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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दहेज के खिलाफ छेड़ा अभियान, मस्जिदों में निकाह की अपील

दहेज प्रथा के खिलाफ मुसलमानों को लामबंद करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने शनिवार को 10 दिवसीय राष्ट्रव्यापी जागरुकता अभियान शुरू किया. इस अभियान में समुदाय से विवाह मंडपों की बजाय मस्जिदों में निकाह करने का आग्रह किया जा रहा है.

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Published : Mar 27, 2021, 9:11 PM IST

नई दिल्ली : ईटीवी भारत से बात करते हुए एआईएमपीएलबी के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमान ने कहा कि एआईएमपीएलबी की सामाजिक सुधार समिति ने विवाह को सरल, आसान बनाने और अनावश्यक समारोहों व रीति-रिवाजों को रोकने के लिए अभियान शुरू किया है. खासकर दहेज की मांग के खिलाफ जागरुकता फैलाई जाएगी.

अभियान के प्रमुख मौलाना उमरैन ने कहा कि एआईएमपीएलबी की सामाजिक सुधार समिति द्वारा 11 सूत्री अपील जारी की गई है. जिसके तहत सभी मुस्लिम विद्वानों और इमामों से मस्जिदों में दिन की नमाज से पहले इस्लामी उपदेशों के बारे में बताने के लिए कहा गया है. जिसका मकसद शरीयत के मुताबिक शादी को प्रोत्साहित करना और लोगों को विशेष रूप से दहेज के आदान-प्रदान के नुकसान के बारे में जागरूक करना है.

उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अभियान के दौरान हमने इमामों को एक क्षेत्र-केंद्रित समितियों का गठन करने और उन परिवारों का दौरा करने के लिए कहा है, जो शादी समारोह आयोजित करने वाले हैं. इमामों को इस्लामी शिक्षाओं का अनुसरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने और मार्गदर्शन करने के लिए कहा गया है.

उन्होंने कहा कि आमतौर पर महिलाएं शादी की रस्में निभाने में सबसे आगे होती हैं. इसलिए इस विषय पर महिलाओं के लिए अलग-अलग सभाएं आयोजित की जाएंगी और गलत रस्मों के नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी.

बोर्ड ने कहा कि मुसलमानों को मस्जिदों में शादी समारोह आयोजित करने चाहिए, क्योंकि इस्लामी कानून में बरात की कोई अवधारणा नहीं है. शादी के मंडप में विवाह समारोह आयोजित करने की बजाय मुसलमानों को उन्हें मस्जिदों में आयोजित करना चाहिए. इससे खुदब-खुद कई रस्में समाप्त हो जाएंगी.

यह भी पढ़ें- दिल्ली : फैक्ट्री में सिलेंडर ब्लास्ट, सात लोग गंभीर रूप से घायल

गौरतलब है कि पिछले महीने दहेज उत्पीड़न के कारण गुजरात के अहमदाबाद की एक महिला ने साबरमती नदी में कूद कर जान दे दी थी. इस घटना के बाद लगभग एक महीने बाद AIMPLB का यह अभियान शुरू किया गया है.

नई दिल्ली : ईटीवी भारत से बात करते हुए एआईएमपीएलबी के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमान ने कहा कि एआईएमपीएलबी की सामाजिक सुधार समिति ने विवाह को सरल, आसान बनाने और अनावश्यक समारोहों व रीति-रिवाजों को रोकने के लिए अभियान शुरू किया है. खासकर दहेज की मांग के खिलाफ जागरुकता फैलाई जाएगी.

अभियान के प्रमुख मौलाना उमरैन ने कहा कि एआईएमपीएलबी की सामाजिक सुधार समिति द्वारा 11 सूत्री अपील जारी की गई है. जिसके तहत सभी मुस्लिम विद्वानों और इमामों से मस्जिदों में दिन की नमाज से पहले इस्लामी उपदेशों के बारे में बताने के लिए कहा गया है. जिसका मकसद शरीयत के मुताबिक शादी को प्रोत्साहित करना और लोगों को विशेष रूप से दहेज के आदान-प्रदान के नुकसान के बारे में जागरूक करना है.

उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अभियान के दौरान हमने इमामों को एक क्षेत्र-केंद्रित समितियों का गठन करने और उन परिवारों का दौरा करने के लिए कहा है, जो शादी समारोह आयोजित करने वाले हैं. इमामों को इस्लामी शिक्षाओं का अनुसरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने और मार्गदर्शन करने के लिए कहा गया है.

उन्होंने कहा कि आमतौर पर महिलाएं शादी की रस्में निभाने में सबसे आगे होती हैं. इसलिए इस विषय पर महिलाओं के लिए अलग-अलग सभाएं आयोजित की जाएंगी और गलत रस्मों के नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी.

बोर्ड ने कहा कि मुसलमानों को मस्जिदों में शादी समारोह आयोजित करने चाहिए, क्योंकि इस्लामी कानून में बरात की कोई अवधारणा नहीं है. शादी के मंडप में विवाह समारोह आयोजित करने की बजाय मुसलमानों को उन्हें मस्जिदों में आयोजित करना चाहिए. इससे खुदब-खुद कई रस्में समाप्त हो जाएंगी.

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गौरतलब है कि पिछले महीने दहेज उत्पीड़न के कारण गुजरात के अहमदाबाद की एक महिला ने साबरमती नदी में कूद कर जान दे दी थी. इस घटना के बाद लगभग एक महीने बाद AIMPLB का यह अभियान शुरू किया गया है.

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