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ECI issues advisory : आपत्तिजनक बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, संयम बरतने की सलाह

कर्नाटक में चुनाव के बीच सभी दलों की ओर से आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किए जाने को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने सभी दलों को संयम बरतने की सलाह दी है.

ECI issues advisory
चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी
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Published : May 2, 2023, 10:25 PM IST

नई दिल्ली : चुनावी राज्य कर्नाटक में हो रही बयानबाजी को लेकर भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार को सभी स्टार प्रचारकों, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक दलों को भाषण के दौरान 'संयम बरतने' की सलाह दी है.

सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों द्वारा अपने सार्वजनिक भाषणों के दौरान हाल ही में दिए गए बयानों की पृष्ठभूमि में मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए चुनाव निकाय ने कहा, 'आयोग का ध्यान हाल ही में चल रहे चुनाव के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली अनुचित शब्दावली और भाषा के उदाहरणों पर गया है. भाषण में आपत्तिजनक शब्दावली के मामलों में कई तरह की शिकायतों, क्रॉस शिकायतों ने मीडिया का ध्यान भी आकर्षित किया है.'

सभी दल चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता और कानूनी ढांचे के दायरे में रहें ताकि राजनीतिक संवाद की गरिमा बनी रहे और अभियान और चुनावी माहौल खराब न हो.

आयोग ने कहा कि उनसे मुद्दे आधारित बहस के स्तर को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है. एडवाइजरी में, पोल बॉडी ने राजनीतिक दलों का ध्यान आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और अन्य वैधानिक प्रावधानों के लिए आकर्षित किया है.

भड़काऊ बयानों का उपयोग, शालीनता की सीमा का उल्लंघन करने वाली असंयमित और अपमानजनक भाषा का उपयोग और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के व्यक्तिगत चरित्र और आचरण पर हमले चुनाव के माहौल को दूषित करते हैं.

गौरतलब है कि मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेसी विवेक तन्खा, सलमान खुर्शीद और अन्य सहित कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और भाजपा के खिलाफ और विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराई.

इससे पहले, अमित शाह ने एक सार्वजनिक भाषण के दौरान कहा था कि 'कांग्रेस के सत्ता में आने पर दंगे होंगे'. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के मद्देनजर भी आयोग ने एडवाइजरी जारी की है जिन्होंने पीएम मोदी को 'जहरीला सांप' बताया था.

पढ़ें- कांग्रेस का शाह, नड्डा और योगी पर 'नफरती भाषण’ का आरोप, चुनाव आयोग से कार्रवाई का आग्रह

नई दिल्ली : चुनावी राज्य कर्नाटक में हो रही बयानबाजी को लेकर भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार को सभी स्टार प्रचारकों, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक दलों को भाषण के दौरान 'संयम बरतने' की सलाह दी है.

सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों द्वारा अपने सार्वजनिक भाषणों के दौरान हाल ही में दिए गए बयानों की पृष्ठभूमि में मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए चुनाव निकाय ने कहा, 'आयोग का ध्यान हाल ही में चल रहे चुनाव के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली अनुचित शब्दावली और भाषा के उदाहरणों पर गया है. भाषण में आपत्तिजनक शब्दावली के मामलों में कई तरह की शिकायतों, क्रॉस शिकायतों ने मीडिया का ध्यान भी आकर्षित किया है.'

सभी दल चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता और कानूनी ढांचे के दायरे में रहें ताकि राजनीतिक संवाद की गरिमा बनी रहे और अभियान और चुनावी माहौल खराब न हो.

आयोग ने कहा कि उनसे मुद्दे आधारित बहस के स्तर को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है. एडवाइजरी में, पोल बॉडी ने राजनीतिक दलों का ध्यान आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और अन्य वैधानिक प्रावधानों के लिए आकर्षित किया है.

भड़काऊ बयानों का उपयोग, शालीनता की सीमा का उल्लंघन करने वाली असंयमित और अपमानजनक भाषा का उपयोग और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के व्यक्तिगत चरित्र और आचरण पर हमले चुनाव के माहौल को दूषित करते हैं.

गौरतलब है कि मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेसी विवेक तन्खा, सलमान खुर्शीद और अन्य सहित कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और भाजपा के खिलाफ और विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराई.

इससे पहले, अमित शाह ने एक सार्वजनिक भाषण के दौरान कहा था कि 'कांग्रेस के सत्ता में आने पर दंगे होंगे'. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के मद्देनजर भी आयोग ने एडवाइजरी जारी की है जिन्होंने पीएम मोदी को 'जहरीला सांप' बताया था.

पढ़ें- कांग्रेस का शाह, नड्डा और योगी पर 'नफरती भाषण’ का आरोप, चुनाव आयोग से कार्रवाई का आग्रह

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