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बंगाल: बीरभूम में कोपई नदी के बाद अजय नदी पर भूमाफियाओं की नजर, विरोध में उतरी रंगमंच हस्तियां

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Published : Jul 5, 2021, 6:18 PM IST

अजय नदी का यह मामला कोपई नदी से अलग नहीं है. श्रीचंद्रपुर से सटे इलामबाजार में नदी किनारे अवैध खंभों का निर्माण किया जा रहा है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि नदी किनारे यह अवैध निर्माण  रेस्टोरेंट, रिजॉर्ट और कॉफी हाउस बनाने के लिए किया जा रहा है.

land mafia on Ajay river
अजय नदी पर भूमाफियाओं की नजर

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में कोपई नदी (Kopai River) के बाद अब भू-माफियाओं और रियट स्टेट दलालों पर अजय नदी (Ajay River) के किनारे खाली पड़ी जमीनों को बेचने के प्रयास के आरोप लग रहे हैं. नदी को बचाने के लिए जिले की रंगमंच हस्तियां इसके विरोध में सड़कों पर उतरी हैं और उन्होंने नदी को अवैध तरीके से बेचने का विरोध किया है. इसके अलावा जिले के एक प्रतिष्ठित थिएटर ग्रुप के सदस्य इस मामले पर अपना विरोध जताते हुए नदी के तट पर कई प्रकार के नाटकों का मंचन कर रहे हैं.

अजय नदी पर भूमाफियाओं की नजर
  • विरोध में उतरे स्थानीय

थिएटर ग्रुप के सदस्यों का मानना है कि यह नाटक उनका नदी के मुद्दे पर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का एक अनोखा तरीका है और इसमें स्थानीय निवासी भी भाग ले रहे हैं. बीरभूम जिले के ही बोलपुर (Bolpur) के स्थानीय लोग इससे पहले कोपई नदी के किनारों को बेचने के प्रयासों का विरोध कर चुके हैं. बोलपुर के लोगों का आरोप था कि भू-माफिया खंभों के निर्माण के बहाने नदी के किनारों पर कब्जा कर रहे हैं और नदी के किनारे की जमीन रिसॉर्ट-कॉफी हाउस के निर्माण के लिए बेची जा रही है.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन
  • एक जिला 2 नदियां और दोनों पर अतिक्रमण

अजय नदी का यह मामला कोपई नदी से अलग नहीं है. श्रीचंद्रपुर से सटे इलामबाजार में नदी के किनारे अवैध खंभों का निर्माण किया जा रहा है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि नदी किनारे यह अवैध निर्माण रेस्टोरेंट, रिजॉर्ट, रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स और कॉफी हाउस बनाने के लिए किया जा रहा है. यह सब बोलपुर-शांतिनिकेतन के आसपास पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किया जा रहा है. मद्देनजर कोपई और अजय दोनों नदियां भू-माफियाओं के निशाने पर हैं.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन

टैगोर ने जिस नदी का किया था बार-बार गुणगान, उस पर भूमाफिया हो गए मेहरबान

  • शांतिनिकेतन, कोपई नदी और रवींद्रनाथ टैगोर...जानें ताल्लुक

दरअसल, शांतिनिकेतन में आने वाले पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है. जिसके चलते नए रिसॉर्ट, फ्लैट, रेस्तरां और कॉफी हाउस बढ़ गए हैं. बोलपुर-शांति निकेतन में लगभग पिछले दो दशकों से पेड़ों को काटने का काम चल रहा है. कोपई नदी शांतिनिकेतन (Santiniketan) की परंपरा का प्रतीक है. रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की कई कविताओं का संदर्भ इस नदी से मिलता है. साथ ही शांतिनिकेतन रविंद्रनाथ टैगोर की जन्मस्थली भी है.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन
  • Blossom Theatre कर रहा नाटक का मंचन

अजय नदी के किनारों को बेचने को लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेताओं के साथ मिलकर भू-माफियाओं द्वारा यह काम किया जा रहा है. नदी के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे इलाके के लोगों के साथ जिले के रंगमंच के लोग जुड़ने के बाद यह विरोध कई गुना बढ़ गया है. थिएटर ग्रुप के सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय अलग-अलग तरीके से विरोध कर रहे हैं. वहीं, इस विरोध में प्रमुख भूमिका निभा रहे थिएटर का नाम 'ब्लॉसम थिएटर' (Blossom Theatre) है.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन

