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राष्ट्रगान से नहीं राष्ट्रगीत से हमें तकलीफ.. हम पढ़ते हैं.. सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा: अख्तरुल इमान - Winter Session of Patna Legislative Assembly

बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में प्रबोधन कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और समापन वंदे मातरम से. इस पर एक बार फिर से AIMIM विधायक अख्तरुल इमान (Vande Mataram Controversy In Bihar) ने अपनी नाराजगी जताई है. पढ़ें पूरी खबर..

एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान
एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान
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Published : Feb 18, 2022, 7:08 AM IST

पटना: एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान (akhtarul iman on national song vande mataram) ने एक बार फिर से वंदे मातरम को लेकर नाराजगी जाहिर की है. असल में बिहार विधान सभा के सेंट्रल हॉल में प्रबोधन कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और समापन वंदे मातरम से. अख्तरुल इमान (AIMIM MLA Akhtarul Iman) ने कहा कि, लोकतंत्र की हत्या हो रही है, जिसकी लाठी उसकी भैंस. पहले से स्थापित परंपरा को तोड़ा जा रहा है.

पढ़ें - जिस 'वंदे मातरम्' की गूंज से अंग्रेजों में मची रहती थी खलबली, उस राष्ट्रगीत पर बिहार में सियासत क्यों?

अख्तरुल इमान ने कहा कि संविधान सभा की बैठक में राष्ट्रगान पर किसी को आपत्ति नहीं थी, लेकिन राष्ट्रगीत पर उन्होंने कहा कि सब के मान सम्मान का ख्याल रखना चाहिए. उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है. दरअसल अख्तरुल इमान ने साफ कहा है कि पिछले सत्र में भी हमने वंदे मातरम नहीं गाया था और इस बार भी नहीं गाएंगे. विधान सभा अध्यक्ष को जो कार्रवाई करनी है करें, उनके पास ताकत है. पिछले सत्र में भी अख्तरुल इमान ने इसका विरोध किया था.

एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान

"मैंने कहा था कि अब लोकतंत्र की हत्या हो रही है. जो परंपराएं पहले से स्थापित नहीं थी उन परंपराओं को स्थापित करके लोकतंत्र के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है. हमें इसे लेकर आपत्ति नहीं है. संविधान सभा में जब कानून बन रहा था तब इसका विरोध हुआ था. राष्ट्रगान से किसी को तकलीफ नहीं है. राष्ट्रगीत से लोगों को तकलीफ है. ये देश सबका है इसलिए सबका मान सम्मान होना चाहिए.सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा हम पढ़ते हैं."- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष व विधायक, एआईएमआईएम

पढ़ें- वंदे मातरम् को लेकर बिहार की राजनीति में फिर भूचाल, जानें क्या कहता है संविधान

स्पीकर के आदेश पर विवाद

इमान का बयान स्पीकर विजय कुमार सिन्हा द्वारा विधान सभा और परिषद के प्रत्येक विधायक एमएलसी को राष्ट्रगान (जन गण मन) और राष्ट्रीय गीत (वंदे मातरम) गाने के लिए कहने के एक दिन बाद आया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रतीक हैं. इसलिए हर देशवासी को उन्हें सार्वजनिक रूप से गाना चाहिए. स्पीकर के इसी पर विवाद गहराता जा रहा है.

शीतकालीन सत्र में भी हुआ था विरोध

बता दें कि इससे पहले शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन जब राष्ट्रीय गीत गाया जा रहा था, तो उसी दौरान ओवैसी की पार्टी के पांचों विधायकों ने राष्ट्रीय गीत गाने से इनकार कर दिया था. इतना ही नहीं, विधायकों ने ये भी कहा था कि स्पीकर जबरन राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान गाने की परंपरा थोप रहे हैं.

दरअसल, शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान (जन-गण-मन) और आखिरी दिन राष्ट्रगीत (वंदे मातरम) गाने की परंपरा शुरू की थी. उन्होंने इस बात को फिर से दोहराया कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत हमारे देश के एकता अखंडता को बताते हैं. सभी जगह पर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत होने चाहिए, जो सार्वजनिक तौर पर आयोजित होते हैं.

पटना: एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान (akhtarul iman on national song vande mataram) ने एक बार फिर से वंदे मातरम को लेकर नाराजगी जाहिर की है. असल में बिहार विधान सभा के सेंट्रल हॉल में प्रबोधन कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और समापन वंदे मातरम से. अख्तरुल इमान (AIMIM MLA Akhtarul Iman) ने कहा कि, लोकतंत्र की हत्या हो रही है, जिसकी लाठी उसकी भैंस. पहले से स्थापित परंपरा को तोड़ा जा रहा है.

पढ़ें - जिस 'वंदे मातरम्' की गूंज से अंग्रेजों में मची रहती थी खलबली, उस राष्ट्रगीत पर बिहार में सियासत क्यों?

अख्तरुल इमान ने कहा कि संविधान सभा की बैठक में राष्ट्रगान पर किसी को आपत्ति नहीं थी, लेकिन राष्ट्रगीत पर उन्होंने कहा कि सब के मान सम्मान का ख्याल रखना चाहिए. उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है. दरअसल अख्तरुल इमान ने साफ कहा है कि पिछले सत्र में भी हमने वंदे मातरम नहीं गाया था और इस बार भी नहीं गाएंगे. विधान सभा अध्यक्ष को जो कार्रवाई करनी है करें, उनके पास ताकत है. पिछले सत्र में भी अख्तरुल इमान ने इसका विरोध किया था.

एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान

"मैंने कहा था कि अब लोकतंत्र की हत्या हो रही है. जो परंपराएं पहले से स्थापित नहीं थी उन परंपराओं को स्थापित करके लोकतंत्र के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है. हमें इसे लेकर आपत्ति नहीं है. संविधान सभा में जब कानून बन रहा था तब इसका विरोध हुआ था. राष्ट्रगान से किसी को तकलीफ नहीं है. राष्ट्रगीत से लोगों को तकलीफ है. ये देश सबका है इसलिए सबका मान सम्मान होना चाहिए.सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा हम पढ़ते हैं."- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष व विधायक, एआईएमआईएम

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स्पीकर के आदेश पर विवाद

इमान का बयान स्पीकर विजय कुमार सिन्हा द्वारा विधान सभा और परिषद के प्रत्येक विधायक एमएलसी को राष्ट्रगान (जन गण मन) और राष्ट्रीय गीत (वंदे मातरम) गाने के लिए कहने के एक दिन बाद आया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रतीक हैं. इसलिए हर देशवासी को उन्हें सार्वजनिक रूप से गाना चाहिए. स्पीकर के इसी पर विवाद गहराता जा रहा है.

शीतकालीन सत्र में भी हुआ था विरोध

बता दें कि इससे पहले शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन जब राष्ट्रीय गीत गाया जा रहा था, तो उसी दौरान ओवैसी की पार्टी के पांचों विधायकों ने राष्ट्रीय गीत गाने से इनकार कर दिया था. इतना ही नहीं, विधायकों ने ये भी कहा था कि स्पीकर जबरन राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान गाने की परंपरा थोप रहे हैं.

दरअसल, शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान (जन-गण-मन) और आखिरी दिन राष्ट्रगीत (वंदे मातरम) गाने की परंपरा शुरू की थी. उन्होंने इस बात को फिर से दोहराया कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत हमारे देश के एकता अखंडता को बताते हैं. सभी जगह पर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत होने चाहिए, जो सार्वजनिक तौर पर आयोजित होते हैं.

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