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विधायकों की अयोग्यता पर फैसले से पहले SC पहुंचा ठाकरे गुट, सीएम और स्पीकर की मुलाकात पर जताई आपत्ति

CM Eknath Shinde : महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी को स्पीकर के द्वारा फैसला सुनाया जाना है. इससे पहले सीएम शिंदे के साथ स्पीकर की 7 जनवरी को हुई मुलाकार पर शिवसेना उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर आपत्ति दर्ज कराई है. पढ़िए पूरी खबर... Supreme Court

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 9, 2024, 4:48 PM IST

नई दिल्ली : शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की मुलाकात को लेकर आपत्ति जताई है. इसमें मुख्यमंत्री शिंदे के 7 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष की बैठक पर सवाल उठाया गया है.बता दें कि शिंदे समर्थक विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर 10 जनवरी को स्पीकर का फैसला आना है.

इस संबंध में शिवसेना यूबीटी के नेता सुनील प्रभु ने एक आवेदन में कहा है कि वर्तमान आवेदन उस खबर के मद्देनजर जरूरी हो गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने 7 जनवरी 24 को अपने आधिकारिक आवास पर एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की थी.

आवेदन में कहा गया है कि स्पीकर का आचरण विश्वास को प्रेरित करने वाला होना चाहिए और अपने उच्च पद पर मौजूद संवैधानिक विश्वास को उचित ठहराना चाहिए. साथ ही कहा गया है स्पीकर के लिए शिंदे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने से सिर्फ तीन दिन पहले एकनाथ शिंदे से मिलना बेहद अनुचित है. आवेदन में कहा गया है कि दसवीं अनुसूची के तहत निर्णायक प्राधिकारी के रूप में अध्यक्ष को निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से कार्य करना आवश्यक है.

आवेदन में कहा गया है कि स्पीकर का वर्तमान कृत्य निर्णय लेने की प्रक्रिया की निष्पक्षता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है. वकील निशांत पाटिल और राजेश इनामदार द्वारा दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि निर्णय की समय सीमा से ठीक पहले सीएम शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात करने का अध्यक्ष का कृत्य कानूनी सिद्धांत का उल्लंघन है.

आवेदन में कहा गया है कि इसलिए याचिकाकर्ता इन महत्वपूर्ण हालिया घटनाक्रमों को इस अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रखने के लिए वर्तमान आवेदन दायर करने के लिए बाध्य है, जो वर्तमान मामले के न्यायसंगत निर्णय के लिए महत्वपूर्ण हैं. शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2023 में शिंदे और अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर आदेश पारित करने के लिए स्पीकर को दी गई समय सीमा 31 दिसंबर 2023 से बढ़ाकर 10 जनवरी 2024 कर दी थी. शिंदे और 48 अन्य विधायकों की बगावत के बाद 20 जून 2022 को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी.

ये भी पढ़ें - आयुर्वेद और एलोपैथी के पीजी छात्रों का कर्तव्य समान नहीं, SC ने समान वजीफे पर HC का आदेश रद्द किया

नई दिल्ली : शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की मुलाकात को लेकर आपत्ति जताई है. इसमें मुख्यमंत्री शिंदे के 7 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष की बैठक पर सवाल उठाया गया है.बता दें कि शिंदे समर्थक विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर 10 जनवरी को स्पीकर का फैसला आना है.

इस संबंध में शिवसेना यूबीटी के नेता सुनील प्रभु ने एक आवेदन में कहा है कि वर्तमान आवेदन उस खबर के मद्देनजर जरूरी हो गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने 7 जनवरी 24 को अपने आधिकारिक आवास पर एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की थी.

आवेदन में कहा गया है कि स्पीकर का आचरण विश्वास को प्रेरित करने वाला होना चाहिए और अपने उच्च पद पर मौजूद संवैधानिक विश्वास को उचित ठहराना चाहिए. साथ ही कहा गया है स्पीकर के लिए शिंदे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने से सिर्फ तीन दिन पहले एकनाथ शिंदे से मिलना बेहद अनुचित है. आवेदन में कहा गया है कि दसवीं अनुसूची के तहत निर्णायक प्राधिकारी के रूप में अध्यक्ष को निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से कार्य करना आवश्यक है.

आवेदन में कहा गया है कि स्पीकर का वर्तमान कृत्य निर्णय लेने की प्रक्रिया की निष्पक्षता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है. वकील निशांत पाटिल और राजेश इनामदार द्वारा दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि निर्णय की समय सीमा से ठीक पहले सीएम शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात करने का अध्यक्ष का कृत्य कानूनी सिद्धांत का उल्लंघन है.

आवेदन में कहा गया है कि इसलिए याचिकाकर्ता इन महत्वपूर्ण हालिया घटनाक्रमों को इस अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रखने के लिए वर्तमान आवेदन दायर करने के लिए बाध्य है, जो वर्तमान मामले के न्यायसंगत निर्णय के लिए महत्वपूर्ण हैं. शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2023 में शिंदे और अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर आदेश पारित करने के लिए स्पीकर को दी गई समय सीमा 31 दिसंबर 2023 से बढ़ाकर 10 जनवरी 2024 कर दी थी. शिंदे और 48 अन्य विधायकों की बगावत के बाद 20 जून 2022 को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी.

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