हैदराबाद : हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. अक्षय नवमी पर किए गए दान पुण्य और शुभ कामों का फल अक्षय रहता है. ऐसी मान्यता है कि अक्षय नवमी का व्रत लगातार 3 साल तक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यताओं के अनुसार Akshya navami के दिन आंवले की पूजा करने और उसके वृक्ष के नीचे भोजन करने से जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है. Akshya navami के दिन ही सतयुग की शुरुआत हुई थी.
अक्षय नवमी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. आंवले ( Gooseberry tree ) की पूजा के साथ ही भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए और यथासंभव ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करना चाहिए. आंवले के वृक्ष की को दूध, जल, अक्षत, सिंदूर और चंदन अर्पित करना चाहिए. उसके बाद मौली धागा लपेटकर 11 परिक्रमा करनी चाहिए.
अक्षय नवमी का महत्व व दान : अक्षय नवमी के दिन स्नान के बाद दान करना चाहिए. इस दिन आंवले की छांव में भोजन का निर्माण करना और ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद सपरिवार भोजन करने का विशेष महत्व है. इसके साथ ही गर्म ऊनी वस्त्रों का भी दान अवश्य ही करना चाहिए. आंवले की विधि-विधान से पूजा करने के बाद एक कद्दू के अंदर सोना-चांदी और धन आदि रखकर ब्राह्मण को दान करने की विशेष महिमा है. आंवले की पूजा से विवाहित स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है एवं दंपतियों को संतान सुख की भी प्राप्ति होती है. आंवला नवमी का व्रत करने वाले व्यक्ति को तन मन धन की पवित्रता के साथ व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए. इसके अतिरिक्त व्यर्थ की व्रत के कामों एवं वार्तालाप से बचते हुए akshay navami 2023 के दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान का भजन कीर्तन आदि करना चाहिए. Akshya navami 2023 . significance . Amla navami . bhgwan vishnu . mata laxmi . Gooseberry tree . amla navami 2023 akshay navami 2023