चेन्नै : जिला उपभोक्ता शिकायत आयोग ने एयरटेल और आईसीआईसीआई को मानक के अनुरुप सुविधा नहीं देने के कारण उपभोक्ता को 6 लाख रुपये देने के आदेश दिया है. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै के वेस्ट तांबरम में रहने वाली जे. येशुदायन एयरटेल का पोस्ट पेड सर्विस की यूजर थी. 2012 में कंपनी ने अचानक उनका फोन नंबर कैंसल कर दिया था. जब येशुदायन ने फोन नंबर अचानक बंद करने की शिकायत की तो कंपनी ने उन्हें नया सिम लेने की सलाह दी.
सिम बंद होने का विवाद जब चल रहा था, तभी येशुदायन के आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट से 4 लाख 89 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. आईसीआईसीआई बैंक की चेन्नई तेयनमपेट ब्रांच से ये रकम चार ऐसे अकाउंट में भेजी गई, जिसका उनसे कोई लेना-देना नहीं था. पैसों के हेरफेर के इस मामले में जे. येशुदायन ने पहले पुलिस में रिपोर्ट कराई. फिर उन्होंने चेन्नै कंज्यूमर ग्रीवांस कमीशन में आईसीआईसीआई और एयरटेल के खिलाफ सेवा की कमी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया. इस मामले की सुनवाई करीब 9 साल चली. अब कमीशन ने आईसीआईसीआई और एयरटेल को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 4 लाख 89 हजार रुपये की रकम येशुदायन को लौटाने का आदेश दिया है. इसके अलावा दोनों कंपनियों को मेंटल स्ट्रेस के एवज में 2 लाख और केस लड़ने में खर्च किए गए 10 हजार रुपये भी देने होंगे. कमीशन ने मुआवजा की रकम देने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की है.
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