नैनीतालः केंद्र सरकार ने एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना 'अग्निपथ' लॉन्च की, लेकिन देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी इसका जोरदार विरोध हो रहा है. युवा सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच सेना के ढांचे में बदलाव के मामले पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने इसे युवाओं के हित में बताया है. साथ ही कहा कि अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, और चीन की तर्ज पर अब भारत में भी सेना में बदलाव किया जा रहा है. जिससे आने वाले समय में एक मजबूत सेना उभर कर खड़ी होगी. इन सभी देशों के सैन्य अधिकारियों के साथ मिलकर किए अभ्यास के बाद लिए गए सर्वोत्तम फैसलों को भारत में प्रयोग किया जा रहा है.
सरकार गुरिल्लाओं के लिए बना रही विशेष योजनाः नैनीताल पहुंचे सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि अग्निपथ योजना में सैनिकों के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होगा. पूर्व की भांति सभी सैनिकों को पेंशन व अन्य सुविधा सरकार की ओर से दी जाएगी. सरकार के इस फैसले से देश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी पर लगाम लगेगी और पहले से अधिक कुशल सेना का गठन होगा. अजय भट्ट ने कहा कि केंद्र सरकार गुरिल्लाओं के लिए भी विशेष योजना बना रही है. जिससे गुरिल्ला युद्ध में सम्मिलित लोगों को भी फायदा मिलेगा.
विपक्ष फैला रहा भ्रम, तभी देश में हो रहा आंदोलनः सांसद अजय भट्ट उन्होंने कहा कि देश में विपक्ष की ओर से भ्रम फैलाया जा रहा है. जिस वजह से आज देश में आंदोलन की स्थिति बनी है. युवा भ्रमित होकर सार्वजनिक व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. विपक्ष की घबराहट के चलते इस तरह का प्रोपेगेंडा खड़ा किया गया है. विपक्ष की ओर से सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है.
विपक्ष पर जुबानी हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक मित्र पहले सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, सीएए पर सवाल खड़े कर रहे थे तो अब सेना में किए जा रहे बदलाव पर सवाल खड़े करते हुए सरकार के कामों में खामियां निकालते हुए देश में दरार डालने का काम कर रहे हैं. विपक्षी देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को बदनाम करने में लगे हैं. विपक्ष राजनीति के अलावा कोई काम नहीं कर रहा.
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गौर हो कि बीती 14 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देश की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना (Agnipath Recruitment Scheme) का ऐलान किया था, लेकिन घोषणा होते ही ये योजना विवादों में घिर गई है. युवाओं का सबसे बड़ा सवाल केवल चार साल के लिए हो रही भर्ती को लेकर है. दूसरा सवाल चार साल की सेवा के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को रिटायर करने को लेकर है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए और लंबे समय से अटकी सेनाओं में भर्ती रैलियों को आयोजित कराया जाना चाहिए.