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AIIMS की पहल : 'दिशा' मानसिक रोगियों को दिखाएगा दिशा, 'सक्षम' बनाएगा रोगों से लड़ने में सक्षम

कोरोना ने ज्यादातर लोगों के मन और मस्तिष्क पर बहुत ही बुरा प्रभाव डाला है. इस समय दुनिया के ज्यातार लोगों के अंदर मानसिक परेशानियां पहले की अपेक्षा बढ़ गई हैं. इससे भारत भी अछूता नहीं रहा है, जिसको देखते हुए दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) अस्पताल ने दिशा और सक्षम नाम के दो मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किए हैं. जो मानसिक बीमारी से बचने और मानसिक बीमारी के मरीजों के लिए जानकारी और सुविधा उपलब्ध कराएगी.

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Published : Sep 15, 2021, 5:05 PM IST

नई दिल्ली : मानसिक रूप से जुड़ी बीमारियों का कैसे इलाज किया जाए इसको लेकर दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) अस्पताल ने दो मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किए हैं. जिनका नाम दिशा और सक्षम रखा गया है. एप के जरिए मानसिक बीमारियों से जूझ रहे शुरुआती मरीज और लंबे समय से इलाज करवा रहे मरीजों के लिए तमाम जानकारी और सुविधा उपलब्ध होगी.

इन एप्लीकेशन के बारे में जानकारी देते हुए एम्स अस्पताल के साइकाइट्रिक विभाग की वरिष्ठ डॉ. ममता सूद ने ईटीवी भारत को बताया कि यह दो एप मानसिक रोगों से पीड़ित दो अलग-अलग प्रकार के मरीजों के लिए तैयार किए गए हैं, जिसमें दिशा एप जोकि पहली बार इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को दिशा दिखाएगा. उन्हें सभी जानकारी देगा कि कैसे इलाज करवाना है, कैसे दवाई खानी है, कहां-कहां डॉक्टर से संपर्क करना है आदि. इसके साथ ही मरीजों को उनकी बीमारी की पहचान भी कराएगा. जबकि दूसरा एप सक्षम जो कि सीवियर मेंटल इलनेस से जूझ रहे मरीजों के लिए सही समय पर दवा लेने, काम करने और यदि उनकी पढ़ाई बीच में छूट गई है, तो वह कैसे आगे दोबारा पढ़ाई शुरू कर सकते हैं आदि चीजों को लेकर रिमाइंडर देगा.

'दिशा' और 'सक्षम' एप के जरिए होगा इलाज
डॉक्टर ममता सूद ने कहा कि मानसिक रोगों से पीड़ित मरीजों और उनके अभिभावकों को भी कई बार यह जानकारी नहीं होती है कि उन्हें क्या करना है. कैसे इलाज करवाना है. ऐसे में इन सभी सवालों और समस्याओं के लिए यह एप बनाए गए हैं. इन एप को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च (UK), Warwick यूनिवर्सिटी इन (UK), इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली और एम्स अस्पताल ने साथ मिलकर तैयार किया है. इन एप को लेकर अब पूरी रिसर्च हो गई है. जिसके बाद इसे बस पब्लिक डोमेन में लाने की तैयारी है.

इसके साथ ही डॉक्टर ममता सूद ने बताया कि मौजूदा समय में लॉकडाउन के चलते स्कूल भी लंबे समय तक बंद थे. ऐसे में बच्चों में भी मानसिक रोग और तनाव देखने को मिला. अभिभावकों में भी यह स्थिति देखी गई. जिसके लिए इन एप्लीकेशन पर अभिभावकों और बच्चों के लिए भी छोटे-छोटे वीडियो बनाए गए हैं, जिससे कि वह मानसिक तनाव, नशे आदि से दूर रहे सकें और माता-पिता बच्चों को कैसे खुश रखें इन सभी चीजों को लेकर इन एप्लीकेशन पर जानकारी दी गई है.

