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अलपन बंद्योपाध्याय को केंद्र का नोटिस अवैध, ऐसी हरकतें शर्मनाक : तृणमूल - सांसद सुखेंदु शेखर रॉय

तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि अभी हाल ही में सेवानिवृत्त हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को केन्द्र की ओर से भेजा गया कारण बताओ नोटिस 'अवैध' है. वरिष्ठ तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रॉय (Sukhendu Sekhar Ray) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी) के उल्लंघन के लिये भेजे गए नोटिस को 'अमान्य' करार दिया.

Sukhendu Sekhar Ray
सांसद सुखेंदु शेखर रॉय
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Published : Jun 1, 2021, 9:50 PM IST

कोलकाता : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केन्द्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को लेकर जारी वाकयुद्ध के बीच उन्हें कठोर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है. इस मामले में दोष सिद्ध होने पर उन्हें दो साल तक कैद की सजा हो सकती है. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय (Sukhendu Sekhar Ray) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी) के उल्लंघन के लिये भेजे गए नोटिस को 'अमान्य' करार दिया. उन्होंने कहा है कि किसी प्रावधान के उल्लंघन का सवाल ही पैदा नहीं होता.

मंगलवार को उन्होंने ट्वीट किया, 'बंगाल के पूर्व सचिव को भेजा गया कारण बताओ नोटिस सिरे से अमान्य है, क्योंकि उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (ए) या (बी) के तहत कोई निर्देश जारी ही नहीं किया गया था. लिहाजा, उल्लंघन का सवाल ही नहीं पैदा होता. प्रतिशोध की ऐसी शर्मनाक हरकतें करना बंद कीजिये.'

  • Show Cause Notice served upon former Chief Secretary of Bengal is void ab initio inasmuch as no direction was issued to him under Sec.51(a) or(b) of the Disaster Mangement Act . As such the question of violation thereof does not arise. Stop such blatant act of vengeance.

    — Sukhendu Sekhar Ray (@Sukhendusekhar) June 1, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रॉय ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'नोटिस अवैध है. मुख्य सचिव के खिलाफ इस तरह आपदा प्रबंधन अधिनियम नहीं लगाया जा सकता.'

हालांकि, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष भाजपा के शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने अनुशासन तोड़ने और नियमों के उल्लंघन के लिये बंद्योपाध्याय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं प्राकृतिक आपदा और वैश्विक महामारी के समय में अनुशासन तोड़ने, नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं के लिये पूर्व मुख्य सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्य सचिव केन्द्र और राज्य के बीच जारी टकराव से उपजे हालात का शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा, 'अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) परिस्थितियों का शिकार हुए हैं. यह ठीक नहीं है.'

तीन सप्ताह के भीतर देना है जवाब
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बंद्योपाध्याय को सेवानिवृत्ति से कुछ घंटे पहले, सोमवार को केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने से इंकार करने की वजह से नोटिस जारी किया गया. अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेश का पालन से इंकार करना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-बी का उल्लंघन होता है. मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बंद्योपाध्याय से तीन दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.

क्या है केंद्र का आदेश
इससे पहले, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने बंद्योपाध्याय को सोमवार तक दिल्ली पहुंचने का निर्देश दिया था. केन्द्र ने बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान 'यास' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में नहीं रुकने के लिए दिया था. हालांकि, वह दिल्ली नहीं आए और राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा तीन महीने का सेवा विस्तार स्वीकार करने के बजाय उन्होंने सेवानिवृत्त होने का फैसला लिया.

यह भी पढ़ें- DoPT पश्चिम बंगाल के CS अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करेगा

इस संबंध में सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा था कि हमारे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) आज सेवानिवृत्त हुए, वह अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, एनजीओ से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील की. सीएम ममता ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है.

यह भी पढ़ें- अलपन बनर्जी को दिल्ली नहीं भेज सकती, ममता ने मोदी को लिखा पत्र

ममता बनर्जी ने इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है. ममता ने पीएम मोदी से फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा है. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने मेरे पत्र का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से कल 'नॉर्थ ब्लॉक' में कार्यभार संभालने को कहा गया.

