श्रीनगर : तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी रहने के बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किये गये कृषि सुधारों से देश के किसानों के जीवन में क्रांति आएगी.
हालांकि उन्होंने वर्तमान आंदोलन एवं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के बयानों पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि देश में सभी अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं.
भारतीय जनता पार्टी के श्रीनगर कार्यालय में उन्होंने कहा, किसान विरोध कर रहे हैं. भारत में कोई भी कुछ भी कह सकता है. हालांकि, यह भी उतना ही सच है कि कृषि कानूनों में सुधार करने में 30 साल लग गए हैं और यह किसानों को लाभ पहुंचाएगा.
मंत्री कृषि पर परामर्शदात्री समिति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां आये थे.
जब तोमर से पूछा गया कि उन्होंने वार्ता के लिए प्रदर्शनकारी किसानों से संपर्क क्यों नहीं किया तो उन्होंने कहा, ' पहले मुझे जो कहना था, मैं कह चुका हूं और अब मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहूंगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण का सबसे अच्छा स्रोत निजीकरण है जिसके लिए केंद्र सरकार किसानों के हित में काम कर रही है. कृषि क्षेत्र में निजी निवेश की तरफदारी करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय से इस क्षेत्र में सुधार नहीं हुआ और निजी निवेश के द्वार करीब करीब बंद हो गये थे.
उन्होंने कहा, 'सरकार की ओर से निवेश किया जाता है लेकिन जब तक निजी निवेश एवं कठिन परिश्रम साथ नहीं आते तब तक कोई भी क्षेत्र आगे नहीं बढ़ता है.'
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उन्होंने कहा, 'किसी भी क्षेत्र में निजी निवेश से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, छोटे किसान प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर पायेंगे और महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे और वैश्विक मापदंड के अनुसार फसल उपजायेंगे. '
तोमर ने कहा कि सरकार 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाएगी और उन पर 6850 करोड़ रूपये लगायेगी . उन्होंने कहा, 'ये एफपीओ छोटे किसानों की जिंदगी बदल देंगे, उनकी लागत घटायेंगे और मोलभाव की उनकी ताकत बढायेंगे.'
उन्होंने कश्मीर में बागवानी पर किए जा रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, अब युवा बागवानी और खेती के नए तरीकों का भी नेतृत्व कर रहे हैं, जो बहुत ही स्वागत योग्य बात है. इस दौरान उनके साथ राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी मौजूद रहे.