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बिहार में आरजेडी MLA अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त, AK-47 मामले में हैं सजायाफ्ता

बिहार में आखिरकार आरजेडी नेता अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त (Anant Singh assembly membership terminated) हो गई. विधानसभा से जारी अधिसूचना के मुताबिक 21 जून से ही उनकी विधायकी को खत्म माना जाता है. पढ़ें पूरी खबर...

अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त
अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त
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Published : Jul 15, 2022, 11:17 AM IST

पटना: पटना जिले के मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Mokama MLA Anant Singh) की विधानसभा सदस्यता चली गई है. दरअसल, पटना एमपी-एमएलए कोर्ट से एके-47 बरामदगी मामले में उनको दोषी पाया गया है. कोर्ट ने उनको 10 साल की सजा सुनाई है. इस फैसले के आने के बाद से ही यह माना जा रहा था कि उनकी विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी. इस संबंध में बिहार विधानसभा की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

ये भी पढ़ें-अनंत सिंह की 'अनंत कथा'! 9 साल की उम्र में जेल गए, गजब के रहे हैं शौक

अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त: विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में 21 जून 2022 से सदस्यता समाप्त होगी. हालांकि कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही जेल में बंद बाहुबली विधायक को विधायक वाली मिलने वाली सारी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया था. वहीं, आरजेडी के लिए भी यह एक बड़ा झटका है क्योंकि विधानसभा में आरजेडी के पास 80 विधायक थे लेकिन अब यह संख्या घटकर 79 रह जाएगी.

एके 47 मामले में अनंत सिंह दोषी: बता दें कि बाहुबली विधायक अनंत सिंह के घर से 16 अगस्त, 2019 को छापेमारी कर एके 47 राइफल, हैंड ग्रेनेड, कारतूस आदि बरामद किये थे. इस दौरान बाढ़ की तत्कालीन एएसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने अनंत सिंह के लदमा गांव स्थित घर पर छापेमारी की थी. करीब 11 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में अनंत सिंह के घर से AK-47 के साथ (Anant Singh AK 47 Case) ही हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोली और एक मैगजीन बरामद की गई थी.

छापेमारी के बाद अनंत सिंह के घर से पुलिस ने केयर टेकर को गिरफ्तार किया था लेकिन अनंत सिंह फरार हो गए थे. बाद में अनंत सिंह ने दिल्ली की साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. दिल्ली की साकेत कोर्ट में सरेंडर करने के बाद बिहार पुलिस अनंत सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर बाढ़ लेकर आई थी. जिसके बाद 24 अगस्त 2019 से ही अनंत सिंह पुलिस की गिरफ्त में हैं.

क्या कहता है नियम : साल 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने देश के राजनीति की दिशा और दशा को बदल कर रख दिया. लिली थॉमस बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जनप्रतिनिधि को अगर न्यायालय के द्वारा 2 साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है तो वैसी स्थिति में जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सदस्यता फिर बहाल हो सकती है. कानून के जानकारों का कहना है कि प्रतिबंधित हथियार के मामले में 2 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें: AK-47 मामले में अनंत सिंह को दस साल की सजा सुनाए जाने के बाद क्या बोले BJP और JDU के नेता

पटना: पटना जिले के मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Mokama MLA Anant Singh) की विधानसभा सदस्यता चली गई है. दरअसल, पटना एमपी-एमएलए कोर्ट से एके-47 बरामदगी मामले में उनको दोषी पाया गया है. कोर्ट ने उनको 10 साल की सजा सुनाई है. इस फैसले के आने के बाद से ही यह माना जा रहा था कि उनकी विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी. इस संबंध में बिहार विधानसभा की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

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अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त: विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में 21 जून 2022 से सदस्यता समाप्त होगी. हालांकि कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही जेल में बंद बाहुबली विधायक को विधायक वाली मिलने वाली सारी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया था. वहीं, आरजेडी के लिए भी यह एक बड़ा झटका है क्योंकि विधानसभा में आरजेडी के पास 80 विधायक थे लेकिन अब यह संख्या घटकर 79 रह जाएगी.

एके 47 मामले में अनंत सिंह दोषी: बता दें कि बाहुबली विधायक अनंत सिंह के घर से 16 अगस्त, 2019 को छापेमारी कर एके 47 राइफल, हैंड ग्रेनेड, कारतूस आदि बरामद किये थे. इस दौरान बाढ़ की तत्कालीन एएसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने अनंत सिंह के लदमा गांव स्थित घर पर छापेमारी की थी. करीब 11 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में अनंत सिंह के घर से AK-47 के साथ (Anant Singh AK 47 Case) ही हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोली और एक मैगजीन बरामद की गई थी.

छापेमारी के बाद अनंत सिंह के घर से पुलिस ने केयर टेकर को गिरफ्तार किया था लेकिन अनंत सिंह फरार हो गए थे. बाद में अनंत सिंह ने दिल्ली की साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. दिल्ली की साकेत कोर्ट में सरेंडर करने के बाद बिहार पुलिस अनंत सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर बाढ़ लेकर आई थी. जिसके बाद 24 अगस्त 2019 से ही अनंत सिंह पुलिस की गिरफ्त में हैं.

क्या कहता है नियम : साल 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने देश के राजनीति की दिशा और दशा को बदल कर रख दिया. लिली थॉमस बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जनप्रतिनिधि को अगर न्यायालय के द्वारा 2 साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है तो वैसी स्थिति में जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सदस्यता फिर बहाल हो सकती है. कानून के जानकारों का कहना है कि प्रतिबंधित हथियार के मामले में 2 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है.

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