देहरादून (उत्तराखंड): राज्य भले ही 23 साल पहले बना हो. देश में बाकी राज्यों के हिसाब से बहुत छोटे राज्यों में शामिल है, लेकिन यहां पर राजनीति किस स्तर तक होती है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार बीजेपी की रही हो या कांग्रेस की किसी ना किसी सरकार में वीडियो लीक या स्टिंग सामने आते रहे हैं. लंबे समय तक नेता इसको लेकर चर्चा का केंद्र बिंदु बने रहते हैं. ये वीडियो एमएमएस न केवल चुनावी मुद्दा बने हैं, बल्कि इन वीडियो के बाहर आने के बाद कानूनी पचड़े में भी नेताओं को पड़ना पड़ा है.
खानपुर विधायक को लेकर चैंपियन का दावा: अब ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन वायरल कर रहे हैं. इसमें कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन द्वारा यह कहा जा रहा है वीडियो में दिख रहा शख्स कोई और नहीं बल्कि खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा हैं. जबकि उमेश इसे फर्जी (डीपफेक) वीडियो करार देते हुए मुकदमा दर्ज करवा चुके हैं. वीडियो असली है या नकली यह विषय बाद का है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से उत्तराखंड में वीडियो वॉर शुरू हो गया है.
वीडियो लील गया था एनडी तिवारी का राजनीतिक करियर: उत्तराखंड के इतिहास में नेताओं के स्टिंग ऑपरेशन या आपत्तिजनक वीडियो सामने आते रहे हैं. आलम यह है कि कई नेताओं के भविष्य को यह स्टिंग ऑपरेशन पूरी तरह से खत्म कर चुके हैं. इसमें सबसे पहला नाम उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी का आता है. विकास के मामले में आज भी उत्तराखंड की जनता उन्हें याद करती है. उनके द्वारा किए कार्यों को ही बाद सरकारें आगे बढ़ाती रही हैं. इतना सब कुछ करने के बाद और बेहद अनुभवी नेता होने के बावजूद भी एक सीडी कांड ने नारायण तिवारी का पूरा राजनीतिक जीवन खत्म कर दिया था.
कभी पीएम पद के दावेदार थे एनडी तिवारी: कभी प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार रहे नारायण दत्त तिवारी आंध्र प्रदेश के गवर्नर थे. तबी साल 2009 में उनका एक कथित वीडियो टीवी चैनलों पर चलने लगा. इस वीडियो के बाहर आने के बाद नारायण दत्त तिवारी की न केवल खूब आलोचना हुई, बल्कि देश की राजनीति में भूचाल भी आ गया था. बाद में कांग्रेस आलाकमान ने तत्काल प्रभाव से इस वीडियो के बाहर आने के बाद न केवल एनडी तिवारी को राज्यपाल पद से हटाया, बल्कि तमाम नेताओं ने उनसे दूरियां भी बना लीं. उत्तराखंड पहली बार इस तरह से जनप्रिय नेता के राजनीतिक करियर को खत्म होते हुए देख रहा था.
जब हरीश रावत फंसे स्टिंग में: नारायण तिवारी के इस वीडियो के बाद बीजेपी और तमाम विपक्षी दलों ने कांग्रेस के खिलाफ खूब हल्ला बोला. इसके बाद जो भी चुनाव हुए उन चुनाव में पार्टी को इसका नुकसान भी बड़े स्तर पर हुआ. इसके बाद उत्तराखंड के एक और मुख्यमंत्री स्टिंग की भेंट चढ़ गए. हरीश रावत जब सरकार चला रहे थे, तभी उनका भी एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आ गया. इसमें हरीश रावत कथित तौर पर विधायकों को लेकर लेनदेन की बात करते सुनाई दिए थे. साल 2016 में हुए इस स्टिंग कांड के बाद मामला कोर्ट पहुंचा. फ्लोर टेस्ट तक हो गया. हालांकि हरीश रावत सरकार बचाने में तो कामयाब रहे, लेकिन उनका राजनीतिक ग्राफ गिरता चला गया. आलम ये है कि उस वीडियो स्टिंग प्रकरण के बाद जितने भी चुनाव हरीश रावत ने लड़े, सभी में उनको हार का सामना करना पड़ा. आज भी उनके ऊपर विपक्ष इसको लेकर कई बार हमलावर हो जाता है. फिलहाल इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. उनके साथ ही हरक सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा, मदन बिष्ट भी कानूनी प्रक्रिया से गुजर रहे हैं.
विधायक और अधिकारी भी झेल चुके हैं वायरल वीडिओ का खामियाजा: इसके अलावा कई विधायक और अधिकारी भी इस तरह के वीडियो वॉर का शिकार हो चुके हैं. कई साल पहले सचिवालय में दो अधिकारी भी इस झंझट में फंस चुके हैं. इतना ही नहीं, हरीश रावत सरकार में गुजरात कैडर के अधिकारी मोहम्मद शाहिद के स्टिंग से भी उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ चुका है. जिसके बाद उन्हें सभी पदों से हटाया गया और उन्होंने भी मुख्य सचिव को पत्र लिख कर खुद सभी पदों से मुक्त होने की बात कहीं थी. इसके अलावा हरिद्वार से बसपा विधायक का स्टिंग हो या हरिद्वार से पूर्व और स्वर्गीय विधायक का ऑडियो क्लिप का वायरल होना, सभी के राजनीतिक जीवन पर इसका असर पड़ा है.
उमेश शर्मा पर क्या हैं प्रणव चैंपियन के आरोप: अब एक बार फिर से एक वीडियो वायरल हुआ है. इस बार वीडियो किसी और ने नहीं बल्कि बीजेपी नेता और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने बकायदा बीते दिनों देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जारी किया. उन्होंने अपने पुराने राजनीतिक दुश्मन उमेश कुमार को कटघरे में खड़ा किया है. एक महिला और पुरुष का जो आपत्तिजनक वीडियो जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि वो पुरुष विधायक उमेश कुमार ही हैं. पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह कहते हैं कि वो पहले से कहते आये हैं कि ये व्यक्ति राज्य के लिए सही नहीं है. इसने खानपुर की जनता को झूट और फरेब से वोट लिया है. इसकी हकीकत लगातार सामने आ रही है. अब ये वीडियो बताता है कि ये किस किस्म का इंसान है.
उमेश बोले- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, जनता मुझे प्यार करती है: वीडियो बाहर आने के बाद उमेश कुमार इसे अपने खिलाफ साजिश बता रहे हैं. उनका कहना है कि वीडियो वायरल करने वाले लोग हार से बौखलाए हुए हैं. जिस वीडियो की ये बात कर रहे हैं वो पूरी तरह से फर्जी और बनाया हुआ है. इसकी रिपोर्ट भी उन्होंने दर्ज करवा दी है. इस मामले में फोरेंसिक जांच हो रही है. ये जो भी हरकत कर रहे हैं ये सभी उनकी लोकप्रियता और काम से परेशान हैं. ये नहीं चाहते हैं कि जनता के बीच कोई ऐसा नेता रहे, जो सिर्फ काम करे और कुछ नहीं. क्योंकि इन्होंने अपने कार्यकाल में क्या कुछ किया है ये सभी जानते हैं. विधायक उमेश कुमार कहते हैं कि उनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन क्या कह रहा है और क्या कर रहा है. उन्हें जनता प्यार करती है यही बहुत है.
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