नदी किनारे चल रहे इस नाटक के निर्देशक पार्थ गुप्ता के मुताबिक, कोपई और अजय नदियों के किनारे बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण हुआ है. उन्होंने कहा कि नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित किया जा रहा है. प्रकृति अपना प्राकृतिक आकर्षण खोती जा रहा है इसलिए हम नाटक के माध्यम से इस अतिक्रमण का विरोध कर रहे हैं. हम आगे भी अपना विरोध जारी रखेंगे.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में कोपई नदी (Kopai River) के बाद अब भू-माफियाओं और रियट स्टेट दलालों पर अजय नदी (Ajay River) के किनारे खाली पड़ी जमीनों को बेचने के प्रयास के आरोप लग रहे हैं. नदी को बचाने के लिए जिले की रंगमंच हस्तियां इसके विरोध में सड़कों पर उतरी हैं और उन्होंने नदी को अवैध तरीके से बेचने का विरोध किया है. इसके अलावा जिले के एक प्रतिष्ठित थिएटर ग्रुप के सदस्य इस मामले पर अपना विरोध जताते हुए नदी के तट पर कई प्रकार के नाटकों का मंचन कर रहे हैं.

अजय नदी पर भूमाफियाओं की नजर
  • विरोध में उतरे स्थानीय

थिएटर ग्रुप के सदस्यों का मानना है कि यह नाटक उनका नदी के मुद्दे पर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का एक अनोखा तरीका है और इसमें स्थानीय निवासी भी भाग ले रहे हैं. बीरभूम जिले के ही बोलपुर (Bolpur) के स्थानीय लोग इससे पहले कोपई नदी के किनारों को बेचने के प्रयासों का विरोध कर चुके हैं. बोलपुर के लोगों का आरोप था कि भू-माफिया खंभों के निर्माण के बहाने नदी के किनारों पर कब्जा कर रहे हैं और नदी के किनारे की जमीन रिसॉर्ट-कॉफी हाउस के निर्माण के लिए बेची जा रही है.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन
  • एक जिला 2 नदियां और दोनों पर अतिक्रमण

अजय नदी का यह मामला कोपई नदी से अलग नहीं है. श्रीचंद्रपुर से सटे इलामबाजार में नदी के किनारे अवैध खंभों का निर्माण किया जा रहा है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि नदी किनारे यह अवैध निर्माण रेस्टोरेंट, रिजॉर्ट, रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स और कॉफी हाउस बनाने के लिए किया जा रहा है. यह सब बोलपुर-शांतिनिकेतन के आसपास पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किया जा रहा है. मद्देनजर कोपई और अजय दोनों नदियां भू-माफियाओं के निशाने पर हैं.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन

टैगोर ने जिस नदी का किया था बार-बार गुणगान, उस पर भूमाफिया हो गए मेहरबान

  • शांतिनिकेतन, कोपई नदी और रवींद्रनाथ टैगोर...जानें ताल्लुक

दरअसल, शांतिनिकेतन में आने वाले पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है. जिसके चलते नए रिसॉर्ट, फ्लैट, रेस्तरां और कॉफी हाउस बढ़ गए हैं. बोलपुर-शांति निकेतन में लगभग पिछले दो दशकों से पेड़ों को काटने का काम चल रहा है. कोपई नदी शांतिनिकेतन (Santiniketan) की परंपरा का प्रतीक है. रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की कई कविताओं का संदर्भ इस नदी से मिलता है. साथ ही शांतिनिकेतन रविंद्रनाथ टैगोर की जन्मस्थली भी है.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन
  • Blossom Theatre कर रहा नाटक का मंचन

अजय नदी के किनारों को बेचने को लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेताओं के साथ मिलकर भू-माफियाओं द्वारा यह काम किया जा रहा है. नदी के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे इलाके के लोगों के साथ जिले के रंगमंच के लोग जुड़ने के बाद यह विरोध कई गुना बढ़ गया है. थिएटर ग्रुप के सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय अलग-अलग तरीके से विरोध कर रहे हैं. वहीं, इस विरोध में प्रमुख भूमिका निभा रहे थिएटर का नाम 'ब्लॉसम थिएटर' (Blossom Theatre) है.

Drama staging against land mafia
भूमाफियाओं के विरोध में नाटक मंचन

नदी किनारे चल रहे इस नाटक के निर्देशक पार्थ गुप्ता के मुताबिक, कोपई और अजय नदियों के किनारे बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण हुआ है. उन्होंने कहा कि नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित किया जा रहा है. प्रकृति अपना प्राकृतिक आकर्षण खोती जा रहा है इसलिए हम नाटक के माध्यम से इस अतिक्रमण का विरोध कर रहे हैं. हम आगे भी अपना विरोध जारी रखेंगे.

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