नई दिल्ली : गो फर्स्ट संकट के एक महीने बाद, एक और पॉकेट फ्रेंडली एयरलाइन स्पाइसजेट दिवालियापन के कगार पर है. स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला मामला शुरू करने के लिए विमान पट्टेदार विलमिंगटन ने सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया (petition filed in NCLT). अगली सुनवाई 16 जून को है.
स्पाइसजेट को विमान पट्टे पर देने वाली डबलिन स्थित कंपनी विलमिंगटन ट्रस्ट एसपी सर्विसेज लिमिटेड ने एनसीएलटी में एक याचिका दायर की है, जिसमें स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया गया है.
गौरतलब है कि मई में, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पट्टेदारों के अनुरोध पर कम लागत वाले वाहक के तीन विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया था. विलमिंगटन ट्रस्ट के अलावा, साबरमती एविएशन लीजिंग और फल्गु एविएशन लीजिंग ने विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है.
स्पाइसजेट के बेड़े में 67 विमान थे जिनमें बोइंग 737, बी737 मैक्स और बॉम्बार्डियर-क्यू400 शामिल थे. एजेंसी के अनुसार इनमें से केवल 37 मई की शुरुआत में परिचालन में थे.
स्पाइसजेट से जुड़ा ये घटनाक्रम गो फर्स्ट संकट और किराया बढ़ने की खबरों के साथ आया है. अगर स्पाइसजेट के खिलाफ यह याचिका मंजूर हो जाती है तो देश में कम लागत वाली उचित एयरलाइनों की भविष्य की संभावनाओं पर कई सवाल उठेंगे.
पिछले महीने गो फर्स्ट दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थी और खुद को दिवालिया प्रक्रिया से बचाने के लिए कंपनी एनसीएलटी में चली गई थी. शनिवार को गो फर्स्ट ने 14 जून तक अपनी सभी उड़ान सेवाओं को रद्द करने के संबंध में एक नई घोषणा जारी की थी.