बक्सर: बक्सर में पुलिस का किसान परिवार के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार का वीडियो वायरल होने के बाद से बवाल जारी है. अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए सभी दोषी पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है. साथ ही ट्रांसफर के बावजूद बक्सर में डटे थानेदार अमित को जिले से बाहर भेज दिया गया है. उनको रोहतास विरमित कर दिया गया है. (lathicharged farmers in Buxar) (action against policemen in buxar) (buxar video viral)
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दोषी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर: डीआईजी नवीन चन्द्र झा (Buxar DIG Naveen Chandra Jha) ने कहा कि जो भी दोषी पुलिसकर्मी हैं उन्हें लाइन हाजिर किया जा रहा है. निलंबन और विभागीय कार्रवाई स्पष्टीकरण पूछकर करेंगे. जो भी वीडियो में दिख रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. थानेदार का पहले ही ट्रांसफर हो गया था इसलिए उनको हटाने का आदेश दिया गया है. उनको शोकॉज किया जाएगा. अगर थानेदार दोषी हैं तो कार्रवाई होगी.
थाना प्रभारी को हटाया गया: वहीं डीएम अमन समीर (DM Aman Sameer) ने कहा कि नियम के अनुसार किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है. बहुत से निर्णय राज्य सरकार करेगी. वीडियो की जांच हो रही है. एक्शन लिया जाएगा. जिला बदर ट्रांसफर हो चुके प्रभारी के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा. कुल 11 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. एसपी मनीष कुमार (SP Manish Kumar) ने कहा कि वायरल फुटेज हमने देखा है जांच की जा रही है.
किसान परिवार से मारपीट का वीडियो आया था सामने: दरअसल किसान पुलिस के रवैये से नाराज थे. किसानों ने पुलिस पर आतंकवादियों जैसा बर्बरतापूर्ण रवैया (buxar Police lathicharge) अपनाने का आरोप लगाया है. किसानों का आरोप है कि रात को 12 बजे ते करीब पुलिस ने एक किसान के घर में घुसकर मारपीट की. इस दौरान बच्चों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. पुलिस की लाठी की मार से किसान के पूरे घर में चीख पुकार मच गई. पुलिस के बर्बरता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसके बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. पुलिस की लाठियां बरसाने का वीडियो पीड़ित परिवार ने मीडिया से साझा किया. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने अपराधियों के सामने घुटने टेक दिए हैं. किसान मुआवजे की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस को इससे कोई लेना देना नहीं है.
किसानों का पुलिस प्रशासन पर आरोप: प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि चौसा में निर्माणाधीन पावर प्लांट के जमीन अधिग्रहण की एवज में किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला है. इसलिए वे अधिग्रहण के खिलाफ कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन मंगलवार देर रात बनारपुर गांव में पुलिस पहुंची और कुछ किसानों के घरों में घुसकर लोगों को बुरी तरह पीट दिया. इसका वीडियो किसानों के परिजनों ने साझा करके पूछा कि अपराधियों के सामने घुटने टेक देने वाली पुलिस ने आखिर हमें इतना बर्बरता से क्यों मारा?. किसानों का आरोप है कि पुलिस अपने साथ चार लोगों को गिरफ्तार कर ले गई.