वाराणसी: भारत में जी-20 सम्मेलन को लेकर तैयारियां काफी पहले से शुरू कर दी गई थीं. देश के अलग-अलग शहरों में जी-20 सम्मेलन के आयोजन होते रहे और वाराणसी में जी-20 सम्मेलन का विशेष सत्र एक के बाद एक लगातार जारी है. अप्रैल के महीने में कृषि और खेती संबंधित, फिर जून में प्रकृति और पर्यावरण संबंधित महत्वपूर्ण सम्मेलन की बैठक होने के बाद अब एक बार फिर से बनारस जी-20 देशों की तीसरी और महत्वपूर्ण बैठक की तैयारियों में जुटा है. इस बार 17 से 20 अगस्त तक वाराणसी में जी 20 देशों के यूथ कॉन्क्लेव की तैयारी वाराणसी में हो रही है, जबकि इसी महीने में कल्चरल मीटिंग भी वाराणसी में होगी. इस बार सबसे बड़ी बात यह है कि अलग-अलग इलाकों को अलग-अलग रंगों से रंगने के साथ ही घरों को बड़े ही खूबसूरत तरीके से डिजाइन किया जा रहा है.
दरअसल, वाराणसी में 17 से 20 अगस्त तक यूथ कॉन्क्लेव और 23 से 24 अगस्त तक कल्चरल समिट का आयोजन किया जा रहा है. इस विशेष तीसरी और चौथी बैठक को लेकर नगर निगम समेत अन्य विभागों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बारे में नगर आयुक्त शिपू गिरी ने बताया कि वाराणसी में 17 से 20 अगस्त तक यूथ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाना है. यह बैठक आईआईटी भु रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर और टीएफसी में प्रस्तावित है. इसके अलावा 23 और 24 अगस्त को वाराणसी में कल्चरल समिट का आयोजन किया जा रहा है. इन दोनों बैठक में 570 लोगों के भाग लेने का अब तक कंफर्मेशन मिल चुका है. इसके बाद तमाम तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
उन्होंने बताया कि इन मेहमानों के स्वागत के लिए पूरे शहर को सजाने और पिछली दो बैठकों की तर्ज पर उनके स्वागत का प्लान बनाने का काम किया जा रहा है. इस बार सबसे बड़ी दिक्कत गंगा घाटों पर गंगा के पानी बढ़ने की वजह से सामने आ सकती है. प्रकृति के आगे किसी की नहीं चलती और गंगा में पानी बढ़ रहा है, इसलिए मेहमान इस बार गंगा घाटों का रुख नहीं करेंगे, बल्कि उनका शहर के ही अलग-अलग हिस्सों में घूमते हुए शहर को देखने का प्लान है.
इसलिए शहर में हर बिल्डिंग को अलग-अलग रंगों में रंगने का काम किया जा रहा है. अलग-अलग इलाकों को अलग-अलग रंगों में रंगा जा रहा है. गोदौलिया इलाके को गुलाबी तो विश्वनाथ मंदिर और उससे सटे इलाके को लाइट पिंक कलर में रंगा जा रहा है, जबकि यह लो थीम बेस पर शहर के अधिकतर इलाकों में कार्य किया जा रहा है. इन मकानों को रंगने के बाद इन पर डिजाइन भी बनवाई जा रही है. यह सारा काम सरकारी खर्चे पर किया जा रहा है. इसके लिए किसी भी व्यक्ति से कोई धनराशि भी नहीं ली जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरा शहर एक रंग में और एक रूप में रंगा नजर आए, इसके लिए विशेष काम किया जा रहा है.
नगर आयुक्त का कहना है इसके अलावा 10 हजार से ज्यादा पौधों को फिर से लगाने का काम किया जा रहा है, क्योंकि यह मौका वृक्षारोपण का भी है, इसलिए हर विभाग ग्रीनरी बढ़ाने पर विशेष जोर दे रहा है. इसके अतिरिक्त जो भी हमारे गाइड हैं. उनको अलग-अलग लैंग्वेज भी सिखाने का काम किया जा रहा है, ताकि आने वाले मेहमान यदि इंग्लिश और हिंदी में बात न कर रहे हों तो उनको उनकी लैंग्वेज में भी बात करने के लिए गाइड उपलब्ध करवाया जा सके.
इसके अतिरिक्त सारनाथ और अन्य जो टूरिस्ट स्पॉट हैं, वहां भी इन मेहमानों को ले जाने की तैयारी चल रही है. यह जिस रूट से गुजरेंगे, उस रोड को इंटरनेशनल लेवल पर तैयार किया जा रहा है. सड़क के दोनों ओर ग्रीनरी लगाने के साथ ही सड़क पर बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था और डेकोरेशन का काम भी किया जा रहा है. फिलहाल, मेहमानों के आगमन से पहले पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. इस बार की सजावट पिछले दो कार्यक्रमों से अलग दूसरी थीम पर आधारित होगी, जो शहर को एक रंग रूप में दिखाने का काम करेगी.
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