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उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहुंच रहे रिकॉर्ड वाहन, कहीं 'जहरीली' तो नहीं हुई फिजा? एयर क्वालिटी की होगी मॉनिटरिंग - दिल्ली स्मॉग की समस्या

Air Quality Monitoring in Uttarakhand देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्मॉग यानी वायु प्रदूषण से बेहाल है. यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक इतनी खराब है कि अब सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. इस हाल के लिए पराली और वाहनों के साथ अन्य कारकों को जिम्मेदार माना जा रहा है, लेकिन इसके इतर उत्तराखंड की बात करें तो चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में वाहन आ रहे हैं. जिससे प्रदूषण में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है. यही वजह है कि अब एयर क्वालिटी की मॉनिटरिंग करने की बात हो रही है. Chardham Yatra Vehicle Numbers Increased

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
उत्तराखंड में वायु की गुणवत्ता
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 8, 2023, 6:51 PM IST

Updated : Nov 9, 2023, 4:51 PM IST

उत्तराखंड में एयर क्वालिटी की होगी मॉनिटरिंग

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं का आंकड़ा 56 लाख के पार पहुंच गया है तो वहीं धामों में पहुंचने वाले वाहनों की संख्या भी लाखों में है. ऐसे में पर्वतीय क्षेत्र में जब वाहनों की संख्या बढ़ती है तो उससे एयर पॉल्यूशन और ध्वनि प्रदूषण काफी होता है. जिसको देखते हुए पहली बार उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अब उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी जिले की एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग करने जा रही है.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
पहाड़ों में छायी धुंध

दरअसल, इसके लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के साथ पीसीबी इसका अध्ययन करेगी. क्योंकि, इस बार काफी संख्या में वाहनों का धामों में आवागमन हुआ है. लिहाजा, संभावना जताई जा रही है कि कुछ न कुछ पॉल्यूशन म्युटेंट एयर में पहुंचे होंगे. बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) वायु की गुणवत्ता को मापने का एक मानक है. जिसके जरिए हवा की क्वालिटी को मापा जाता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में एयर में मौजूद तमाम पॉलिटेंट की मात्रा के अनुसार तय किया जाता है. जिसके तहत एयर क्वालिटी इंडेक्स में 0 से 50 तक होना वायु की सबसे बेहतर गुणवत्ता मानी जाती है.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
केदारनाथ की आवोहवा

इसके बाद 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक श्रेणी में रखा गया है. जबकि, 101 से 200 एक्यूआई को मध्यम श्रेणी में रखा गया है. मध्यम श्रेणी का एयर क्वालिटी होने पर फेफड़ा, दिल और अस्थमा के मरीजों सांस लेने में दिक्कतें होने की संभावना रहती है. इसी क्रम में 201 से 300 एक्यूआई को खराब और 301 से 400 एक्यूआई को बहुत खराब श्रेणी में रखा गया है. इस श्रेणी में मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है. साथ ही सामान्य लोगों को सांस की बीमारी का खतरा होने की संभावना रहती है. इसी तरह 401 से 500 एक्यूआई को बेहद गंभीर माना जाता है.

ये भी पढ़ेंः 'सांस' लेने के लिए 'गैस चेंबर' राज्यों से उत्तराखंड पहुंच रहे लोग, लेकिन क्या पहाड़ों पर सब ठीक है?

वहीं, इस बार चारधाम की यात्रा के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन करने पहुंचे हैं. वर्तमान समय तक चारधाम यात्रा में 55 लाख से ज्यादा यात्री आ चुके हैं. इसके साथ ही लाखों की संख्या में वाहनों का आवागमन इस यात्रा के दौरान हुआ है. अभी भी वाहनों के आने का सिलसिला जारी है. विभागों की मानें तो इस यात्रा सीजन में 5 नवंबर तक 5,68,459 वाहनों का आवागमन हो चुका है. जिसके तहत बदरीनाथ धाम में 2,39,550 वाहन, केदारनाथ धाम में 99,182 वाहन, गंगोत्री धाम में 95,238 वाहन, यमुनोत्री धाम में 75,453 वाहनों के साथ ही हेमकुंड साहिब के लिए 59,036 वाहनों का आवागमन हो चुका है.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
चारधाम आने वाले वाहनों की संख्या

यूपीसीबी के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक ने बताया कि नेशनल एयर मॉनिटरिंग प्लान और स्टेट एयर मॉनिटरिंग प्लान के तहत ना सिर्फ मैदानी जिलों बल्कि पर्वतीय जिलों में भी एयर मॉनिटरिंग की जा रही है. लिहाजा, पर्वतीय जिलों में जो एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड (Air Quality Standards) और एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) है, वो भारत सरकार के मानकों के अनुरूप है, लेकिन वर्तमान समय में प्रदूषण बढ़ रहा है. इस दिशा में मॉनिटरिंग करने जा रहे हैं.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव श्रीनगर

जिसके तहत उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मिडिल और अपर हिमालय में इमर्जिंग एयर पॉलिटेंट (Emerging Air Pollutants) की स्टडी हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के साथ करने जा रहा है. साथ ही कहा कि जिसकी रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा कि पर्वतीय क्षेत्रों पर पॉल्यूशन की क्या स्थिति है? लेकिन इतना जरूर है कि पहाड़ों में एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड, भारत सरकार के मानकों के अनुरूप है.
ये भी पढ़ेंः दिल्ली में प्रदूषण पर विशेषज्ञों ने कहा- सरकार को वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठना चाहिए

ऐसे में भविष्य में इसकी क्वालिटी ना घटे, इसके लिए मॉनिटरिंग और रिसर्च एवं डेवलपमेंट एक्टिविटी (R&D) की जा रही है. साथ ही कहा कि रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली और पौड़ी जिला चारधाम के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, चारधाम में इस सीजन काफी ज्यादा वाहनों को मूवमेंट हुआ है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दौरान काफी वाहनों के मूवमेंट से कुछ पॉलिटेंट, एयर में इमर्ज हुए हों. इसके लिए मिटिगेशन मेजर्स (Mitigation measures) लेने की जरूरत है.

