नई दिल्ली : दिल्ली के लाजपत नगर में सौ से ज्यादा की संख्या में अफगान शरणार्थी एकत्रित हुए और तालिबानी शाषण के प्रति न केवल अपना विरोध जताया बल्कि छोटे बच्चों ने स्थानीय भाषा में एक गीत और नाटक का प्रदर्शन कर तालिबान के क्रूर शाषन की याद दिलाई.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शरणार्थी युवती तबस्सुम ने बताया कि आज जब अफगानिस्तान को विश्व के मदद की जरूरत है. ऐसे में हम यही कहना चाहते हैं कि विश्व समुदाय हमारे लोगों और हमारे देश को अकेला न छोड़े. उसके लिए जो भी संभव हो करें.
6 साल से दिल्ली में रह रही तबस्सुम बताती हैं कि एक रिफ्यूजी की जिंदगी आसान नहीं होती. वह भारत में सुरक्षित महसूस करती हैं और यहां की सरकार की शुक्रगुजार हैं कि उन्हें यहां रहने के लिए जगह मिली है.
आज एक जगह एकत्रित हो कर वे यही संदेश देना चाहते हैं कि हम अफगानिस्तान में फंसे लोगों के साथ हैं. भारत समेत अन्य देशों से यह अपील कर रहे हैं कि जो भी लोग भारत में या अन्य किसी देश में शरण लेना चाहते हैं वह उन्हें शरण दें और उनकी मदद करें.
अफगानिस्तान के विश्वविद्यालय पर तालिबानी हमले की घटना को याद करते हुए तबस्सुम ने कहा कि आज जिस गीत पर बच्चों ने प्रदर्शन किया वह गीत उसी घटना को दर्शाता है, जब कई छात्र-छात्राओं को तालिबान ने मौत के घाट उतार दिया था.
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दिल्ली में रह रहे अफगानी शरणार्थियों ने अफगान सॉलिडेरिटी कमिटी नाम से एक संगठन भी बना रखा है जिसके अंतर्गत अफगानी शरणार्थी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. संस्था की उपाध्यक्ष शरीफा शहाब ने जानकारी दी कि गुरुवार को अफगानी शरणार्थी दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक प्रदर्शन भी करेंगे.