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Karnataka Assembly Election 2023 : टिकट बंटवारे के बाद भाजपा में उभरे बागी स्वर, कांग्रेस बोली- इन्हें दे सकते हैं टिकट

कर्नाटक में टिकट बंटवारे की घोषणा होने के बाद भारतीय जनता पार्टी में नेताओं के बीच बागी स्वर उभरने लगे हैं. जिनके भी टिकट कटे हैं, उनमें से कुछ नेताओं ने घोषणा की है कि वे चुनाव लड़ेंगे. कुछ ने पार्टी छोड़ने की भी बात कही है. कांग्रेस ने कहा है कि वह उम्मीदवारों को ध्यान में रखकर फैसला करेगी.

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Published : Apr 12, 2023, 2:37 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 10:05 PM IST

बेंगलुरु : नामांकन की तारीख से ठीक दो दिन पहले कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने टिकट बंटवारे की घोषणा कर दी. जिन-जिन नेताओं के टिकट कटे हैं, उनमें से कुछ नेताओं ने बागी होने के संकेत दे दिए हैं. उनमें से कुछ को कांग्रेस पार्टी ने ऑफर भी दिया है. एक समय में जो व्यक्ति राज्य का मुख्यमंत्री रह चुका है, उन्होंने भी घोषणा की है कि वह चुनाव लड़ेंगे. पहले ऐसे संकेत मिले थे कि भाजपा जगदीश शेट्टार को टिकट नहीं दे रही है. इस जानकारी के बाद ही शेट्टार ने ऐलान कर दिया था कि वह चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह से अपने क्षेत्र में पॉपुलर नेता लक्ष्मण सावड़ी ने भी भाजपा छोड़ने की घोषणा कर दी. सावड़ी जिस सीट से चुनाव लडना चाहते थे, पार्टी ने वहां से किसी और को टिकट दे दिया. सावड़ी और शेट्टार, दोनों ही लिंगायत समुदाय से हैं. दोनों ही नेता काफी लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं.

अगर इन दोनों नेताओं ने बागी कदम उठाया, तो भाजपा को उत्तरी कर्नाटक और कित्तूर इलाके में दिक्कत आ सकती है. कांग्रेस पार्टी ने सावड़ी से संपर्क साधा है. हालांकि, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं से अपील की है कि वे पार्टी के विरुद्ध न जाएं. सीएम ने कहा कि जल्दीबाजी में कई बार निर्णय लेने से गलती भी हो जाती है.

सीएम ने कहा कि इन दोनों नेताओं को लेकर गलत खबरें चलाई जा रहीं हैं. सीएम ने कहा कि दोनों नेता पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं और वे कांग्रेस ज्वाइन नहीं करेंगे. वहीं टिकट नहीं मिलने के बाद कर्नाटक के मंत्री और दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया क्षेत्र से छह बार के विधायक एस. अंगारा ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की. उडुपी के विधायक रघुपति भट को भी पार्टी ने इस बार मौका नहीं दिया. भट ने कहा कि पार्टी द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार से उन्हें बहुत पीड़ा हुई है. वहीं रानीबेन्नूर विधानसभा सीट से टिकट चाह रहे भाजपा एमएलसी आर शंकर ने पार्टी द्वारा उनके अनुरोध को नजरअंदाज करने के बाद आज विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. टिकट नहीं मिलने पर गुलबर्गा के पूर्व बीजेपी विधायक पाटिल ने भी इस्तीफा दे दिया.

भाजपा ने मंगलवार को 189 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, इनमें से सात सीटों पर वर्तमान विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने संदेश दिया है कि जो भी नाराज हैं, वह उनसे मिलेंगे. शाह ने यह भी संदेश भिजवाया है कि जो भी कैंडिडेट छूट गए हैं, या जिनका भी टिकट कटा है, पार्टी उनका सदुपयोग करेगी. उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें दूसरी जिम्मेदारी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें : Karnataka election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के 7 विधायकों समेत मंत्रियों के टिकट कटे

बेंगलुरु : नामांकन की तारीख से ठीक दो दिन पहले कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने टिकट बंटवारे की घोषणा कर दी. जिन-जिन नेताओं के टिकट कटे हैं, उनमें से कुछ नेताओं ने बागी होने के संकेत दे दिए हैं. उनमें से कुछ को कांग्रेस पार्टी ने ऑफर भी दिया है. एक समय में जो व्यक्ति राज्य का मुख्यमंत्री रह चुका है, उन्होंने भी घोषणा की है कि वह चुनाव लड़ेंगे. पहले ऐसे संकेत मिले थे कि भाजपा जगदीश शेट्टार को टिकट नहीं दे रही है. इस जानकारी के बाद ही शेट्टार ने ऐलान कर दिया था कि वह चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह से अपने क्षेत्र में पॉपुलर नेता लक्ष्मण सावड़ी ने भी भाजपा छोड़ने की घोषणा कर दी. सावड़ी जिस सीट से चुनाव लडना चाहते थे, पार्टी ने वहां से किसी और को टिकट दे दिया. सावड़ी और शेट्टार, दोनों ही लिंगायत समुदाय से हैं. दोनों ही नेता काफी लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं.

अगर इन दोनों नेताओं ने बागी कदम उठाया, तो भाजपा को उत्तरी कर्नाटक और कित्तूर इलाके में दिक्कत आ सकती है. कांग्रेस पार्टी ने सावड़ी से संपर्क साधा है. हालांकि, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं से अपील की है कि वे पार्टी के विरुद्ध न जाएं. सीएम ने कहा कि जल्दीबाजी में कई बार निर्णय लेने से गलती भी हो जाती है.

सीएम ने कहा कि इन दोनों नेताओं को लेकर गलत खबरें चलाई जा रहीं हैं. सीएम ने कहा कि दोनों नेता पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं और वे कांग्रेस ज्वाइन नहीं करेंगे. वहीं टिकट नहीं मिलने के बाद कर्नाटक के मंत्री और दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया क्षेत्र से छह बार के विधायक एस. अंगारा ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की. उडुपी के विधायक रघुपति भट को भी पार्टी ने इस बार मौका नहीं दिया. भट ने कहा कि पार्टी द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार से उन्हें बहुत पीड़ा हुई है. वहीं रानीबेन्नूर विधानसभा सीट से टिकट चाह रहे भाजपा एमएलसी आर शंकर ने पार्टी द्वारा उनके अनुरोध को नजरअंदाज करने के बाद आज विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. टिकट नहीं मिलने पर गुलबर्गा के पूर्व बीजेपी विधायक पाटिल ने भी इस्तीफा दे दिया.

भाजपा ने मंगलवार को 189 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, इनमें से सात सीटों पर वर्तमान विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने संदेश दिया है कि जो भी नाराज हैं, वह उनसे मिलेंगे. शाह ने यह भी संदेश भिजवाया है कि जो भी कैंडिडेट छूट गए हैं, या जिनका भी टिकट कटा है, पार्टी उनका सदुपयोग करेगी. उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें दूसरी जिम्मेदारी दी जाएगी.

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Last Updated : Apr 12, 2023, 10:05 PM IST
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