यह भी पढ़ें- केंद्र ने प.बंगाल के मुख्य सचिव को वापस दिल्ली बुलाया

बता दें कि ममता के मुख्य सचिव रहे अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (डीओपीटी) द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू किए जाने की खबरें सामने आई थीं. अलपन को सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे नई दिल्ली स्थित डीओपीटी कार्यालय में रिपोर्ट करना था. लेकिन वे इसमें विफल रहे. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को विगत 28 मई को नई दिल्ली आने का निर्देश जारी किया गया था.

कोलकाता : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केन्द्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को लेकर जारी वाकयुद्ध के बीच उन्हें कठोर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है. इस मामले में दोष सिद्ध होने पर उन्हें दो साल तक कैद की सजा हो सकती है. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय (Sukhendu Sekhar Ray) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी) के उल्लंघन के लिये भेजे गए नोटिस को 'अमान्य' करार दिया. उन्होंने कहा है कि किसी प्रावधान के उल्लंघन का सवाल ही पैदा नहीं होता.

मंगलवार को उन्होंने ट्वीट किया, 'बंगाल के पूर्व सचिव को भेजा गया कारण बताओ नोटिस सिरे से अमान्य है, क्योंकि उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (ए) या (बी) के तहत कोई निर्देश जारी ही नहीं किया गया था. लिहाजा, उल्लंघन का सवाल ही नहीं पैदा होता. प्रतिशोध की ऐसी शर्मनाक हरकतें करना बंद कीजिये.'

  • Show Cause Notice served upon former Chief Secretary of Bengal is void ab initio inasmuch as no direction was issued to him under Sec.51(a) or(b) of the Disaster Mangement Act . As such the question of violation thereof does not arise. Stop such blatant act of vengeance.

    — Sukhendu Sekhar Ray (@Sukhendusekhar) June 1, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रॉय ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'नोटिस अवैध है. मुख्य सचिव के खिलाफ इस तरह आपदा प्रबंधन अधिनियम नहीं लगाया जा सकता.'

हालांकि, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष भाजपा के शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने अनुशासन तोड़ने और नियमों के उल्लंघन के लिये बंद्योपाध्याय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं प्राकृतिक आपदा और वैश्विक महामारी के समय में अनुशासन तोड़ने, नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं के लिये पूर्व मुख्य सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्य सचिव केन्द्र और राज्य के बीच जारी टकराव से उपजे हालात का शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा, 'अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) परिस्थितियों का शिकार हुए हैं. यह ठीक नहीं है.'

तीन सप्ताह के भीतर देना है जवाब
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बंद्योपाध्याय को सेवानिवृत्ति से कुछ घंटे पहले, सोमवार को केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने से इंकार करने की वजह से नोटिस जारी किया गया. अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेश का पालन से इंकार करना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-बी का उल्लंघन होता है. मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बंद्योपाध्याय से तीन दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.

क्या है केंद्र का आदेश
इससे पहले, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने बंद्योपाध्याय को सोमवार तक दिल्ली पहुंचने का निर्देश दिया था. केन्द्र ने बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान 'यास' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में नहीं रुकने के लिए दिया था. हालांकि, वह दिल्ली नहीं आए और राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा तीन महीने का सेवा विस्तार स्वीकार करने के बजाय उन्होंने सेवानिवृत्त होने का फैसला लिया.

यह भी पढ़ें- DoPT पश्चिम बंगाल के CS अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करेगा

इस संबंध में सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा था कि हमारे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) आज सेवानिवृत्त हुए, वह अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, एनजीओ से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील की. सीएम ममता ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है.

यह भी पढ़ें- अलपन बनर्जी को दिल्ली नहीं भेज सकती, ममता ने मोदी को लिखा पत्र

ममता बनर्जी ने इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है. ममता ने पीएम मोदी से फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा है. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने मेरे पत्र का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से कल 'नॉर्थ ब्लॉक' में कार्यभार संभालने को कहा गया.

यह भी पढ़ें- केंद्र ने प.बंगाल के मुख्य सचिव को वापस दिल्ली बुलाया

बता दें कि ममता के मुख्य सचिव रहे अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (डीओपीटी) द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू किए जाने की खबरें सामने आई थीं. अलपन को सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे नई दिल्ली स्थित डीओपीटी कार्यालय में रिपोर्ट करना था. लेकिन वे इसमें विफल रहे. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को विगत 28 मई को नई दिल्ली आने का निर्देश जारी किया गया था.

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