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मिजोरम में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का कहर, 38 और सूअरों की मौत - भोपाल की रिपोर्ट

मिजोरम में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (एएसएफ) का कहर थम नहीं रहा है. शुक्रवार को 38 सूअरों की मौत हो गई. 1557 सूअरों की मौत पहले ही हो चुकी है. राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल की रिपोर्ट में सूअरों की मौत का कारण एएसएफ बताया गया था.

38 और सूअरों की मौत
38 और सूअरों की मौत
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Published : Apr 30, 2021, 8:43 PM IST

आइजोल : मिजोरम में सूअरों की मौत के मामले थम नहीं रहे हैं. 30 अप्रैल को 38 सूअरों की मौत हुई है, इसकी पुष्टि मिजोरम पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग ने की है. अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (एएसएफ) से पहले ही 1557 सूअरों की मौत हो चुकी है.

अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से हो रही सूअरों की मौतों को देखते हुए मिजोरम के गवर्नर ने आइजोल के तीन क्षेत्रों और लुंगलेई, सेरछिप, ममित, और लांग्टलाई के कई गांवों

को अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का केंद्र (Epicentre) घोषित कर दिया था, इन क्षेत्रों में पशु अधिनियम 2009 के तहत संक्रामक रोग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उपाय किए जा रहे हैं.

सूअरों की मौत का पहला मामला 21 मार्च को लुंग्सेन गांव में सामने आया था. मिजोरम में अब तक 1557 सूअरों की मौत हो चुकी है. इन आंकड़ों से इतर आइज़ोल और अन्य जिलों के विभिन्न इलाकों में सूअरों की असामान्य मौत के करीब 505 मामले बताए जा रहे हैं.

मिज़ोरम पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 अप्रैल को 38 सूअरों की मौत हुई, ये संख्या 1557 सूअरों की एएसएफ से मौत के आंकड़ों से अलग है.

पढ़ें- मिजोरम में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से हो रही सूअरों की मौत

राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल की रिपोर्ट में सूअरों की मौत का कारण एएसएफ बताया गया था.

आइजोल : मिजोरम में सूअरों की मौत के मामले थम नहीं रहे हैं. 30 अप्रैल को 38 सूअरों की मौत हुई है, इसकी पुष्टि मिजोरम पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग ने की है. अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (एएसएफ) से पहले ही 1557 सूअरों की मौत हो चुकी है.

अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से हो रही सूअरों की मौतों को देखते हुए मिजोरम के गवर्नर ने आइजोल के तीन क्षेत्रों और लुंगलेई, सेरछिप, ममित, और लांग्टलाई के कई गांवों

को अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का केंद्र (Epicentre) घोषित कर दिया था, इन क्षेत्रों में पशु अधिनियम 2009 के तहत संक्रामक रोग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उपाय किए जा रहे हैं.

सूअरों की मौत का पहला मामला 21 मार्च को लुंग्सेन गांव में सामने आया था. मिजोरम में अब तक 1557 सूअरों की मौत हो चुकी है. इन आंकड़ों से इतर आइज़ोल और अन्य जिलों के विभिन्न इलाकों में सूअरों की असामान्य मौत के करीब 505 मामले बताए जा रहे हैं.

मिज़ोरम पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 अप्रैल को 38 सूअरों की मौत हुई, ये संख्या 1557 सूअरों की एएसएफ से मौत के आंकड़ों से अलग है.

पढ़ें- मिजोरम में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से हो रही सूअरों की मौत

राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल की रिपोर्ट में सूअरों की मौत का कारण एएसएफ बताया गया था.

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