नई दिल्ली : मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दे रही है. देश पाकिस्तान और चीन दोनो मोर्चों पर युद्ध जैसे हालात का सामना कर रहा है. यह बातें पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कही. उन्होंने कहा कि जब सभी को उम्मीद थी कि रक्षा बजट बढ़ेगा लेकिन सरकार ने रक्षा बजट पिछले साल की तुलना में बहुत कम बढ़ाया.
पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'पहली बार, भारत को दो युद्ध जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान से तो है ही अब चीन मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगने वाली भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचा और सैन्य जमावड़ा बना रहा हैं.'
उन्होंने कहा कि 'चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा सीमा पर हाल की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को उचित प्राथमिकता नहीं दे रही है.'
एंटनी ने कहा कि ' पूरी भारत-चीन सीमा पर 24 घंटे ध्यान देने की जरूर है. हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्र और सरकार के समर्थन की आवश्यकता है.'
एंटनी ने कहा कि चीन सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है, बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है.
रक्षा बजट पर उठाए सवाल
एके एंटनी ने कहा कि 'हाल ही में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी चीनी नौसेना की मौजूदगी देखी गई. यही समय है कि सरकार को सभी जगहों पर सशस्त्र बलों का समर्थन करना चाहिए.'
केंद्रीय बजट को खारिज करते हुए एंटनी ने कहा, 'जब भारत युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, जब चीनी सीमा पर हर जगह मौजूद हैं, सभी ने रक्षा बजट में पर्याप्त वृद्धि की उम्मीद की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'
उन्होंने कहा कि 'सरकार बहुत ज्यादा दिखावा कर रही है, लेकिन व्यावहारिक रूप से पिछले साल के संशोधित बजट की तुलना में 1.48 प्रतिशत की वृद्धि ही हुई है.'
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो केंद्रीय बजट पेश किया है उसमें 3,37,553 करोड़ रुपये रक्षा बजट के लिए आवंटित किए गए हैं.
कांग्रेस नेता का बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा गुरुवार को पंगु झील के उत्तर और पश्चिम तट पर विघटन समझौते की घोषणा के बाद आया है. पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा था कि समझौते के अनुसार, दोनों पक्ष चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से अपनी आगे की तैनाती को समाप्त कर देंगे.