पटना: बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) की दूसरी लहर का पीक समय बीतते ही तीसरी लहर को लेकर लोग आशंकित हैं. विशेषज्ञ भी तीसरी लहर को लेकर आशंका जाहिर कर रहे हैं कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने का खतरा है. ऐसे में पटना एम्स (Patna AIIMS) के टेलीमेडिसिन के हेड डॉ. अनिल कुमार ने कोरोना की थर्ड वेव से बच्चों को बचाने के लिए वीएचआईटी और एमएएपी (VHIT & MAAP) फार्मूला ईजाद किया है.
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पटना एम्स के टेलीमेडिसिन के हेड डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि 'वीएचआईटी (VHIT) कॉन्सेप्ट के तहत वैक्सीनेशन, हॉस्पिटल सेटअप, इम्यूनिटी और ट्रीटमेंट प्रोटोकोल आते हैं. वैक्सीनेशन के तहत जिन घरों में छोटे बच्चे हैं, वहां घर के सभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के सदस्यों को जल्द कोरोना का टीका लगवा लेना चाहिए. इसके साथ ही बच्चों को MMR यानी कि मेजल्स ऑफ रूबेला की वैक्सीन जरूर लगवाई जाए.'
क्या है VHIT फार्मूला?
पटना एम्स के डॉक्टर का मूल मंत्र
वार्ड में हो अटेंडेंट की व्यवस्था
'ट्रीटमेंट प्रोटोकोल' दवाओं का कॉम्बिनेशन
डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि वीएचआईटी फॉर्मूला का सबसे आखिरी अक्षर T है, यानी कि ट्रीटमेंट प्रोटोकोल और इसी ट्रीटमेंट प्रोटोकोल में एमएएपी (MAAP) का फार्मूला आता है. M का मतलब मल्टीविटामिन टेबलेट या सिरप, A यानी एंटी एलर्जिक दवाइयां, A का अर्थ एंटी बायोटिक दवाइयां और P यानी पेरासिटामोल है.
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घबराए नहीं, बरतें सावधानी
डॉ.अनिल कुमार ने बताया कि बच्चों के ट्रीटमेंट में इन चार प्रकार के दवाइयों के अलावा कोई अन्य दवाइयों की विशेष जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि अगर दुर्भाग्य से घर के बच्चे कोरोना से संक्रमित भी हो जाते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि बच्चों की रिकवरी रेट बहुत अच्छी है. बच्चों का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है और वह जल्द ही किसी भी बीमारी को मात दे देते हैं.