चेन्नई : तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के विरोध में कथित तौर पर काला झंडा दिखाने के मामले में राज्य की मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक ने सत्तारूढ़ द्रमुक पर हमलावर रुख कायम रखते हुए आरोप लगाया कि राज्यपाल पर हमला किया गया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को पत्र लिख कर मामले की उचित जांच कराने की मांग की है, ताकि पता लगाया जा सके कि प्रदर्शन पूर्व नियोजित तो नहीं था या राज्य के संवैधानिक प्रमुख को सुरक्षा मुहैया कराने में चूक तो नहीं हुई है.
अन्नाद्रमुक नेता आरएम बाबू मुरुगवेल द्वारा लिखे पत्र में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना को भी संबोधित किया गया है और इसमें उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उचित जांच कराने का अनुरोध किया गया है. मुरुगवले अन्नाद्रमुक की राज्य विधि इकाई के संयुक्त सचिव और इसके आधिकारिक प्रवक्ता भी हैं.
उन्होंने यह पत्र 20 अप्रैल को लिखा है, जिसे मीडिया के लिए जारी किया गया. मुरुगवेल ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल पर द्रमुक से जुड़े असमाजिक तत्वों और उनसे जुड़ी पार्टियों ने हमला किया है. उल्लेखनीय है कि 19 अप्रैल को राज्यपाल रवि जब मयिलादुथुराई जिले के शैव मठ गए थे, तब प्रदर्शनकारियों ने राज्य के लंबित नीट विरोधी विधेयक के मुद्दे पर प्रदर्शन करते हुए कथित काला झंडा दिखाया था.
विपक्षी अन्नाद्रमुक और भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्यपाल के काफिले पर पत्थर और ध्वज में लगे डंडे से हमला किया गया. वहीं इस आरोप को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दावा किया कि राज्यपाल पर प्रदर्शन के दौरान एक चुटकी धूल भी नहीं गिरी और उनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. वहीं, मुरुगवेल ने पत्र में कहा है कि इस घटना से तमिलनाडु की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक असर पड़ा है.