नई दिल्ली : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने का आरोप लगा है. उनको सदन से निलंबित कर दिया गया है. यह पहली बार है जब लोकसभा में कांग्रेस के नेता को निलंबन आदेश मिला है. सूत्रों ने कहा कि मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा जाएगा.
उधर, अधीर रंजन चौधरी (Adhir ranjan Chowdhury) ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उनका इरादा पीएम मोदी का अपमान करने का नहीं था. उन्होंने कहा, 'मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था. मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है.'
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#WATCH प्रधानमंत्री के लिए आप अपशब्द कहेंगे, गलत बातें कहेंगे। ऐसे व्यक्ति से तुलना करेंगे जो आपकी देन है... इसके लिए विपक्ष ही ज़िम्मेदार है, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे: लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट pic.twitter.com/A1ZnRjN3OZ
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उन्होंने कहा, 'मोदी जी मणिपुर मुद्दे पर 'नीरव' बैठे हैं, जिसका मतलब है चुप बैठना. 'नीरव' का मतलब है चुप रहना. मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करना नहीं था.'
अधीर रंजन ने कहा कि 'पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया है, उनके दरबारियों को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया. मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है और मुझे तब तक निलंबित कर दिया गया है.'
प्रहलाद जोशी ने पेश किया प्रस्ताव : अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पेश किया था. उन्होंने कहा, 'इस सदन ने अधीर रंजन चौधरी के सदन और अध्यक्ष के अधिकार की घोर उपेक्षा करते हुए किए गए घोर, जानबूझकर और बार-बार किए गए कदाचार को गंभीरता से लिया है और यह निर्णय लिया है कि उनके कदाचार के मामले को आगे की जांच के लिए सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए. अधीर रंजन चौधरी को सदन की सेवा से तब तक निलंबित किया जाए जब तक समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर देती.'
संसद की कार्यवाही से हटाए गए अधीर के शब्द : कांग्रेस ने इस कार्रवाई को 'अलोकतांत्रिक' बताया. लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने कहा, 'मोदी के खिलाफ बोलने के लिए पहली बार, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी (पार्टी) नेता अधीर रंजन चौधरी को निलंबित कर दिया गया. अविश्वसनीय. अलोकतांत्रिक. निरंकुशता की निंदा करें.' इससे पहले आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चौधरी की एक टिप्पणी को भाजपा सदस्यों की कड़ी आपत्ति के बाद कार्यवाही से हटा दिया गया था.
पहले भी इन बयानों को लेकर घिर चुके हैं अधीर :
ममता बनर्जी को बताया था 'दलाल' : भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 29 जनवरी 2023 को अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू कश्मीर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला था. ममता के भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए नहीं आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में अधीर ने कहा था कि 'हमारी पार्टी ने सभी को आमंत्रित किया है. जो लोग मोदी जी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं उन्हें एकजुट होना चाहिए. ये ममता से पूछें ममता जी क्यों नहीं आ रही हैं. वह दलाली कर रही हैं. हमें नहीं पता कि ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच क्या साठगांठ है. वह एक दलाल के रूप में काम कर रही हैं.'
राष्ट्रपति को लेकर दिया था आपत्तिजनक बयान : अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं. उनके बयान को लेकर भाजपा ने खूब हंगामा किया था. हालांकि बाद में अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि उनका इरादा कभी भी राष्ट्रपति का अनादर करने का नहीं था उनकी जुबान फिसल गई थी. साथ ही कहा था कि वह राष्ट्रपति मुर्मू से माफी मांगेंगे, लेकिन 'इन पाखंडियों' से नहीं.
मोदी पर पहले भी दे चुके आपत्तिजनक बयान : 2019 में एक प्रस्ताव पर बोलते हुए अधीर रंजन ने पीएम मोदी को 'गंदा नाला' बता दिया था. 2019 में एनआरएसी को लेकर कहा था कि 'मोदी और अमित शाह भी बाहरी हैं. अवैध तरीके से गुजरात से दिल्ली आए हैं.'
राजीव के समय थामा 'हाथ' अब सोनिया-राहुल के खास हैं अधीर : 1990 में लेफ्ट छोड़कर अधीर रंजन ने कांग्रेस का हाथ थामा था. ये वह समय था जब राजीव गांधी पार्टी के अध्यक्ष थे. अधीर ने उस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं को कांग्रेस में शामिल कराया था. इसका फायदा भी उन्हें मिला. 1991 में अधीर को मुर्शिदाबाद के नबाग्राम से टिकट मिला. हालांकि उन्हें 1300 वोट से हार का सामना करना पड़ा.
1991 के विधानसभा चुनाव के बाद अधीर पर सीपीएम कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगा. केस दर्ज हुआ, अधीर को जेल जाना पड़ा. 1996 के चुनाव तक अधीर जेल में ही थे. चुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस ने अधीर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. उन्हें दूसरी बार टिकट मिला लेकिन चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं मिली. अधीर ने जेल से भाषण रिकार्ड कर भेजे, नतीजा ये रहा कि अधीर ने यह चुनाव 20 हजार के रिकॉर्ड वोटों से जीता.
प्रणब के चुनाव मैनेजमेंट का जिम्मा संभाला : अधीर की बंगाल में पकड़ बढ़ती जा रही थी. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रणब मुखर्जी से 2004 में अधीर ने कहा था कि अगर वह जंगीपुर से चुनाव लड़ेंगे, तो जीत जाएंगे. ये वह समय था जब प्रणब 1977 और 1980 का चुनाव हार चुके थे. अधीर के कहने पर प्रणब ने जंगीपुर से चुनाव लड़ा. चुनाव मैनेजमेंट का जिम्मा अधीर ने संभाला. प्रणब चुनाव जीत गए. राष्ट्रपति बनने तक प्रणब इसी सीट से सांसद रहे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल के कद्दावर नेता प्रियरंजन दासमुंशी ने अधीर को पहली बार सोनिया से मिलवाया था. 2009 में प्रणब मुखर्जी को सोनिया ने बंगाल अध्यक्ष बनाकर भेजा. वहीं, 2012 में प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बन गए. बंगाल से मंत्रिमंडल कोटा भरने के लिए सोनिया ने अधीर पर भरोसा जताया था. अक्टूबर 2012 में अधीर मनमोहन कैबिनेट में शामिल किए गए.
अधीर को रेल राज्यमंत्री बनाया गया. 2014 चुनाव से पहले अधीर को बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया. कांग्रेस 4 सीटें जीती. 2016 के चुनाव में अधीर के नेतृत्व में कांग्रेस राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई. 2014 से 2019 तक लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नेता थे, लेकिन 2019 में वे चुनाव हार गए. 2020 में सोमेन मित्रा के निधन के बाद सोनिया ने अधीर से बंगाल में कांग्रेस की कमान संभालने के लिए कहा. अधीर इसके बाद कांग्रेस के भीतर काफी ताकतवर हो गए.