उत्तराखंड में एयर क्वालिटी की होगी मॉनिटरिंग

देहरादूनः उत्तराखंड चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं का आंकड़ा 56 लाख के पार पहुंच गया है तो वहीं धामों में पहुंचने वाले वाहनों की संख्या भी लाखों में है. ऐसे में पर्वतीय क्षेत्र में जब वाहनों की संख्या बढ़ती है तो उससे एयर पॉल्यूशन और ध्वनि प्रदूषण काफी होता है. जिसको देखते हुए पहली बार उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अब उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी जिले की एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग करने जा रही है.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
पहाड़ों में छायी धुंध

दरअसल, इसके लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के साथ पीसीबी इसका अध्ययन करेगी. क्योंकि, इस बार काफी संख्या में वाहनों का धामों में आवागमन हुआ है. लिहाजा, संभावना जताई जा रही है कि कुछ न कुछ पॉल्यूशन म्युटेंट एयर में पहुंचे होंगे. बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) वायु की गुणवत्ता को मापने का एक मानक है. जिसके जरिए हवा की क्वालिटी को मापा जाता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में एयर में मौजूद तमाम पॉलिटेंट की मात्रा के अनुसार तय किया जाता है. जिसके तहत एयर क्वालिटी इंडेक्स में 0 से 50 तक होना वायु की सबसे बेहतर गुणवत्ता मानी जाती है.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
केदारनाथ की आवोहवा

इसके बाद 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक श्रेणी में रखा गया है. जबकि, 101 से 200 एक्यूआई को मध्यम श्रेणी में रखा गया है. मध्यम श्रेणी का एयर क्वालिटी होने पर फेफड़ा, दिल और अस्थमा के मरीजों सांस लेने में दिक्कतें होने की संभावना रहती है. इसी क्रम में 201 से 300 एक्यूआई को खराब और 301 से 400 एक्यूआई को बहुत खराब श्रेणी में रखा गया है. इस श्रेणी में मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है. साथ ही सामान्य लोगों को सांस की बीमारी का खतरा होने की संभावना रहती है. इसी तरह 401 से 500 एक्यूआई को बेहद गंभीर माना जाता है.

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वहीं, इस बार चारधाम की यात्रा के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन करने पहुंचे हैं. वर्तमान समय तक चारधाम यात्रा में 55 लाख से ज्यादा यात्री आ चुके हैं. इसके साथ ही लाखों की संख्या में वाहनों का आवागमन इस यात्रा के दौरान हुआ है. अभी भी वाहनों के आने का सिलसिला जारी है. विभागों की मानें तो इस यात्रा सीजन में 5 नवंबर तक 5,68,459 वाहनों का आवागमन हो चुका है. जिसके तहत बदरीनाथ धाम में 2,39,550 वाहन, केदारनाथ धाम में 99,182 वाहन, गंगोत्री धाम में 95,238 वाहन, यमुनोत्री धाम में 75,453 वाहनों के साथ ही हेमकुंड साहिब के लिए 59,036 वाहनों का आवागमन हो चुका है.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
चारधाम आने वाले वाहनों की संख्या

यूपीसीबी के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक ने बताया कि नेशनल एयर मॉनिटरिंग प्लान और स्टेट एयर मॉनिटरिंग प्लान के तहत ना सिर्फ मैदानी जिलों बल्कि पर्वतीय जिलों में भी एयर मॉनिटरिंग की जा रही है. लिहाजा, पर्वतीय जिलों में जो एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड (Air Quality Standards) और एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) है, वो भारत सरकार के मानकों के अनुरूप है, लेकिन वर्तमान समय में प्रदूषण बढ़ रहा है. इस दिशा में मॉनिटरिंग करने जा रहे हैं.

Air Quality Monitoring in Uttarakhand
चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव श्रीनगर

जिसके तहत उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मिडिल और अपर हिमालय में इमर्जिंग एयर पॉलिटेंट (Emerging Air Pollutants) की स्टडी हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के साथ करने जा रहा है. साथ ही कहा कि जिसकी रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा कि पर्वतीय क्षेत्रों पर पॉल्यूशन की क्या स्थिति है? लेकिन इतना जरूर है कि पहाड़ों में एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड, भारत सरकार के मानकों के अनुरूप है.
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ऐसे में भविष्य में इसकी क्वालिटी ना घटे, इसके लिए मॉनिटरिंग और रिसर्च एवं डेवलपमेंट एक्टिविटी (R&D) की जा रही है. साथ ही कहा कि रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली और पौड़ी जिला चारधाम के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, चारधाम में इस सीजन काफी ज्यादा वाहनों को मूवमेंट हुआ है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दौरान काफी वाहनों के मूवमेंट से कुछ पॉलिटेंट, एयर में इमर्ज हुए हों. इसके लिए मिटिगेशन मेजर्स (Mitigation measures) लेने की जरूरत है.

Last Updated : Nov 9, 2023, 4:51 PM IST
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