अहमदाबाद : अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो मुख्य एजेंट सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं नाबालिगों को रिहा कराने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया है. मामला अहमदाबाद के असरवा इलाके का बताया गया है. विवरण के मुताबिक पुलिस ने मानव तस्करी का खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए एजेंटों में से एक ने 8 नाबालिगों को बेचा था. इस सिलसिले में दो एजेंटों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं असरवा से अगवा की गई नाबालिग को पुलिस ने रिहा कराने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया है. साथ ही पुलिस ने गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में चल रहे मानव तस्करी के नेटवर्क को लेकर जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि कांभा में 13 साल की बच्ची के अपहरण के मामले में जांच के दौरान मानव तस्करी के नेटवर्क तक पहुंच गई. मानव तस्करी मामले में अशोक पटेल, उसकी पत्नी रेणुका, रूपल, दो एजेंट अमरत्जी ठाकोर और मनसा के बोरून गांव में मोती सेन को शरण देने के आरोप में चाहर सिंह सोलंकी और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है.
इतना ही नहीं इस गिरोह के द्वारा असरवा से 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण करने के बाद उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया. फिर सुरेंद्रनगर में उसे बेचकर एक परिवार में उसकी शादी करा दी गई. वहीं कानभा से नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म मामले की जांच के दौरान पुलिस ने सुरेंद्रनगर से लड़की को बरामद कर लिया. दूसरी तरह जून 2022 से लापता हुई बेटी एक साल बाद घर लौटी तो परिवार में दिवाली जैसा माहौल था. हालांकि किशोरी के जेहन में अभी भी खौफ और यातनाएं की घटनाएं जिंदा हैं.
बताया जाता है कि मानव तस्करी का मास्टरमाइंड अशोक पटेल और चाहर सिंह सोलंकी हैं. इसमें चाहर सिंह पालनपुर का रहने वाला है. वहीं आरोपी अशोक और उसकी पत्नी रेणुका अपहरण को अंजाम देते थे. इसके बाद बच्चियों को सूनसान स्थान पर ले जाकर उनका यौन शोषण करते और फिर उन्हें जबरन बेच देते थे. पुलिस के मुताबिक नाबालिग को बेचने के लिए शादी के इच्छुक युवक या फिर पत्नी की मौत के बाद लड़की को खरीदने वाले लोगों को ढूंढ कर ये लोग शादी के नाम पर पैसे लेकर उन्हें बेच देते थे. इनमें सबसे अधिक नाबालिगों को राजस्थान में बेचा जाता था. इस केस में भी अशोक और रेणुका ने चांदी की पायल देने के बच्ची को रिक्शे में अगवा कर लिया था. इसके बाद अशोक के अलावा उसके 2 बेटों और 3 अन्य व्यक्तियों ने अलग-अलग समय पर बच्ची के साथ गलत काम किया.
जांच में सामने आया है कि यह मानव तस्करी का नेटवर्क 2017 से चल रहा है. आरोपी अशोक रेड लाइट एरिया में जाया करता था. यहीं उसे नाबालिग को अगवा करने और कारोबार शुरू करने का आइडिया आया. हालांकि पुलिस ने बेची गए नाबालिगों की तलाश शुरू कर दी थी. मानव तस्करी के नेटवर्क में चेहरसिंह के साथ एक और दंपत्ति का नाम सामने आया है. यह दंपत्ति नाबालिगों का अपहरण भी करता था और चाहरसिंह को दे देता था. साथ ही यह लोग 50 हजार से 3 लाख में नाबालिगों की शादी कराकर बेच देते थे. इसके अलावा यह गिरोह अन्य लड़कियों को भी गिरोह में शामिल कर लुटेरों का नेटवर्क चला रहा था. अहमदाबाद जिले के एसपी ग्रामीण अमित कुमार वसावा ने बताया कि नाबालिग के लापता होने के मामले में पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से रिमांड के दौरान पूछताछ की जा रही है, इस मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. आरोपी ने शाहीबाग इलाके से एक नाबालिग को अगवा कर उसे भी बेच दिया था. उस नाबालिग को भी पुलिस ने रिहा कर परिवार से मिलवा दिया है और चूंकि इस मामले में अभी तक नाबालिगों को आरोपी द्वारा बेचा जा रहा था, इसलिए जांच शुरू कर दी गई है.
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