डॉक्टर ममता ने बताया कि ये एप्लीकेशन पूरी तरीके से तैयार हैं, इन पर रिसर्च पूरी हो चुकी है और 25 मरीजों को यह एप्लीकेशन ट्रायल के लिए भी दिए गए हैं, जिसका डाटा कलेक्ट करने के बाद और तमाम मरीजों का डाटा लेकर सेव करने के बाद ये एप्लीकेशन जनवरी 2022 तक मरीजों के लिए लांच कर दिए जाएंगे.

पढ़ेंः पेट्रोल-डीजल हो सकता है GST में शामिल, 17 सितंबर को काउंसिल की मीटिंग

नई दिल्ली : मानसिक रूप से जुड़ी बीमारियों का कैसे इलाज किया जाए इसको लेकर दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) अस्पताल ने दो मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किए हैं. जिनका नाम दिशा और सक्षम रखा गया है. एप के जरिए मानसिक बीमारियों से जूझ रहे शुरुआती मरीज और लंबे समय से इलाज करवा रहे मरीजों के लिए तमाम जानकारी और सुविधा उपलब्ध होगी.

इन एप्लीकेशन के बारे में जानकारी देते हुए एम्स अस्पताल के साइकाइट्रिक विभाग की वरिष्ठ डॉ. ममता सूद ने ईटीवी भारत को बताया कि यह दो एप मानसिक रोगों से पीड़ित दो अलग-अलग प्रकार के मरीजों के लिए तैयार किए गए हैं, जिसमें दिशा एप जोकि पहली बार इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को दिशा दिखाएगा. उन्हें सभी जानकारी देगा कि कैसे इलाज करवाना है, कैसे दवाई खानी है, कहां-कहां डॉक्टर से संपर्क करना है आदि. इसके साथ ही मरीजों को उनकी बीमारी की पहचान भी कराएगा. जबकि दूसरा एप सक्षम जो कि सीवियर मेंटल इलनेस से जूझ रहे मरीजों के लिए सही समय पर दवा लेने, काम करने और यदि उनकी पढ़ाई बीच में छूट गई है, तो वह कैसे आगे दोबारा पढ़ाई शुरू कर सकते हैं आदि चीजों को लेकर रिमाइंडर देगा.

'दिशा' और 'सक्षम' एप के जरिए होगा इलाज
डॉक्टर ममता सूद ने कहा कि मानसिक रोगों से पीड़ित मरीजों और उनके अभिभावकों को भी कई बार यह जानकारी नहीं होती है कि उन्हें क्या करना है. कैसे इलाज करवाना है. ऐसे में इन सभी सवालों और समस्याओं के लिए यह एप बनाए गए हैं. इन एप को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च (UK), Warwick यूनिवर्सिटी इन (UK), इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली और एम्स अस्पताल ने साथ मिलकर तैयार किया है. इन एप को लेकर अब पूरी रिसर्च हो गई है. जिसके बाद इसे बस पब्लिक डोमेन में लाने की तैयारी है.

इसके साथ ही डॉक्टर ममता सूद ने बताया कि मौजूदा समय में लॉकडाउन के चलते स्कूल भी लंबे समय तक बंद थे. ऐसे में बच्चों में भी मानसिक रोग और तनाव देखने को मिला. अभिभावकों में भी यह स्थिति देखी गई. जिसके लिए इन एप्लीकेशन पर अभिभावकों और बच्चों के लिए भी छोटे-छोटे वीडियो बनाए गए हैं, जिससे कि वह मानसिक तनाव, नशे आदि से दूर रहे सकें और माता-पिता बच्चों को कैसे खुश रखें इन सभी चीजों को लेकर इन एप्लीकेशन पर जानकारी दी गई है.

डॉक्टर ममता ने बताया कि ये एप्लीकेशन पूरी तरीके से तैयार हैं, इन पर रिसर्च पूरी हो चुकी है और 25 मरीजों को यह एप्लीकेशन ट्रायल के लिए भी दिए गए हैं, जिसका डाटा कलेक्ट करने के बाद और तमाम मरीजों का डाटा लेकर सेव करने के बाद ये एप्लीकेशन जनवरी 2022 तक मरीजों के लिए लांच कर दिए जाएंगे.

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