाजपा उनको 2024 लोकसभा चुनाव से पहले अपने हिंदुत्ववादी एजेंडे के तौर पर जनता के सामने पेश करने की इच्छा रख रही है.
महामंत्री संगठन सुनील बंसल को भी उत्तर प्रदेश में अब करीब 10 साल का समय बीत चुका है. तीन चुनाव उनके रहते भाजपा जीत चुकी है. इस बीच माना जा रहा है कि उनके दिल्ली के कई दौरे हो चुके हैं और 30 अप्रैल के बाद वह भी नई जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. महामंत्री संगठन एक ऐसा पद होता है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रत्येक भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन को दिया जाता है.
महामंत्री संगठन पद पर रहने वाला संघ और संगठन के बीच सेतु का काम करता है और महत्वपूर्ण निर्णय उसकी मोहर के बिना स्वीकृत नहीं किए जाते हैं. ऐसे में सुनील बंसल ने पिछले तीन चुनावों में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई है. अब संघ और संगठन उनको और महत्वपूर्ण भूमिका में देखना चाहता है. इसलिए उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संघ के किसी अन्य पदाधिकारी को दी जा सकती है.