दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब बसपा नेता और बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में स्थानांतरित किया जाना है, लेकिन मुख्तार के बड़े भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि यूपी में उनकी जान को खतरा है.
उन्होंने ईटीवी भारत से Exclusive बातचीत के दौरान कहा कि मुख्तार को यूपी में जान का खतरा है. योगी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस पूरे मामले पर दखल देना चाहिए. पढ़िए क्या बोले सांसद अफजाल अंसारी...
- क्या आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश सरकार से मुख्तार अंसारी को कोई खतरा है?
अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार की जान को खतरा है. प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार है, उसके प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं कि मुख्तार को उत्तर प्रदेश की गाड़ी लेने जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की गाड़ी किस सीमा में पलट जाए ये हम नही बताएंगे. सीएम के सलाहकार ने कहा कि हम ड्राइवरों को अच्छी ट्रेनिंग देते हैं, लेकिन लंबे सफर में अगर कहीं गाड़ी पलट जाए तो हम क्या कर सकते हैं. अफजाल अंसारी ने बिकरू कांड के विकास दुबे केस पर भी सवाल उठाया. उसने कहा कि आरोपी की गाड़ी पलट गई और आरोपी भागा, फिर उसको मार दिया गया. ऐसा पहली बार हमारे देश में हुआ है. कोर्ट के मुख्तार को यूपी जेल शिफ्ट करने के आदेश के बाद से ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे कोई महाभारत जीत ली हो और अब यूपी पुलिस के हाथ लगते ही उसका अंत कर दिया जाएगा.
- आपको क्या लग रहा है कि यूपी पुलिस अब बदले की भावना से काम करेगी?
ईटीवी भारत से बात करते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि बिल्कुल, सरकार बदले की भावना से ही काम कर रही है. पार्टी नेताओं के बयान इस ओर पुरजोर इशारा कर रहे हैं. मुख्तार अंसारी जेल में रहकर भी लगातार चुनाव जीत रहा है. प्रदेश की सरकार जनता के सामने उसकी गलत छवि पेश कर रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को पूर्वांचल में आकर मुख्तार के बारे में पता करना चाहिए. मुख्तार गरीबों का मसीहा है. हमारे पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं, लेकिन मीडिया हमारे परिवार की छवि धूमिल कर रही है. सरकार चुनाव में फायदा उठाने के लिए हमें गुंडा साबित करने में जुटी है.
- मुख्तार को व्हील चेयर में देखा गया. उसको क्या बीमारी है?
मुख्तार को व्हील चेयर पर देखे जाने पर उनके बड़े भाई ने कहा कि वह दो साल से बीमार है. मुख्तार की कमर में गंभीर चोट हैं. चोट के कारण कभी-कभी मुख्तार को चलने में दिक्कत होती है. मुख्तार 15 साल से जेल में है, जो व्यक्ति इतने सालों से जेल में हो, वो कहां से चल पाएगा. उसकी उम्र अब 60 साल हो चुकी है. मुख्तार को अदालत ने अभी सजा नहीं दी है, लेकिन सरकार से मुख्तार को जान का खतरा है.
- मुख्तार को मोहाली कोर्ट ले जाते समय बुलेट प्रूफ एंबुलेंस का प्रयोग किया गया?
उन्होंने कहा कि हर बंदी को जब जेल से कोर्ट लाया जाता है तो किसी गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. मुख्तार को एंबुलेंस से ले जाया गया जो यूपी के नंबर की गाड़ी है.
- एक पूर्व पुलिस महानिदेशक का कहना है कि एंबुलेंस खरीदने में विधायक निधि का प्रयोग हुआ है?
एंबुलेंस पर बयान देते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि सारे आरोप गलत हैं. जांच करवा ली जाए, सच खुद-ब-खुद सामने आ जाएगा. विधायक निधि से कोई गाड़ी नहीं खरीदी गई. बीजेपी सरकार इस पर गलत बयानबाजी कर रही है. मुख्तार को सरकार मारने की कोशिश कर रही है. यूपी जेल में पहले भी जहर दिया जा चुका हैं, हमको अब भगवान पर भरोसा है. कोर्ट को पूरे मामले में दखल देना चाहिए.
- अगर आपको लगता है कि मुख्तार को यूपी में जान का खतरा है तो क्या आपने कोर्ट में कोई अपील की है?
इस प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट अभी बंद है, लेकिन जिस दिन ये हुआ कि मुख्तार को मार दिया गया तो लाखों लोग सड़कों पर उतर आएंगे. सरकार अपने मुद्दे से हटकर काम कर रही है. चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट को मुख्तार की निगरानी करनी चाहिए.
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