नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के साथ ही वहां से लोगों का पलायन शुरू हो गया है. रविवार शाम को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अलग-अलग दो विमानों से करीब 220 भारतीयों को दिल्ली लाया गया, जिसमें ज्यादातर अफगानिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिख भारतीय हैं.
अफगानिस्तान से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे लोगों ने वहां के हालात के बारे में जो बताया वह बहुत भयावह है. तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और राजधानी काबूल को घेर लिया है. तमाम अफगानी नेता देश छोड़कर भाग गए हैं.
पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के चचेरे भाई व पूर्व सांसद जामिल करजई कहते हैं कि जब मैंने काबुल छोड़ा, तब शहर तालिबानियों के कब्जे में जा चुका था. मुझे लगता है कि अब वहां नई सरकार होगी. वहां जो भी हुआ वह अशरफ गनी की वजह से हुआ. उन्होंने अफगानिस्तान को धोखा दिया. लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे.
वहीं, रविवार शाम दिल्ली पहुंचे अफगान सांसद अब्दुल कादिर जजई ने कहा कि अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति समझौता था. यह सिर्फ सत्ता हस्तांतरण प्रक्रिया है. अब काबुल में स्थिति शांत है. पाकिस्तान तालिबान के सबसे करीबी समर्थकों में है. मेरा परिवार अब भी काबुल में है.
वहीं, यूएस दूतावास ने सेक्यूरिटी अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि काबुल में हालात तेजी से बदल रहे हैं. एयरपोर्ट पर भी आग लगने की कुछ खबरें आ रही हैं.
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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार रिजवान उल्लाह अहमदजई ने दिल्ली पहुंचने पर कहा कि अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में शांति है. ज्यादातर राजनेताओं और मंत्रियों ने काबुल छोड़ दिया है. 200 लोग दिल्ली पहुंचे हैं. मुझे लगता है कि यह नया तालिबान है, जो महिलाओं को काम करने की आजादी देगा.
अब्दुल्लाह मसूदी बंगलुरु में BBA के स्टूडेंट हैं. वह भी इसी फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे. उन्होंने बताया कि लोग बैंक भाग रहे थे, ताकि अपने हाथ में कैश रख सकें. मैंने कोई हिंसा नहीं देखी, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि वहां हिंसा नहीं हो रही है. मेरा परिवार अफगानिस्तान में है.